Thursday, April 25, 2024

खुले में नमाज पर शाह के बयान के बाद भगवा गुंडों के आगे झुका गुरुग्राम प्रशासन, 8 स्थानों पर नमाज की अनुमति रद्द की

अयोध्या के विवादित ज़मीन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ‘बहुसंख्यक सेंटीमेंट’ के आगे झुकते हुये बहुसंख्यक तुष्टिकरण का जो रास्ता अपनाया प्रशासन भी उसी पर चल निकला है। गुरुग्राम प्रशासन ने 37 नामित स्थलों में से 8 स्थानों पर नमाज पढ़ने की अनुमति को रद्द कर दिया है। गौरतलब है कि गुरुग्राम में सेक्टर 12 में सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़ने का बजरंग दल और हिंदुत्ववादी संगठनों की तरफ से विरोध किया जा रहा था। भगवा कट्टरपंथियों के आगे झुकते हुये गुरुग्राम प्रशासन ने इन जगहों पर नमाज पढ़ने की अनुमति रद्द कर दी है।

गुरुग्राम पुलिस द्वारा एक बयान जारी करके कहा गया है कि गठित की गई समिति यह सुनिश्चित करेगी कि किसी सड़क, चौराहे या सार्वजनिक स्थान पर नमाज नहीं पढ़ी जाये। नमाज के लिए किसी स्थान की पहचान करने या उसे नामित करने का फैसला स्थानीय निवासियों की सहमति से होगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि नमाज अदा करने को लेकर स्थानीय क्षेत्र के निवासियों का कोई विरोध ना हो।

बता दें कि उक्त मामले में गुरुग्राम के उपायुक्त यश गर्ग ने एक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, एक एसीपी-स्तरीय पुलिस अधिकारी, हिंदू और मुस्लिम समुदायों के सदस्यों और सामाजिक संगठनों की एक समिति का गठन किया है। जिसके जरिए उन स्थानों की सूची तैयार की जाएगी, जहां भविष्य में शुक्रवार की नमाज पढ़ी जा सके।

2 नवंबर, 2021 मंगलवार को जिला प्रशासन ने जिन स्थानों पर नमाज अदा करने की अनुमति रद्द की है, उनमें बंगाली बस्ती सेक्टर-49, वी-ब्लॉक डीएलएफ-III, सूरत नगर फेज-1, खेड़ी माजरा गांव के बाहर, द्वारका एक्सप्रेसवे पर दौलताबाद गांव के पास, सेक्टर-68 गांव रामगढ़ के पास, डीएलएफ स्क्वायर टॉवर के पास और गांव रामपुर से नखडोला शामिल हैं। गौरतलब है कि मई 2018 में प्रशासन द्वारा हिंदू और मुस्लिम समुदायों के सदस्यों के साथ परामर्श कर 37 स्थलों को नमाज पढ़ने के लिए चिन्हित किया था।

इससे पहले गुरुग्राम पुलिस ने शुक्रवार की नमाज को बाधित करने का प्रयास करने के लिए हिंदुत्ववादी संगठन के सदस्यों सहित 26 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था। बता दें 22 अक्टूबर को गुड़गांव (गुरुग्राम) में सेक्‍टर 12-A की एक निजी संपत्ति पर शांतिपूर्वक नमाज अदा कर रहे मुस्लिमों को शुक्रवार को उग्र भीड़, जिसमें बजरंग दल के गुंडे शामिल थे, का सामना करना पड़ा था। भगवा गुंडों की भीड़ ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए थे। इससे इलाके में तनाव व्‍याप्‍त हो गया था। सेक्‍टर 47 में भी इसी तरह की घटना हुई थी जब सरकारी ज़मीन पर खुले में अदा की जा रही नमाज को रोकने या अंदर करने की मांग की गई थी।

जबकि दोनों ही मामलों-सेक्‍टर 47 और सेक्‍टर 12-A, में नमाज स्‍थल गुरुग्राम प्रशासन द्वारा चिन्‍हित उन 37 स्‍थानों का हिस्‍सा था, जहां पर मुस्लिमों को नमाज अदा करने की इज़ाज़त है। वर्ष 2018 में इसी तरह की घटना के सामने आने के बाद हिंदू और मुस्लिमों के बीच बातचीत के बाद यह स्‍थल तय किए गए थे। लेकिन सेक्‍टर 47 और सेक्टर 12 ए में पिछले चार सप्‍ताह से भगवा गैंग नमाज पढ़ने का विरोध कर रहा था।

सोमवार 1 नवंबर को मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्यों ने डीसी गर्ग से मुलाकात कर मांग की थी कि प्रशासन या तो उन्हें मस्जिद बनाने के लिए अतिरिक्त ज़मीन आवंटित करे या फिर 19 मस्जिदों और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त कराये।

मुस्लिम एकता मंच गुरुग्राम के अध्यक्ष शहजाद ख़ान ने 8 स्थानों पर नमाज की अनुमति वापस लेने को ‘असंवैधानिक’ बताते हुये कहा है कि, “हम समिति की बैठक में इसका विरोध करेंगे। मेरी समझ से परे है कि आखिर किस दबाव में यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि हमने अधिकारियों के साथ बैठकों में सहमति जताई थी कि अगर हिंदू समुदाय नमाज की जगह पर पूजा करना चाहता है तो हम सेक्टर 12 वाली जगह से स्थानांतरित हो जाएंगे।

शहजाद खान ने सवाल किया कि हमने बैठक में कहा था कि अगर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से अतिक्रमण हटा लिया जाता है तो हम वहां नमाज अदा कर सकते हैं। हम कहां नमाज अदा करेंगे? गुरुग्राम में 5 लाख से ज्यादा मुसलमान हैं और नमाज अदा करने के लिए सिर्फ़ 13 मस्जिदें हैं।

सभी 37 स्थानों पर खुले में नमाज नहीं होने देंगे

30 अक्तूबर को देहरादून की एक चुनावी रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा खुले में नमाज पर विवादित बयान के बाद गुरुग्राम में खुले में नमाज को लेकर विरोध और तेज हो गया है। जैसे ही खुले में नमाज को लेकर अमित शाह का बयान आया। वैसे ही संयुक्त संघर्ष समिति, विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिन्दू संगठन खुल कर खुले में नमाज़ के विरोध में एकजुट हो जिला प्रशासन के पास पहुंचे। संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति ने एलान किया है कि अब 2 नहीं बल्कि सभी 37 स्थानों पर किसी भी सूरत में खुले में नमाज नहीं होने देंगे। संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति के प्रधान महावीर भारद्वाज ने जिला प्रशासन की बैठक के बाद कहा है कि अब इस मामले में चूंकि गृह मंत्री अमित शाह जी का बयान भी आ चुका है।अतः जिला प्रशासन भी अब खुले में नमाज़ को लेकर गंभीरता से विचार करे।

अमित शाह का सांप्रदायिक बयान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 30 अक्तूबर को एक चुनावी रैली में सांप्रदायिक जहरबुझी टोन में कहा कि – ” जब मैं कांग्रेस सरकार के दौरान यहां आया था तो कुछ लोग मुझसे मिलने आए थे। मेरा काफिला रुक गया। मैंने पूछा, क्या हुआ? उन्होंने कहा कि सर, क्या आप नहीं जानते कि आज शुक्रवार है। मैंने पूछा शुक्रवार को क्या होता है? मुझे लगा कि मेरा सामान्य ज्ञान कमजोर हो गया है। उन्होंने मुझे बताया कि शुक्रवार को नमाज अदा करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने की अनुमति है। उन्होंने शुक्रवार को छुट्टी घोषित करने का साहस भी किया। साथियों, तुष्टिकरण करने वाले (कांग्रेस) देवभूमि का भला नहीं कर सकते”।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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