Wednesday, April 17, 2024

आगरा: मरीजों की छंटनी के लिये मौत का मॉकड्रिल

सोशल मीडिया पर आगरा स्थित पारस अस्पताल के डॉ अरिन्जय के चार वीडियो वॉयरल हुये हैं। वीडियो में डॉ. अरिन्जय जैन कबूल कर रहे हैं कि मरीजों की छंटनी के लिए मॉकड्रिल की गई थी। जिसमें मरीजों की ऑक्सीजन आपूर्ति शून्य कर दी गई। इस दौरान पांच मिनट में 22 मरीज छंट गए।

मामले में आगरा जिलाधिकारी प्रभु एन.सिंह ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देते हुये मीडिया से कहा है कि “वायरल वीडियो 28 अप्रैल, 2021 का है। इस मामले में ठीक से जांच की गई है। इनके (पारस हॉस्पिटल) पास ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में थी। 26 व 27 अप्रैल को ऑक्सीजन की थोड़ी सी कमी हुई थी। जिसे हमने 48 घंटे में सामान्य कर लिया था। पारस अस्पताल में 26 अप्रैल को कोरोना के चार मरीजों की मौत हुई है। कोई भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। वहां आईसीयू में अन्य मरीज भी भर्ती थे। 22 मौतों की बात सत्य नहीं है, लेकिन इसकी न्यायिक जांच कराई जाएगी। 

जिलाधिकारी प्रभु एन. सिंह ने आगे कहा है कि “जहां तक वीडियो वायरल होने का सवाल है तो ये इनका कार्य गलत है, जिससे जनता में भय पैदा हो। महामारी अधिनियम में इनके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज़ किया जा रहा है। पारस हॉस्पिटल को सील किया जा रहा है।”

गौरतलब है कि अप्रैल के आखिरी सप्ताह में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चरम पर थी। ऑक्सीजन और बेड के लिए यूपी में हाहाकार मचा हुआ था। 

चार वायरल वीडियो में पारस अस्पताल के संचालक डॉ. अरिन्जय जैन अस्पताल के आईसीयू स्टाफ के साथ 26 अप्रैल का किस्सा बयान कर रहे हैं।  वो बता रहे हैं कि अस्पताल में 26 अप्रैल को सुबह सात बजे ऑक्सीजन बंद करने की मॉकड्रिल की गई। इस दौरान अस्पताल में 96 मरीज भर्ती थे। संचालक डॉ. अरिन्जय जैन वीडियो में बता रहे हैं कि इस मॉकड्रिल में 22 मरीजों की मौत हो गई। 74 मरीज बचे जिनके तीमारदारों से ऑक्सीजन सिलिंडर मंगाए गए। इस संबंध में डीएम का कहना है कि चार की मौत हुई थी, मामले की न्यायिक जांच कराई जाएगी। 

आरोपी डॉ. अरिन्जय जैन का कहना है कि यह वीडियो 28 अप्रैल का है। मॉकड्रिल का मतलब मरीजों में ऑक्सीजन की खपत जांचना था। ऑक्सीजन बंद नहीं की गई। 22 मरीजों की मौत नहीं हुई है। वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। 

बता दें कि पिछले साल अप्रैल 2020 में पारस अस्पताल के संचालक डॉ. अरिन्जय जैन और प्रबंधक के विरुद्ध डीएम प्रभु एन सिंह ने महामारी फैलाने के आरोप में मुक़दमा दर्ज़ कराया था। आरोप था कि अस्पताल ने बिना प्रशासन को सूचित किए कोरोना मरीज भर्ती किए। फिर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। इससे 10 जिलों में संक्रमण फैला था। अस्पताल में दस महीने तक कोविड मरीज भर्ती पर रोक लगी रही। फिर शासन स्तर से एक जनप्रतिनिधि की पैरवी पर मुक़दमा खत्म हो गया। अप्रैल में दोबारा पारस अस्पताल को कोविड मरीज भर्ती करने की अनुमति मिल गई थी।

22 हत्याओं की कहानी हत्यारे का जुबानी 

सोशल मीडिया पर पारस अस्पताल के संचालक डॉ. अरिन्जय के चार वीडियो वायरल हुये हैं। आइये सुनते हैं कि चारों वायरल वीडियो में वो कह क्या रहे हैं- 

1- पहले वीडियो में – 

डॉ. अरिन्जय जैन: मेरे पास ट्रेडर का फोन आया। संभवी वाले का… कहां हो बॉस आप कहां हो.. मैंने कहा-राउंड ले रहा हूं। उसने कहा-राउंड लेते रहना, हम मिलने आ रहे हैं। मैंने पूछा क्या हो गया। वह बोले-अरे नहीं, बॉस कत्ल की रात है। मुझे लगा कोई कांड हो गया ऑक्सीजन का। 12 बजे वह आया। उसने कह दिया सर सुबह तक का माल है। मोदी नगर ड्राई हो गया। गाजियाबाद ड्राई हो गया। दिल्ली से गाड़ी आ नहीं रही। माल नहीं आ पाएगा। मैंने कहा-कैसी बात करते हो ऑक्सीजन नहीं मिलेगी क्या, उसने कहा-कहां से मिलेगी। डीएम साहब ऑक्सीजन नहीं देंगे, कहां से देंगे। हम तो उसकी (ट्रेडर) बात को हल्के में ले रहे थे। आधा घंटा तो स्वीकार करने में लगा कि ऐसी घटना भी हो सकती है आगरा में कल। मरीज भर्ती थे 96… मेरे पास 12 घंटे का समय था।

2- दूसरे वीडियो में – 

डॉ. अरिन्जय जैन : मेरे पास 12 घंटे का समय था, या ये सब मर जाएंगे या इन्हें रेफर कर दो। दिमाग बिल्कुल खत्म, कोई रास्ता दिखा ही नहीं। एक घंटे तक वार्डों में फोन किया कि कैसे बचें ये मरीज। रात एक बजे एक पत्र लिखा तीमारदारों के लिए आवश्यक सूचना। कि आगरा में पावर सप्लाई ऑक्सीजन की खत्म हो गई है। मरीजों के तीमारदार कहीं से इंतजाम कर लें। सुबह 10 बजे तक समय है। पत्र दिया नरेंद्र, गौरव चौहान को, लालजीत को। कहा कि सभी मरीजों को पढ़ा के आओ। नोटिस चस्पा करते तो वायरल हो जाता। ढाई बजे रात में हड़कंप। अस्पताल के बाहर तीमारदार इकठ्ठा हो गए। 

दूसरा शख्स: जीवन ज्योति में तो खूब मारपीट हुई।

डॉ. अरिन्जय जैन : अरे नहीं मेरे यहां कोई घटना नहीं हुई है। मैं रिसेप्शन पर आया। सभी लोग लॉबी में खड़े थे। लोगों को समझाया तो लोग बोले कि हम जिएं या मरें कहां जाएंगे। सभी ने जाने से इनकार कर दिया।

3- तीसरे वीडियो में- 

डॉ. अरिन्जय जैन : इसके बाद फैसला हो गया कि कोई कहीं नहीं जाएगा। हमने कहा इतना बड़ा कांड हो गया, लास्ट ईयर कांड तो कुछ भी नहीं था। अब लिखा जाएगा कि पारस में 96 मरीजों की मौत। दूसरे शख्स ने कहा-मौत का मंजर देखने को मिलेगा। अब तो हो गया खेल खत्म। अब कैरियर भी खत्म। 304 लिखवाएंगे पत्रकार, मानेंगे नहीं। जेल भी होगी। आखिरी रात है, क्या करते फिर से मैंने ऑक्सीजन का ग्रुप पकड़ा। उस पर एक बड़ा पत्र डाला। अपनी मजबूरी लिखी। मैंने पत्र डाला कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है। मैंने त्यागी वेंडर्स आदि से मदद मांगी। कुछ लोगों का रिप्लाई आया। एक ने 5 सिलेंडर देने की बात कही। मैंने कहा इससे क्या होगा। दो लाख, पांच लाख, दस लाख की गाड़ी ले लो, लेकिन सिलेंडर दे दो। भोपाल या कहीं से भी दिलवाओ। जिंदगी बचानी थी, कैरियर बचाना था। मैंने कहा-सोने का भाव लगा दो, टैंकर खड़ा करो। कैसे भी खड़ा करो। मुख्यमंत्री भी सिलेंडर नहीं दिलवा सकता था।

4- चौथे वीडियो में-

डॉ. अरिन्जय जैन : मैंने आईएमए के संजय चतुर्वेदी को फोन किया। वह बोले-बॉस कि आप मरीजों को समझाओ, डिस्चार्ज करना शुरू करो। ऑक्सीजन कहीं नहीं है। मुख्यमंत्री भी ऑक्सीजन नहीं मंगा सकता। मोदीनगर ड्राई हो गया है। मेरे तो हाथ-पांव फूल गए। कुछ लोगों (मरीजों के परिवार वालों को) को व्यक्तिगत समझाना शुरू किया। कहा-समझो बात को। कुछ पेंडुलम बने रहे.. नहीं जाएंगे… नहीं जाएंगे। कोई नहीं जा रहा है। फिर मैंने कहा दिमाग मत लगाओ अब वो छांटो जिनकी ऑक्सीजन बंद हो सकती है। एक ट्राई मार दो। पता चल जाएगा कि कौन मरेगा कौन नहीं। मॉक ड्रिल सुबह 7 बजे की। शून्य कर दिए… 22 मरीज छंट गए, 22 मरीज। नीले पड़ने लगे हाथ पैर, छटपटाने लगे, तुरंत खोल दिए। 

दूसरा शख्स : कितने देर की मॉक ड्रिल थी। 

डॉ. अरिन्जय जैन : 5 मिनट में 22 मर गए। इसके बाद तीमारदारों से कहा कि अपना अपना सिलेंडर लेकर आओ। सबसे बड़ा प्रयोग यही रहा।

विपक्ष ने बोला सरकार पर हमला 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस मामले में जिम्मेदार कौन है ये मसला उठाते हुये ट्विटर पर तंज भरे लहजे में कहा है – “PM: “मैंने ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी। ”

CM: “ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं। कमी की अफवाह फैलाने वालों की संपत्ति जब्त होगी।”

मंत्री: “मरीजों को ज़रूरत भर ऑक्सीजन दें। ज्यादा ऑक्सीजन न दें।”

आगरा अस्पताल: “ऑक्सीजन खत्म थी। 22 मरीजों की ऑक्सीजन बंद करके मॉकड्रिल की।”

ज़िम्मेदार कौन? “

वहीं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुये कहा है कि “भाजपा शासन में ऑक्सीजन व मानवता दोनों की भारी कमी है। इस ख़तरनाक अपराध के ज़िम्मेदार सभी लोगों के ख़िलाफ़ तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए। दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।” 

वहीं राहुल गांधी के ट्वीट से खुन्नस खाये योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि “ये यूपी है, हम कार्रवाई कर रहे हैं। राहुल गांधी को और भी विषय पर ध्यान देना चाहिए। बहुत से राज्य भी हैं, जिसकी तरफ उनको रुख करना चाहिए। उत्तर प्रदेश अपना काम करना भली-भांति जानता है”। 

सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आगे कहा है कि “अस्पताल ने जघन्य अपराध किया है, कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी और सीएमओ के स्तर से जांच की जा रही है। छोड़ा नहीं जाएगा। जो कृत्य अस्पताल ने किया है, उसकी सजा उन्हें मिलेगी। हम छोड़ेंगे किसी को भी नहीं।” 

(जनचौक के विशेष संवाददाता सुशील मानव की रिपोर्ट।)

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