सुकमा जिले में नक्सल हमले के आरोपी बनाए गए 121 ग्रामीण एनआईए कोर्ट से दोषमुक्त

बस्तर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के बुर्कापाल में हुए नक्सल हमले के आरोपी बनाए गए 121 ग्रामीण दोष्मुक्त घोषित कर दिए गए हैं। ये फैसला NIA की विशेष अदालत ने सुनाया है। NIA कोर्ट के न्यायाधीश दीपक कुमार देशलहरे की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। घटना अप्रैल 2017 की है। नक्सलियों ने बुर्कापाल में जवानों पर हमला कर दिया था। जिसमें 25 जवानों की शहादत हुई थी। घटना के आरोप में 2 महीने के अंदर 121 ग्रामीणों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। किसी को नक्सली तो किसी को नक्सल सहयोगी बताकर पकड़ा गया था। दंतेवाड़ा NIA कोर्ट में इसका ट्रायल के बाद फैसला आया है।

सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीणों की तरफ से इस केस की वकील बेला भाटिया ने बताया कि, दंतेवाड़ा की NIA कोर्ट का फैसला ग्रामीणों के पक्ष में आया है। साक्ष्य न मिलने पर 121 ग्रामीणों को दोषमुक्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बुर्कापाल का ये केस बस्तर का एक उदाहरण है यह बताने के लिए कि बस्तर में पुलिस की प्रक्रिया कैसे चलती है। साल 2017 की घटना थी। 2 महीने में 121 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया और कई कठोर धाराएं लगा दीं। साल 2017 की घटना का ट्रायल साल 2021 को दंतेवाड़ा को NIA कोर्ट में हुआ। कोई ठोस सबूत न मिलने पर ग्रामीणों को दोषमुक्त कर दिया गया है।

दरअसल, 24 अप्रैल 2017 को सुकमा जिले के बुर्कापाल में CRPF की 74वीं बटालियन के जवान सड़क निर्माण सुरक्षा में निकले थे। जवान खाना खाने बैठे। पहले से घात लगाए नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर दिया था। इस घटना में 25 जवानों की शहादत हुई थी और 7 जवान घायल हुए थे। जबकि एक माओवादी भी मारा गया था। पूरी घटना का वीडियो भी नक्सलियों ने साल भर बाद जारी किया था। मई और जून 2017 में बुर्कापाल और आस-पास के गांवों से 120 ग्रामीणों को गिरफ्तार किया गया।

फिर एक महिला को नक्सली बताकर पकड़ा गया। इन 121 लोगों पर UAPA की धारा 38,39, छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम की धाराएं 8(1)(3)(5) , आर्म्स एक्ट (धाराएं 25, 27) विस्फोटक प्रदार्थ अधिनियम (धाराएं 3, 5), भारतीय दंड संहिता (धाराएं: 147, 148, 149, 120(B), 307, 302, 396, 397) के तहत केस दर्ज किया गया, इस केस को ग्रामीणों की ओर से बेला भाटिया समेत 5 से ज्यादा वकीलों की टीम लड़ रही थी।

(बस्तर से जनचौक संवाददाता तामेश्वर सिन्हा की रिपोर्ट।)

तामेश्वर सिन्हा
Published by
तामेश्वर सिन्हा