Saturday, April 20, 2024

सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी गिरफ्तार

दन्तेवाड़ा। सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी को दंतेवाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक यह गिरफ्तारी धारा 151 के तहत की गयी है। गिरफ्तारी उस समय की गयी जब सोनी सोरी जेल बंदियों की रिहाई की मांग को लेकर सभा करने जा रही थीं। सभा में दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले के ग्रामीण पहुंचे थे। जिला प्रशासन ने सभा आयोजन की अनुमति नहीं दी थी। सभा के लिए तीनों जिले के ग्रामीण पालनार क्षेत्र में एकत्रित हुए थे।

गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए मनीष कुंजाम ने कहा कि जब आदिवासी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात रखने पहुंच रहे थे, तब आंदोलन को कुचला जा रहा है। सोनी सोरी की गिरफ्तारी गलत तरीक़े से की गई है। इससे आंदोलन आगे और तेज होगा।

सभा में जुटे लोग और सुरक्षा बलों के जवान।

आप को बता दें कि सोनी सोरी 4 अक्तूबर को दन्तेवाड़ा जिला प्रशासन से जेल में बंद कैदियों की रिहाई के मामले को लेकर कुआकोंडा में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करना चाहती थीं। प्रशासन ने आवेदन में भीड़ की संख्या और आंदोलन का समय नहीं दर्शाने के साथ नक्सलग्रस्त इलाके में सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी।

हिरासत में सोनी सोरी

प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के बाद भी रैली के लिए अंदरुनी इलाके बुरगुम, अरनपर, पोटाली, नीलावाया, बर्रेम, जबेली, पोरदेम, चिरमुर, गोडेरास से हजारों ग्रामीण पालनार में जमा हो गये थे। मौके की नजाकत को देखते हुए फोर्स भी महिला कमांडो के साथ मौजूद थी। रैली के लिए सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी के पालनार पहुंचने के बाद महिला कमांडो ने उन्हें अरेस्ट कर गाड़ी में बैठा लिया और फिर दन्तेवाड़ा लेकर चली गयीं। सोनी सोरी की गिरफ्तार होते ही ग्रामीण अपने-अपने गांव के तरफ चल दिए।

सभास्थल से वापस लौटते लोग।

प्रशासन की तरफ से कुआकोंडा तहसीलदार और किरन्दुल एसडीओपी देवांश राठौर ने पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया। वामपंथी दल से संबद्ध रखने वाले मनीष कुंजाम ने इस गिरफ्तारी को पुलिस की तानाशाही करार देते हुए कहा कि आंदोलन में कोई भी आदिवासी पारम्परिक हथियार भी नहीं लेकर आया था। सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि जेल बन्द आदिवासियों की वह रिहाई कर देगी। लेकिन अब उसके लिए सभा तक वह नहीं करने दे रही है।

(बस्तर से जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

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