Friday, April 19, 2024

क्या अडानी को देने के लिए किया जा रहा है जेवर एयरपोर्ट का निर्माण?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट की नींव रख दी है। केंद्र और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का दावा है कि यह एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। जेवर एयरपोर्ट 1,300 हेक्टेयर में फैला होगा। अभी भारत में सबसे बड़ा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा है। जेवर हवाईअड्डा दिल्ली-एनसीआर में बनने वाला दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। जेवर एयरपोर्ट देश का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जिसमें मल्टी-मॉडल कार्गो हब की तरह बनाया गया है। यह भारत का पहला नेट-जीरो उत्सर्जन वाला एयरपोर्ट होगा। कहा जा रहा है कि यह 30 हजार करोड़ की लागत से बनेगा।लाख टके का सवाल है कि जब मोदी सरकार एक-एक करके देश के प्रमुख हवाई अड्डों को अडानी समूह को बेच रही है तो क्या जेवर हवाई अड्डा भी अडानी को देने के लिए टैक्स की कमाई से बनाया जा रहा है।   

जेवर एयरपोर्ट पर शुरुआत में 2 रनवे बनाया जाएगा। लेकिन इसे बढ़ाकर 6 रनवे किया जाएगा, जो कि एक साथ ऑपरेट होगा। जब सभी 6 रनवे बनकर तैयार हो जाएंगे तो फिर जेवर एयरपोर्टt भारत ही नहीं, एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। यही नहीं, जेवर एयरपोर्ट दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक होगा। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर 3 रनवे हैं। 

सरकार का लक्ष्य है कि साल 2024 से जेवर एयरपोर्ट शुरू हो जाए। यानी 36 महीने के बाद लोग जेवर एयरपोर्ट से उड़ान भर सकेंगे। लेकिन इसके विस्तार पर काम आगे भी चलता रहेगा। इस एयरपोर्ट पर बनने वाले कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी।  इसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन तक किया जाएगा।  जेवर का ये एयरपोर्ट एकदम हाईटेक होगा। हर सुविधा से लैस, विकास का सबसे बड़ा मॉडल। यहां एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे। 

जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में 10,050 करोड़ रुपये की लागत आएगी। कहा जा रहा है कि इस एयरपोर्ट की वजह से करीब 35000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इस एयरपोर्ट के पहले चरण में सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की क्षमता होगी। जबकि 2040-50 के बीच जेवर हवाईअड्डा सालाना 7 करोड़ यात्रियों को संभालेगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि जेवर एयरपोर्ट के बनने से 1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।जेवर एयरपोर्ट में सालाना करीब 7 करोड़ यात्रियों की क्षमता होगी। इसमें 186 एयरपोर्ट स्टैंड होंगे। जेवर एयरपोर्ट 51 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा। नोएडा एयरपोर्ट के शुरू होने से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का दबाव कम होगा। 

इस बीच समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन पर सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि यह कैसी सरकार है जो एक तरफ तो हवाई अड्डे बेच रही है और दूसरी तरफ नया बना रही है। उन्होंने कहा कि यदि लोग अपना मन बना लें, तो 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ेगा क्योंकि जनता को इतनी दुख तकलीफ किसी सरकार ने नहीं दी होगी, जितनी भारतीय जनता पार्टी सरकार ने दी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां सपा के सहयोगी दल जनवादी पार्टी सोशलिस्ट की जनक्रांति महारैली में कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग आज शिलान्यास करने गये हैं। 

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने कहा था कि हवाई चप्पल से चलने वाला हवाई जहाज से चलेगा। ऐसे कितने गरीब हैं जिन्होंने हवाई जहाज से यात्रा की है? देश में जितने भी हवाई अड्डे हैं सब घाटे में हैं। दिल्ली का हवाई अड्डा कई हजार करोड़ रूपये के घाटे में हैं।एयर इंडिया घाटे में है,बिक गया ।निजी एयरलाइन भी घाटे में हैं।यह नया हवाई अड्डा इस लिये बन रहा है कि जब यह बनकर तैयार हो जायेगा भारतीय जनता पार्टी उसको भी बेच देगी ।

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कमलनाथ ने कहा कि हवाई अड्डे की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन इस हवाई अड्डे के निर्माण पर 30,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस रकम से अगर हमारे किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाए, तो इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और देश को ज्यादा लाभ होगा। कमलनाथ ने उत्तर प्रदेश के जेवर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोएडा अंतरराष्ट्रीय विमान-तलकी नींव रखे जाने के औचित्य पर गुरुवार को सवाल उठाए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सरकार के खजाने की हालत पर सवाल दागते हुए यह भी कहा कि सरकार जेवर में नया हवाई अड्डा बनाए, पर इसे बनाने की धन राशि कहां से आएगी?

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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