Friday, April 19, 2024

दीपावली पर आतिशबाजी ने बढ़ाया वायु प्रदूषण

दीपावली के दूसरे दिन आज दिल्ली एनसीआर में आसमान को धुंध की चादर ने ढक दिया है। राजधानी दिल्ली और एनसीआर में दिवाली के मौके पर खूब आतिशबाजी हुई, जिसके बाद वायु गुणवक्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। दिल्ली में प्रदूषण का 05 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। विजिबिलिटी लेवल कई जगहों पर 25 मीटर तक पहुंच गई है। कई लोग जब आज सुबह उठे तो उनके गले में जलन थी और आंखों से पानी आ रहा था। सांस लेने में तकलीफ़ हो रही है।

दिल्ली में पटाखों पर बैन था, बावजूद इसके दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई। भाजपा और आरएसएस और तमाम फ्रिंज तत्वों ने पटाखे छुड़ाने के लिये बाकायदा मुहिम चलाई थी।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि भाजपा के लोगों ने कल रात जानबूझकर पटाखे जलवाए जिसके कारण दिल्ली की यह दुर्दशा हुई।

उन्होंने आगे कहा है कि – “दिल्ली में पिछले तीन दिनों से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इसके पीछे दो कारण है। एक तेजी से पराली जलने की घटनाएं बढ़ी हैं। 3,500 जगहों पर पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं। कुछ लोगों ने दीपावली पर जानबूझकर पटाखे जलाए जिसके कारण भी AQI (Air Quality Index) स्तर बढ़ा है। बीजेपी ने इसलिए पटाखे जलवाए कि ग्रीन पटाखे नहीं थे।

वहीं एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से हर साल 15 लाख लोगों की मौत होती है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दिल्ली में रहने वाले लोग वायु प्रदूषण के कारण अपने जीवन के 9.5 साल खो देते हैं।

लंग केयर फाउंडेशन (Lung Care Foundation) का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण हर तीसरे बच्चे को अस्थमा है।

ठंड ज्यादा होना प्रदूषण को बढ़ाने का कारण नहीं होता है। अभी प्रदूषण इसलिए ज्यादा है, क्योंकि अभी पराली जलाई जा रही है। दिवाली पर पटाखे चलाये गए और साथ ही हवा भी बिल्कुल नहीं चली। लेकिन ये सब नवम्बर तक रहेगा, उसके बाद ठीक हो जाएगा। दिवाली के आसपास राजधानी की हवा ख़तरनाक स्तर पर पहुंचती रही है। यही वजह है कि वर्ष 2016 में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक लेवल 431 तक चला गया था।

इसके एक साल के बाद इसमें कमी आई और साल 2017 में यह 319 रहा, हवा की गुणवत्ता तब भी हानिकारक श्रेणी में ही बनी रही। साल 2018 में 07 नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक 281 रहा, वहीं वर्ष 2019 में 27 अक्टूबर को यह 337 दर्ज किया गया। एक साल बाद 2020 में 14 नवंबर को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 414 था, जो नया रिकॉर्ड था। लेकिन इस बार दिवाली के दूसरे दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक के स्तर ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और यह 533 के नये पर पहुंच गया। जो कि अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।

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