Friday, March 29, 2024

कोवैक्सीन टीका वाले लोगों को यात्रा मंजूरी न मिलने को सरकार ने निराधार बताया

भारत सरकार ने शनिवार को उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि जिन लोगों को कोवैक्सीन का टीका लगाया गया है, वे विदेश यात्रा के लिए योग्य नहीं हो सकते हैं क्योंकि कई देशों ने अभी तक कोवैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कल एक प्रेस वार्ता में कोवैक्सीन टीका लेने वाले लोगों के यात्रा प्रतिबंध के दावे को निराधार बताते हुये कहा कि- “विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने उन लोगों के यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाने पर कोई निर्णय नहीं लिया है जिन्हें कोवैक्सीन का टीका लगाया गया है। कोवैक्सीन अब तक के सबसे प्रभावी टीकों में से एक है।”

गौरतलब है कि कई रिपोर्टों में कहा गया है कि दुनिया भर में 130 से अधिक देश वर्तमान में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) कोविशील्ड वैक्सीन को अपने देश में प्रवेश देने के लिए स्वीकार करते हैं जबकि कोवैक्सीन केवल नौ देशों में स्वीकार किया जाता है। इन रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि Covaxin अभी तक WHO की आपातकालीन उपयोग सूची (EUL) में नहीं है।

बता दें कि भारत बायोटेक निर्मित और भारत के स्वदेशी टीके के तौर पर बहुप्रचारित ‘कोवैक्सीन’ को विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से आपातकालीन यूज लिस्टिंग (EUL) में जगह नहीं मिली है। इससे भारत सरकार की चिंता बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि डब्ल्यूएचओ की तरफ से मंजूरी नहीं मिलने की वजह से कोवैक्सीन टीका लगवा चुके लोगों को विदेश यात्रा करने के लिए अभी इंतज़ार करना पड़ सकता है। ऐसे में सरकार ने कोवैक्सीन को WHO की ईयूएल लिस्ट में शामिल कराने में जुट गई है। डब्ल्यूएचओ के पास कोवैक्सीन की अप्रूवल रिक्वेस्ट पेंडिंग पड़ी हुई है। सरकारी सूत्रों के अनुसार सरकार भारत बायोटेक के अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रक्रिया को तेज कराने में जुट गई है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आपातकालीन यूज लिस्टिंग की तरफ से कोवैक्सीन को अभी मंजूरी नहीं मिली है। जिन देशों ने अंतरराष्ट्रीय यात्राओं की छूट दी है, उन्होंने अपनी खुद की रेग्युलेटरी अथॉरिटी या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की इमर्जेंसी यूज लिस्टिंग (EUL) की तरफ से स्वीकृत की गई वैक्सीन को ही मंजूरी दी है। इस सूची में मॉडर्ना, फाइजर, एस्ट्राजेनेका, जॉनसेन (अमेरिका और नीदरलैंड में), सिनोफार्म/BBIP और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की बनी हुई कोविशील्ड भी इस सूची में है, पर कोवैक्सीन नहीं है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा गाइडलाइंस डॉक्यूमेंट के अनुसार भारत बायोटेक ने इच्छा जाहिर की है। लेकिन डबल्यूएचओ की तरफ से अधिक जानकारी की ज़रूरत बताई गई है। उनके अनुसार प्री-सबमिशन मीटिंग मई-जून में प्लान की गई है, जिसके बाद फर्म की तरफ से डोजियर सबमिट किया जाएगा। इसकी समीक्षा के बाद WHO की तरफ से वैक्सीन को शामिल करने का फैसला किया जाएगा। इस प्रक्रिया में कुछ सप्ताह से लेकर महीने तक का समय लग सकता है।

टाइम्स ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार इस बारे में भारत के विदेश सचिव डॉ. हर्षवर्धन श्रृंगला सोमवार को कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक के अधिकारियों के साथ मीटिंग करेंगे।

गौरतलब है कि अगर कोई वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन की EUL की लिस्ट में नहीं है या फिर किसी विदेशी देश की तरफ से अप्रूव नहीं की गई है। ऐसी परिस्थिति में यात्री को नॉन-वैक्सीनेटेड माना जाएगा।

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles