Friday, March 29, 2024

नवजोत सिंह सिद्धू के चैनल से गरमाई पंजाब की सियासत

सियासत में करीब नौ महीने से ‘लापता’ नवजोत सिंह सिद्धू खुद द्वारा शुरू किए यूट्यूब चैनल ‘जित्तेगा पंजाब’ के जरिए पंजाब की राजनीति में वापस लौट आए हैं। चैनल के जरिए सियासी गतिविधियां तेज करने की सिद्धू की कवायद के बाद सूबे की राजनीति गर्मा रही है। पहली प्रस्तुति में ही उन्होंने साफ संकेत दे दिया है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, उनका खेमा और शिरोमणि अकाली दल तथा बादल घराना उनके सीधे निशाने पर होंगे। नवजोत सिंह सिद्धू के यूट्यूब चैनल पर कांग्रेस फिलहाल पूरी तरह खामोश है। शिरोमणि अकाली दल ने आलोचना की है तो आम आदमी पार्टी ने स्वागत किया है।                       

गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने शिरोमणि अकाली दल और बादल परिवार के विरोध में भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा था। सिद्धू चाहते थे कि भाजपा, शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन तोड़ ले। सोनिया गांधी, प्रियंका और राहुल गांधी से कई मुलाकातों के बाद उन्होंने कांग्रेस में प्रवेश किया था। कांग्रेस आलाकमान ने तब उन्हें पार्टी के राज्य की सत्ता में आने के बाद उपमुख्यमंत्री का ओहदा देने का वादा किया था। पार्टी सत्ता में तो आई लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह के पुरजोर विरोध के चलते सिद्धू को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। 

मंत्री पद दिया गया। उसमें भी बाद में फेरबदल करके उनका कद घटा दिया गया। पहले दिन से ही उनकी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अदावत शुरू हो गई थी। आखिरकार पिछले साल 16 जुलाई को सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा देकर सियासी गतिविधियों और मीडिया दोनों से पूरी तरह किनारा कर लिया था। इस दौरान वह कहीं नजर नहीं आए। कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के निशाने पर रहने वाले प्रकाश सिंह बादल, सुखवीर सिंह बादल और विक्रमजीत सिंह मजीठिया सुकून में थे। लेकिन अचानक यूट्यूब चैनल के जरिए सामने आकर नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने तमाम प्रतिद्वंद्वियों अथवा विरोधियों को नए सिरे से बेचैन कर दिया है।                    

अपना चैनल ‘जित्तेगा पंजाब’ जारी करते हुए सिद्धू ने कहा कि पंजाब में पिछले कुछ सालों से सिर्फ चार-पांच हुक्मरानों ने कब्जा किया हुआ है और अब अवाम की आवाज को बुलंद करना होगा। इस चैनल में उन लोगों को अपने विचार, इंटरव्यू और संवाद का खुला न्योता दिया जाएगा जो पंजाब की तरक्की के प्रति नई सोच रखते होंगे। वह बोले कि नौ महीनों के आत्ममंथन और आत्म उत्थान के बाद वह पंजाब के ज्वलंत मुद्दों पर आवाज बुलंद करेंगे। इस चैनल के माध्यम से राज्य के पुनर्निर्माण और एक कल्याणकारी स्टेट के रूप में ठोस रोड मैप पर विचार और चर्चा करेंगे।

उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके करीबी कतिपय मंत्रियों को कटघरे में खड़ा किया है। वह कहते हैं, “मेरा चैनल ‘जित्तेगा पंजाब’ लोगों को नई राजनीतिक सोच और बदलाव के लिए पुख्ता मंच मुहैया कराएगा। सूबे की हुकूमत चार-पांच नेताओं की खटिया से बंधी हुई है। उसे मुक्त कराना बेहद जरूरी है। नहीं तो पंजाब बर्बाद हो जाएगा।” नवजोत सिंह सिद्धू का यह कथन कैप्टन और बादलों पर बहुत बड़ा प्रहार है। संकेत साफ हैं कि आने वाले दिनों में वह और ज्यादा आक्रामक होंगे और इससे यकीनन कांग्रेस तथा शिरोमणि अकाली दल की मुश्किलों में इजाफा होगा।                         

सोशल प्लेटफॉर्म के मार्फत नवजोत सिंह सिद्धू की सियासी गतिविधियों में वापसी पर शिरोमणि अकाली दल ने तल्ख टिप्पणी की है। दल के प्रवक्ता चरणजीत सिंह बराड़ के अनुसार, “नवजोत लंबे अरसे से मीडिया के सवालों से बचते रहे और अब खुद का चैनल शुरू करके जनता से जुड़ने की बात कर रहे हैं, साथ ही मीडिया पर आरोप लगा रहे हैं कि मीडिया उनके बयानों को तोड़ मरोड़ कर पेश करता है। उधर, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक और प्रवक्ता अमन अरोड़ा कहते हैं, “सिद्धू के यूट्यूब चैनल के नाम से ही साफ है कि बीते 70-72 साल से पंजाब लगातार हारता रहा है और कुछ चुनिंदा पार्टियों के नेताओं ने अपने हित के लिए राज्य का इस्तेमाल किया है और इसे लूटा है। सिद्धू ने सही कदम उठाया है।”                                         

इस पत्रकार ने कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं से नवजोत सिंह सिद्धू के चैनल पर प्रतिक्रिया चाही तो कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं हुआ। नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक कांग्रेसी विधायक ने इतना जरूर कहा कि यह तय है, सिद्धू का चैनल मुख्यमंत्री और उनकी मंडली के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बनेगा।                                     गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू चैनल के जरिए ऐन उस वक्त सामने आए हैं, जब पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे करने जा रही है और पिछले चुनाव में भविष्य में राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री ने फिर चुनाव लड़कर मुख्यमंत्री बनने की मंशा जाहिर की है।                     

राज्य में माना जा रहा है कि सिद्धू का यूट्यूब चैनल ‘जित्तेगा पंजाब’ उनका राजनीतिक भविष्य तय करेगा। बीते विधानसभा चुनाव में वह स्टार प्रचारक थे और उनमें भीड़ जुटाने की अच्छी क्षमता है। बड़बोलेपन के बावजूद उन्हें पाक साफ नेता माना जाता है। पंजाब कांग्रेस में फिलहाल कैप्टन अमरिंदर सिंह का हाथ सबसे ऊपर माना जाता है और वह आलाकमान को भी दरकिनार करके चलते हैं। जब तक कैप्टन हावी हैं तब तक राज्य कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू की प्रासंगिकता बहाल होना मुश्किल है। अपना चैनल शुरू करने से पहले सिद्धू ने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक वह बेनतीजा रही। कयास लगाए जा रहे हैं कि दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नवजोत सिंह सिद्धू अपनी पार्टी भी बना सकते हैं या फिर ‘उस’ राजनीतिक दल के साथ जा सकते हैं जो उन्हें भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित करेगा।

(अमरीक सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और आजकल जालंधर में रहते हैं।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles