Friday, April 19, 2024

टीआरपी स्कैमः पार्थो का मुंबई पुलिस से कुबूलनामा, उसे अर्णब से मिले थे 12 हजार डॉलर और 20 लाख रुपये

बार्क इंडिया के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने मुंबई पुलिस को दिए एक लिखित बयान में क़ुबूल किया है कि रेटिंग से छेड़छाड़ करके रिपब्लिक टीवी को नंबर एक दिखाने के लिए उनको चैनल के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी ने 12 हजार डॉलर दिए थे। सिर्फ इतना ही नहीं उनको तीन साल के दौरान कुल 40 लाख रुपये भी अर्णब गोस्वामी द्वारा दिए गए थे।

बता दें कि टीआरपी में छेड़छाड़ करने के बदले पैसे लेने-देने की यह जानकारी उस सप्लिमेंट्री चार्जशीट से मिली है, जो कि टीआरपी घोटाले मामले में पुलिस द्वारा दायर की गई है।

बार्क इंडिया के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने अपने बयान में लिखा है, “मैं अर्णब गोस्वामी को साल 2004 से जानता हूं। हम टाइम्स नाउ में एक साथ काम किया करते थे। मैंने बार्क के सीईओ के तौर पर 2013 में ज्वॉइन किया था और अर्णब गोस्वामी ने साल 2017 में रिपब्लिक टीवी लॉन्च किया था। रिपब्लिक लॉन्च करने से पहले उसने मुझसे कई बार योजना को लेकर बात की थी और रेटिंग के लिए मदद करने की बात भी कही थी। गोस्वामी को पता था कि मुझे मालूम है कि टीआरपी सिस्टम कैसे काम करता है?”

लिखित बयान में आगे बताया गया है, “मैं अपनी टीम के साथ काम करता था और टीआरपी में छेड़छाड़ करता था, जिससे कि रिपब्लिक टीवी को नंबर एक रेटिंग मिल सके। यह लगभग साल 2017 से 19 तक जारी रहा। 2017 में अर्णब गोस्वामी ने मुझे करीब 6000 डॉलर कैश दिए। इसके बाद 2019 में भी उन्होंने मुझे इतनी ही राशि दी। 2017 में भी गोस्वामी ने मुझ से मुलाकात की और मुझे 20 लाख रुपये कैश दिए। 2018 और 2019 में उन्होंने मुझे 20 लाख रुपये दिए।”

इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक मुंबई पुलिस की दूसरी चार्जशीट के अनुसार, पार्थो दासगुप्ता का बयान क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के कार्यालय में 27 दिसंबर, 2020 को 5.15 बजे दो गवाहों की उपस्थिति में दर्ज किया गया था।

टीआरपी स्कैम मामले में 3600 पन्नों की सप्लिमेंट्री चार्जशीट मुंबई पुलिस द्वारा 11 जनवरी को मुंबई की अदालत में दायर की गई थी, जिसमें बार्क फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट भी शामिल थी। साथ ही साथ दासगुप्ता और गोस्वामी के बीच की व्हाट्सएप चैट भी शामिल है। इसके अलावा बार्क के पूर्व कर्मचारी और केबल ऑपरेटर समेत 59 लोगों के बयान शामिल हैं।

इस मामले में सप्लिमेंटरी चार्जशीट पुलिस की तरफ से पार्थो दासगुप्ता, BARC के पूर्व सीओओ रोमिल रामगढ़िया और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी के खिलाफ दायर की गई थी। बता दें कि नवंबर 2020 में इस मामले में करीब 12 लोगों के खिलाफ पहली चार्जशीट दायर की गई थी।

वहीं मुंबई पुलिस द्वारा चार्जशीट दायर किए जाने के बाद पार्थो दासगुप्ता के वकील अर्जुन सिंह ने अपने मुवक्किल का बचाव करते हुए कहा है, “हम इस आरोप से पूरी तरह से इनकार करते हैं, क्योंकि बयान को दबाव में दर्ज किया गया होगा। कानून की अदालत में इसका कोई स्पष्ट मूल्य नहीं है।”

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।

Related Articles

AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 100% ईवीएम-वीवीपीएटी सत्यापन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT डेटा के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा। याचिका में सभी VVPAT पर्चियों के सत्यापन और मतदान की पवित्रता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। मतदान की विश्वसनीयता और गोपनीयता पर भी चर्चा हुई।