Friday, March 29, 2024

गाजीपुर: चोरी बताकर पुलिस ने पहले मजदूरी का पैसा छीना, विरोध करने पर भेज दिया जेल

लखनऊ। भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने गाजीपुर जिले के जमानिया में दलितों-गरीबों पर पुलिस जुल्म की घटना में सरकार से न्याय की मांग की है। पार्टी ने कहा है कि तीन सप्ताह से भी अधिक समय से लगातार शांतिपूर्ण धरना-भूख हड़ताल करने के बावजूद जिला प्रशासन कान में तेल डाले बैठा है और यदि यही हाल रहा, तो इसे राज्यव्यापी मुद्दा बनाया जाएगा।

गुरुवार को यहां जारी बयान में माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि पार्टी के केंद्रीय समिति सदस्य व अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव इश्वरी प्रसाद कुशवाहा गत 12 अप्रैल से जमानिया के रामलीला मैदान में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। इसके पहले, पार्टी वहां 24 मार्च से लगातार धरना दे रही है, जो 30 मार्च से क्रमिक भूख हड़ताल में बदल गया।

पूरे मामले की जानकारी देते हुए माले राज्य सचिव ने बताया कि बीती 13 मार्च की रात करीब 11 बजे जमानिया कस्बे के पांडे मोड़ पर चार मजदूर गिट्टी उतारकर लौटे और अपनी मजदूरी का पैसा आपस में बांटने लगे। उसी समय पुलिस पहुंची और चोरी का पैसा होने का आरोप लगाकर मजदूरी के रुपए उन लोगों से छीन लिए। मजदूरों ने विरोध किया तो जमानिया थाने से और पुलिस बुला ली और मारपीट शुरू कर दी। थोड़ी देर में पूरे सर्किल क्षेत्र के थानों की पुलिस बुला ली गई और मजदूरों के भैदपुर गांव में भारी तबाही, मारपीट, लूट और घरों में तोड़फोड़ की गई। 

थाने में भी पीटा गया। उसके पहले, महिलाओं और लड़कियों को घरों में बुरी तरह पीटा गया। कुछ लड़कियों के साथ छेड़खानी भी हुई। दलित, मुसहर व बिंद परिवारों के 26 लोगों को फर्जी आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया है, जिनमें 20 पुरुष और 6 महिलाएं हैं। इनके खिलाफ जमानिया थाने में दर्ज मुकदमे (अपराध संख्या- 0084/2022) में आईपीसी की 147, 148, 149, 307, 323, 332, 333, 353, 427, 504, 506 और 7 सीएलए एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। दूसरी तरफ, दोषी पुलिसकर्मी पूरी तरह आजाद घूम रहे हैं।

कामरेड सुधाकर ने कहा कि घटना के अगले दिन यानी 14 मार्च को दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए जिले में वरिष्ठ अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया गया। 15 मार्च को गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक से पार्टी का प्रतिनिधिमंडल मिला। वार्ता के बाद पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ने मौके पर पीड़ित महिलाओं और बच्चों का बयान दर्ज किया, लेकिन आज तक न तो घायलों का मेडिकल हुआ और न ही प्रशासन की तरफ से कोई कार्रवाई की गई है।

राज्य सचिव ने कहा कि पार्टी की मांग है कि जेल भेजी गईं छह महिलाओं समेत सभी निर्दोष मजदूरों-गरीबों को अविलंब बिना शर्त रिहा किया जाए। फर्जी मुकदमा वापस लिया जाए। घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए। घायल छोटे बच्चों और महिलाओं का मेडिकल कराकर जमानिया कोतवाल सहित दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस द्वारा जब्त किये गए मजदूरी के 3200 रु0 मजदूरों को वापस दिलाया जाए। मजदूर परिवारों के तोडे़ व बर्बाद किए गए सभी सामानों का मुआवजा दिया जाए। प्रभावित परिवारों के लिए खाद्यान्न एवं अन्य जरूरी सामानों की व्यवस्था की जाए। गरीब एवं मुसहर परिवार जहां बसे हैं, उस जमीन का उनके नाम पट्टा किया जाए।

राज्य सचिव ने कहा कि गरीबों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे माले के वरिष्ठ नेता इश्वरी प्रसाद कुशवाहा डायबिटीज के मरीज हैं और उनके स्वास्थ्य में गिरावट जारी है। उनके साथ दर्जनों कार्यकर्ता भी समर्थन में दिन-रात अनशन स्थल पर बैठे हैं।

उन्होंने कहा कि योगी सरकार में कानून और संविधान पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। गाजीपुर पुलिस का उक्त कृत्य अमानवीय व लोकतंत्र विरोधी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles