Friday, March 29, 2024

महबूबा ने तकरीबन डेढ़ साल बाद ली खुली हवा में सांस, पहले बयान में ही कहा- वापस लेकर रहेंगे छीना हुआ अपना हक

सुप्रीम कोर्ट में हिरासत में रखने से जुड़े मामले पर अगली सुनवाई होने से महज दो दिन पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया। 434 दिन की लंबी नजरबंदी के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने खुली हवा में सांस ली। रिहा होने के बाद उन्होंने कहा, “अब हमें ये याद रखना है कि दिल्ली दरबार ने 5 अगस्त को अवैध और अलोकतांत्रिक तरीके से हमसे क्या लिया था, हमें वो वापस चाहिए।” उन्हें पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले केंद्र सरकार ने हिरासत में ले लिया था। इसके बाद से ही वह अपने घर पर नजरबंद थीं। उनके घर को उपजेल घोषित किया गया था। वहीं कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज अभी भी हिरासत में हैं।

मंगलवार को रिहा होने के बाद महबूबा के ट्विटर हैंडल से उनका एक ऑडियो मैसेज शेयर किया गया। अपने मैसेज में उन्होंने कहा, “मैं आज एक साल से भी ज्यादा अरसे के बाद रिहा हुई हूं। इस दौरान 5 अगस्त, 2019 के काले दिन का काला फैसला, हर पल मेरे दिल और रूह पर वार करता रहा और मुझे अहसास है कि यही कैफियत जम्मू-कश्मीर के तमाम लोगों की रही होगी। हममें से कोई भी शख्स उस दिन की डाकाजनी और बेइज्जती को कतई भूल नहीं सकता।”

अपने आडियो संदेश में उन्होंने आगे कहा, “हम सबको इस बात का इरादा करना होगा कि दिल्ली दरबार ने 5 अगस्त को ग़ैर-संवैधानिक, ग़ैर-लोकतांत्रिक, ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से हमसे जो छीन लिया, उसको वापस लेना होगा। बल्कि उसके साथ-साथ कश्मीर समस्या जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में हज़ारों लोगों ने अपनी जानें गंवाई, उसको हल करने के लिए हमें अपनी जद्दोजहद जारी रखनी होगी। मैं मानती हूं कि यह राह क़तई आसान नहीं होगी, लेकिन मुझे यक़ीन है कि हम सब का हौसला और इरादा यह दुश्वार रास्ता तय करने में हमारा मददगार होगा। आज जबकि मुझे रिहा किया गया है, मैं चाहती हूं कि जम्मू-कश्मीर के जितने भी लोग मुल्क की अलग-अलग जेलों में बंद पड़े हैं, उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।”

महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने अपनी मां को बंदी बनाए जाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल की है। पिछले महीने 29 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय में हुई सुनवाई में अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा था कि केंद्र सरकार किस आदेश के तहत और कब तक महबूबा मुफ़्ती को हिरासत में रखना चाहती है। कोर्ट ने तुषार मेहता से एक हफ़्ते में जवाब दाख़िल करने के लिए कहा था। उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई 15 अक्टूबर तक टाल दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट में पेशी से पहले ही सरकार ने महबूबा को रिहा कर दिया है।

पिछले साल मोदी सरकार ने संविधान से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर को विभाजित कर केंद्र शासित प्रदेश बनाने से पहले राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत तमाम अहम नेताओं को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में ले लिया था। पीएसए के तहत 444 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इनमें से ज्यादातर लोगों की अब तक रिहाई हो चुकी है। कुछ लोगों को इस शर्त पर रिहा किया गया है कि वे कोई भी सियासी बयान जारी नहीं करेंगे।

नजरबंद किए गए लोगों में महबूबा मुफ्ती के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ ही कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज भी शामिल हैं। सभी को उनके घरों पर नजरबंद कर दिया गया था और बाहर पहरा था। इन नेताओं के कहीं भी आने-जाने पर पाबंदी थी। फारूख और उमर को पहले ही रिहा किया जा चुका है। अलबत्ता पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की हिरासत की अवधि अगस्त में तीन महीने और बढ़ा दी गई थी।

आखिरकार 14 महीने और आठ दिन के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने महबूबा को रिहा कर दिया। महबूबा को उनके फेयरव्यू बंगले में हिरासत में रखा गया था। हिरासत के साथ ही प्रशासन ने इस बंगले को उपजेल घोषित किया था। जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव सूचना रोहित कंसल ने इस बात की जानकारी दी थी।

महबूबा मुफ्ती की रिहाई की खबर के बाद उनकी बेटी इल्तिजा ने उनके ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर के उनका साथ देने वालों का शुक्रिया अदा किया। महबूबा की गैरमौजूदगी में उनका ट्विटर अकाउंट उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती हैंडल कर रही थीं। इल्तिजा ने ट्वीट किया, “महबूबा मुफ्ती की गैरकानूनी हिरासत की अवधि खत्म होने के साथ ही मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी जिन्होंने इस दौरान मेरा साथ दिया। मैं आप सभी की अहसानमंद हूं। अब मैं इल्तिजा, इस अकाउंट से साइन ऑफ कर रही हूं। अल्लाह उन्हें अपनी अमान में रखे।”

रिहाई के साथ ही महबूबा मुफ्ती सिसायी तौर पर सक्रिय हो गई हैं। पीडीपी ने एलान किया है कि महबूबा 16 अक्तूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी।

इस बीच महबूबा के सियासी मुखालिफ और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उन की रिहाई पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “करीब एक साल से ज्यादा समय से हिरासत में चल रहीं महबूबा मुफ्ती साहेबा की रिहाई की खबर सुनकर मैं बेहद खुश हूं। उनकी लगातार बढ़ती हिरासत एक त्रासदी थी और जम्हूरियत के मूलभूत अधिकारों के खिलाफ थी। आपका स्वागत है महबूबा।”

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