Tuesday, April 23, 2024

दिल्ली पुलिस की नई थ्योरी, लाल किले को नया धरना स्थल बनाना चाहते थे किसान

रामदेव के एलोपैथी बयान के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस भी कोरोना संकट में जनाक्रोश का सामना कर रही मोदी सरकार को राहत दिलाने और मीडिया विमर्श को दूर दिशा में मोड़ने के लिये नया मसाला लेकर आयी है। 

दरअसल दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में नया खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक प्रदर्शनकारियों का मक़सद सिर्फ़ लाल किले पर निशान साहिब और किसान संगठन का झंडा लगाना ही नहीं था, बल्कि वे लाल किले को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का नया ठिकाना बनाना चाहते थे।

3,232 पन्नों की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि प्रदर्शनकारियों ने पहले से बनाई गई साजिश को कैसे अंजाम दिया था। पुलिस का कहना है कि लाल किले में घुसी भीड़ का मकसद यह था कि किले को अपने मोर्चे और धरने का नया ठिकाना बनाकर वहीं से आंदोलन को आगे बढ़ाया जाए। लाल किले पर निशान साहिब और किसानों का झंडा फहराने के लिए आरोपियों ने जानबूझकर गणतंत्र दिवस का दिन चुना ताकि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़े।

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में बताया है कि हिंसा की साजिश का प्लान पता लगाने के लिए पुलिस ने ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन से पंजाब-हरियाणा में हर महीने ट्रैक्टरों की बिक्री के आंकड़े मांगे थे।

एसोसिएशन से मिले डेटा का एक तुलनात्मक विवरण देकर दिल्ली पुलिस ने अपनी साजिश वाली थ्योरी को पुख्ता साबित करने की कोशिश की है। 

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन से मिले डेटा में पता चला कि नवंबर 2019 के मुकाबले नवंबर 2020 में पंजाब में ट्रैक्टरों की खरीद 43.53% बढ़ गई थी। इसी तरह जनवरी 2020 के मुकाबले जनवरी 2021 में ट्रैक्टरों की बिक्री में 85.13% का इजाफा हुआ था।

चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने बताया है कि दिसंबर 2019 के मुकाबले दिसंबर 2020 में पंजाब में ट्रैक्टरों की खरीद 95% बढ़ गई थी। जबकि इसी दौरान किसान आंदोलन पीक पर था।

जबकि हरियाणा में नवंबर 2020 में ट्रैक्टरों की खरीद 31.81% और दिसंबर में 50.32% बढ़ गई थी। जनवरी 2021 में इसमें 48% इजाफा हुआ था। 

दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि लाल किला में हिंसा की साजिश को अंजाम देने के लिए पैसे का भी इस्तेमाल हुआ था। पुलिस का कहना है कि इकबाल सिंह 19 जनवरी को किसी मीटिंग के लिए पंजाब के तरनतारण गया था। गौरतलब है कि लाल किले पर निशान साहिब का झंडा फहराने वाले ज्यादातर आरोपी भी तरनतारण के ही हैं। पुलिस ने इकबाल सिंह की बेटी की बातचीत के एक कथित ऑडियो का भी जिक्र किया है। इस ऑडियो में इकबाल की बेटी अपने रिश्तेदार से बातचीत में कह रही है कि उन्हें 50 लाख रुपए मिलने वाले हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 16 आरोपियों में से एक इकबाल सिंह ने पूछताछ में दिल्ली पुलिस को बताया है कि सिख फॉर जस्टिस ग्रुप ने उसे लाल किले पर निशान साहिब का झंडा लगाने में कामयाब होने पर कैश देने का वादा किया गया था।

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