Thursday, March 28, 2024

मध्य प्रदेश में रेत माफिया राज! साहित्यकार उदय प्रकाश को मार डालने की मिली धमकी

देश और दुनिया वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से लड़ने और लोग अपनी जान बचाने की मुहिम में लगे हैं, वहीं मध्य प्रदेश में रेत माफिया लोगों की जान लेने पर तुले हैं। लॉकडाउन के दौरान राज्य में पूरी तरह रेत माफिया का राज रहा। राज्य में पिछले 4 महीने के दौरान उप जिलाधिकारी, एसडीओपी, तहसीलदार, थानाध्यक्ष, सब इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही तक रेत माफिया के हमले के शिकार हो चुके हैं। ताजा घटनाक्रम में विश्व के जाने माने और भारत में सर्वाधिक पढ़े जाने वाले साहित्यकार उदय प्रकाश को ट्रक से कुचलकर मार देने की धमकी मिली है।

उदय प्रकाश की गलती यह थी कि उन्होंने सड़क और उनके घर की बाउंड्री तोड़ रही रेत से भरी ट्रकों को रोकने की कोशिश की। रेत से लदे वाहनों ने उनके घर के बाहर से गुजरने वाली निजी सड़क की हालत बदतर कर दी है, जिसके सुधार के लिए उन्होंने स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया था।

मंगलवार को उन्होंने रेत माफियाओं के वाहनों को रोका तो खनिज विभाग सहित माफिया के तमाम गुर्गे भी पहुंच गए। माफिया के गुर्गे उदय प्रकाश को धमकियां देने लगे। इस बीच, एक युवक ने उन्हें ट्रक से कुचलकर मार देने की धमकी दी। उदय प्रकाश ने इस मसले पर कहा, “मैंने रेत से भरे ट्रकों की आवाजाही पर विरोध जताया, इसलिए माफिया के लोगों ने मुझे धमकी दी। अभी मैंने पुलिस में शिकायत नहीं की है।”

उदय प्रकाश सामान्यतया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के वैशाली इलाके में रहते हैं। कोरोनावायरस के प्रसार के पहले वह अपने पैतृक आवास अनूपपुर पहुंचे। उसके बाद हुए लॉकडाउन से वह गांव में ही फंस गए। वह सोन नदी के किनारे गांव में सुकून महसूस करते हैं। उनके मकान से सटे सोन नदी बहती है। वहीं से खनन माफिया बालू निकालते हैं। उदय प्रकाश का कहना है कि उनके घर के सामने बनी सड़क उनकी पुश्तैनी जमीन है।

उन्होंने तत्कालीन जिला कलेक्टर अजय शर्मा को पत्र लिखकर वह जमीन जिला प्रशासन को सड़क के लिए दे दी थी, जिससे स्थानीय निवासियों की सुचारु आवाजाही सुनिश्चित हो सके। स्थानीय लोग रेत माफिया के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे उदय प्रकाश के साथ हैं, लेकिन राजनीति और अपराध जगत के कॉकटेल के कारण वे विवश हैं।

पहले भी मिल चुकी है परिवार को मारने की धमकी

मई 2018 में रेत माफियाओं ने उदय प्रकाश के बेटे शांतनु और उनकी पत्नी कुमकुम को रिवॉल्वर दिखाते हुए गोली मार देने की धमकी दी थी। उस समय अनूपपुर के एसपी सुनील जैन ने कहा था कि पहले क्या हुआ, मैं नहीं बता सकता, मैं उस वक्त ट्रेनिंग पर था। सोन नदी में अवैध खनन होने की शिकायत बिल्कुल गलत है। उस समय उदय प्रकाश के परिवार के खिलाफ मिली धमकियों को लेकर साहित्य जगत के लोगों ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे।

2018 में मिली धमकियों के बाद जब उदय प्रकाश का परिवार प्रशासन से शिकायत की तो माफिया ने उनके खिलाफ भी शिकायत दर्ज करा दी। इस समय उदय प्रकाश के खिलाफ 4 मुकदमे दर्ज हैं, जो अपराधियों ने उनके खिलाफ दर्ज कराए हैं। साहित्य जगत की वैश्विक हस्ती उदय प्रकाश को भारत की प्रशासनिक व्यवस्था, कानून, नेता व माफियाओं के गठजोड़ ने मुकदमों में उलझा रखा है।

मध्य प्रदेश में रेत माफियाओं का राज

मध्य प्रदेश में रेत माफियाओं पर कोई कानून नहीं चलता। जानकारों का कहना है कि इसमें स्थानीय नेताओं से लेकर प्रदेश के आला नेताओं का माफियाओं के साथ गठजोड़ काम करता है, जिसके चलते अधिकारी पूरी तरह बेबस नजर आते हैं और जो भी अधिकारी या पुलिस विभाग का व्यक्ति माफिया का विरोध करता है, उसे मारने पीटने से लेकर हत्या तक कर देने की घटनाएं सामने आ जाती हैं। कुछ घटनाओं से मध्य प्रदेश में माफिया राज के बारे में समझा जा सकता है।

·         मध्य प्रदेश के कटनी में 11 अगस्त 2020 को रेत माफिया पर ग्रामीणों ने लाठी डंडों से हमला कर दिया, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। कटनी के बरही थाना क्षेत्र के नदावन गांव के केशव तिवारी ने रेत निकाल रहे माफिया का विरोध किया। रेत माफिया भी वहां पहुंच गया। रेत माफिया के लोगों ने तिवारी पर हमला कर दिया। उसके बाद गांव के लोग भी उग्र हो गए और रेत माफिया व उसके साथियों को दौड़ा दौड़ाकर पीटने लगे।

·         मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में विजयपुर के गढ़ी चेकपोस्ट पर 17 जुलाई 2020 को रेत माफिया ने पुसिलकर्मियों पर हमला कर दिया। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर राजेन्द्र जादौन को धमकाते हुए चाटा मारा और धक्का देकर जमीन पर पटक दिया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामला सामने आया, जिसमें पुलिसकर्मी रेत माफिया के सामने गिड़गिड़ा रहे हैं।

·         विजयपुर के गोहटा रोड पर ट्रैक्टर ट्रॉली पकड़ने पर 15 से ज्यादा रेत माफियाओं ने 26 जून, 2020 को सहायक कलेक्टर और प्रभारी एसडीएम नवजीवन विजय और तहसीलदार अशोक गोबड़िया के साथ हाथापाई की। रेत माफिया अधिकारियों को धमकाते हुए रेत के ट्रैक्टर-ट्रॉली ले गए।

·         मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में 28 जून 2020 को रेत माफिया ने अपने बेटे के साथ रेत के अवैध भंडारण के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंचे वन रक्षक देवशरण और श्रमिक राम नरेश यादव के साथ मारपीट की। वन रक्षक को आरोपियों ने जमकर पीटा और उसकी वर्दी फाड़ डाली।

·         देवास में एसडीओपी ने 29 जून, 2020 को दो पुलिस जवानों के साथ रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली रोकने की कोशिश की। आरोपी ने एसडीओपी के ड्राइवर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। इस बीच, माफिया ने अन्य साथियों को भी बुला लिया। उसके बाद सभी ने पुलिस जवानों पर हमला कर दिया, जिसमें एसडीओपी के ड्राइवर और  पुलिसकर्मी संदीप जाट घायल हो गए।

·         गढ़ी चेकपोस्ट पर रेत माफिया ने मई 2020 को दो कांस्टेबल को बुरी तरह पीटा। सिपाहियों ने तत्कालीन थाना प्रभारी सतीश साहू से इसकी शिकायत की, लेकिन रेत माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 3 दिन बाद दोनों कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया।

·         बैतूल जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर शाहपुर थाना क्षेत्र में ग्राम गुवाड़ी के पास 19 मई, 2020 को रात साढ़े 11 बजे अवैध रेत खनन कर रहे माफिया के गुर्गों ने राजस्व और पुलिस की टीम पर जानलेवा हमला किया। वाहनों पर पथराव में 2 पटवारी, तहसीलदार के वाहन चालक गंभीर रूप से घायल हो गए और तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर और शाहपुर थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी देवनारायण यादव को मामूली चोटें आईं।

·         लॉकडाउन के दौरान नरसिंहपुर जिले में रात के अंधेरे में नर्मदा के साथ उसकी सहायक नदियों में अप्रैल 2020 में रेत का खनन हुआ। रेत माफिया इसका भंडारण कर रहे थे, जिससे मॉनसून शुरू होने पर महंगे दाम पर रेत बेची जा सके। स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत की। इसके बारे में जिले के खनिज अधिकारी रमेश पटेल ने कहा कि लॉकडाउन और कोरोना संकट को लेकर पुलिस बल अभी अन्य कामों में लगा है। सुरक्षा बल की कमी है। रेत खनन की शिकायतें आई हैं, लेकिन फोर्स मिलने के बाद ही कार्रवाई की जा सकती है।

·         व्यावरा शहर की अजनार नदी के किनारे मोहनीपुरा गांव के पास अवैध रेत ले जाने वाले ट्रैक्टरों को पकड़ने गई राजस्व टीम पर मार्च, 2020 में हमला हुआ। तहसीलदार की मौजूदगी में कार्रवाई करने पहुंचे आरआई ओपी चौधरी पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई, जिसे आस पास खड़े पटवारियों ने किसी तरह रोका। माफिया सरकारी कर्मियों से ट्रैक्टर छीनकर ले गए।

यह सिर्फ लॉकडाउन के दौरान की घटनाएं हैं। इसके पहले मुरैना में रेत माफिया ने डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाहा को दिसंबर 2018 में ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला था। इसी जिले में चंबल नदी से अवैध उत्खनन रोकने की कवायद कर रहे युवा आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार को रेत माफिया ने मार दिया था। इसके बाद मुरैना में ही तीन अलग-अलग घटनाओं में रेत माफिया ने 3 सिपाहियों की हत्या कर दी।

मार्च 2018 में भिंड में रेत माफिया का स्टिंग ऑपरेशन करने वाले स्थानीय न्यूज़ चैनल के पत्रकार संदीप शर्मा (35 साल) को रेत ले जाने वाले खाली ट्रक ने सिटी कोतवाली पुलिस थाने के सामने कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसका सीसीटीवी कैमरे का फुटेज भी वायरल हुआ था। वहीं 23 अक्टूबर, 2017 भिंड जिले में मघारा गांव के एक किसान जसराम पुरवंशी द्वारा रेत माफिया को अपने खेत से निकलने का रास्ता नहीं देने पर माफिया द्वारा किसान के घर पर गोलीबारी की गई। गोलीबारी में एक ग्रामीण घायल हो गया।

ये घटनाएं नजीर हैं कि मध्य प्रदेश में भाजपा का शासन आते ही किस तरह से रेत माफिया सक्रिय हो जाते हैं। अधिकारी से लेकर पुलिस कर्मी तक रेत माफियाओं के हमले व अपमान झेलने को विवश हैं।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)  

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