Friday, March 29, 2024

महू/इंदौर: बाबा साहेब के जन्मभूमि स्थल पर अवैध कब्जे के खिलाफ लोगों में रोष, मेधा पाटकर ने संभाला मोर्चा

इंदौर। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जन्म भूमि स्मारक संस्थान में अवैधानिक तरीके से चुनाव कराने और कब्जा करने के खिलाफ जन आक्रोश बढ़ता जा रहा है। समिति पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा करने के लिए फर्जी सदस्यों की नियुक्ति और उसके बाद कराए गए अवैध चुनाव के खिलाफ जहां अदालती लड़ाई लड़ी जा रही है, वहीं महू में जन्मभूमि स्थल को बचाने के लिए बड़े आंदोलन की तैयारी शुरू हो गयी है।

इस सिलसिले में राजनीतिक सामाजिक संगठनों की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और शासन को विरोध पत्र भेजे गए हैं, वहीं आज जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय की नेता मेधा पाटकर ने भी 3 घंटे महू में रहकर जन्मभूमि में चल रही कब्जे की अवैध गतिविधियों की जानकारी हासिल की और जन्मभूमि संस्थान से जुड़े मोहन राव वाकोड़े, मेश्राम और दिनेश सिंह कुशवाह को विश्वास दिलाया कि वे 27 तारीख को मुंबई पहुंचेगी और महाराष्ट्र के विभिन्न मंत्रियों और दलित आंदोलन के नेताओं से चर्चा कर जन्म भूमि पर अवैध कब्जे के खिलाफ बड़े जन आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगी तथा महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों से आग्रह करेंगी कि वे अंबेडकर विचार के खिलाफ और दलित आंदोलन में घुसपैठियों को बाहर करने के लिए अभियान चलाएं।

गौरतलब है कि महू स्थित डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर संस्थान की संचालन समिति में अवैधानिक तरीके से किए गए फेरबदल और जन्म भूमि की पवित्रता को नष्ट करने वाली साजिश पूर्ण कार्यवाही के खिलाफ देश भर के अंबेडकर अनुयायियों में आक्रोश फैलता जा रहा है। देशभर के विभिन्न राजनीतिक दल के पदाधिकारियों जन संगठनों और अंबेडकर अनुयायियों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि बाबा साहेब अम्‍बेडकर की जन्‍मभूमि महू में उनकी स्‍मृति में स्‍थापित स्‍मारक के संचालन के लिये अवैधानिक रूप से गठित की गई समिति को तत्‍काल प्रभाव से भंग कर विधिपूर्वक नियमानुसार गठित समिति को काम करने देने की व्यवस्था करें। किसान संघर्ष समिति सोशलिस्ट पार्टी इंडिया मध्य प्रदेश समाजवादी समागम लोहिया विचार मंच और अंबेडकर विचार मंच की ओर से पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, रामस्वरूप मंत्री, रामबाबू अग्रवाल, दिनेश सिंह कुशवाहा, पूर्व सांसद कल्याण जेएन आदि ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में कहा है क यह विडम्‍बना है कि जिन डॉ. बाबा साहेब अम्‍बेडकर ने संविधान का निर्माण कर नियमानुसार काम करने की व्‍यवस्‍था स्‍थ‍ापित की, उन्‍हीं की स्‍मृति में गठित स्‍मारक को अवैधानिक रूप से संचालित करने की कोशिश की जा रही है।

आप इस बात पर भी गौर करें कि डॉ. अम्‍बेडकर जन्‍म भूमि स्‍मारक महू शासन द्वारा वित्‍त पोषित संस्‍था है। जिस पर सोसायटी रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम के प्रावधान लागू होते हैं। सोसायटी में अब तक 22 सदस्‍य होते रहे हैं और इन्‍हीं सदस्‍यों में से ही अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष और कार्यकारिणी का गठन होता रहा है। स्‍मारक की सोसायटी गठित थी और विधिपूर्वक काम कर रही थी। सोसायटी के अध्‍यक्ष के असामयिक निधन के बाद कतिपय लोगों ने निजी स्‍वार्थ के चलते अनियमितताएं शुरू कर दीं। इन लोगों ने सोसायटी के 12-13 नये सदस्‍य बनाकर चुनाव की घोषणा भी कर दी। अवैधानिक रूप से बनाये गये सदस्‍यों के खिलाफ पंजीयक फर्म्‍स एंड सोसायटीज को शिकायत की गई।

पंजीयक ने समिति में बनाये गये नये सदस्‍यों को अवैधानिक माना और उनकी सदस्‍यता को निरस्‍त कर दिया। जिसकी अपील में पंजीयक आदेश को अवैधानिक रूप से निरस्‍त करते हुये नये सदस्‍यों की सदस्‍यता को पुन: बहाल कर दिया गया और समिति का चुनाव करा लिया गया एवं स्‍मारक का प्रभार ले लिया गया जबकि यह पूरा मामला माननीय उच्‍च न्‍यायालय में विचाराधीन है।

डॉ. अम्‍बेडकर की स्‍मृति में स्‍थापित स्‍मारक भारत के दलित, बौद्ध, व अनुसूचित वर्ग ही नहीं बल्कि सर्व समाज के लिये एक महत्वपूर्ण व श्रद्धा स्‍मारक है। जिसके संचालन के लिये अवैधानिक रूप से गठित समिति द्वारा काम करने और समिति का स्‍वरूप बदलने से संस्‍था के गठन का मूल उद्देश्‍य एवं अनुसूचति जाति वर्ग की भावनाएं आहत हुई हैं।

पत्र में मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि आप इस पूरे संवेदनशील मामले को सर्वोच्‍च प्राथमिकता में लेते हुये डॉ. अम्‍बेडकर स्‍मारक महू के संबंध में न्‍यायपूर्ण एवं निष्‍पक्ष निर्णय लेकर विधिपूर्वक गठित समिति को कार्य करने के संबंध में तत्काल आवश्यक आदेश जारी करें। और जन्म भूमि की पवित्रता को बनाए रखने के लिए ऐसे तत्वों पर तत्काल कार्रवाई करें जो बाबा साहब के स्मारक पर जबरिया कब्जा कर उसकी पवित्रता को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।

जन्मभूमि स्मारक पर अवैध कब्जे की इस कोशिश के खिलाफ जहां मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। वहीं देश भर के अंबेडकर अनुयायियों को एकत्रित कर महू में एक बड़े जन आंदोलन की तैयारी की जा रही है इसके लिए 13 अप्रैल तक सतत आंदोलन चलाने के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही महू में यह सतत आंदोलन शुरू होगा। जिसमें देश भर के अंबेडकर अनुयाई और दलित आंदोलन से जुड़े नेताओं के साथ समाजवादी और अंबेडकरवादी राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता भी शिरकत करेंगे।

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