नई दिल्ली। सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स ने पूरे देश में भारत बंद का ऐलान किया है। मजदूर संगठनों के इस हड़ताल में कई किसान संगठन भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल और केरल समेत कई राज्यों में बुधवार को भारत बंद का असर दिखा। केरल में चक्का जाम की कोशिश हुई। वहीं कई राज्यों में बैंक का कामकाज भी प्रभावित हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं। हड़ताल का कारण सरकार का नया श्रम कानून है। देश के 10 ट्रेड यूनियन विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं।
केरल के कोयंबटूर में तमाम बसें रोकी गईं, जबकि कोझीकोड में भी भारत बंद का असर देखने को मिला। यहां सड़कों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद नजर आया। कोट्टायम में दुकानें और शॉपिंग मॉल बंद रहे। कोच्चि में सड़कें खाली नजर आईं। यहां भी भारत बंद पूरी तरह से नजर आया। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में वामपंथी दलों के यूनियन ने जादवपुर में पैदल मार्च निकाला और भारत बंद में हिस्सा लिया।
जादवपुर रेलवे स्टेशन पर हंगामा
जादवपुर रेलवे स्टेशन पर लेफ्ट यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। कई कार्यकर्ता रेलवे स्टेशन के अंदर घुस गए। बंद की वजह से कई जगहों पर ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है। कोलकाता में कुछ जगहों पर आगजनी की घटना भी हुई है। वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम करने की कोशिश, लेकिन मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को मौके से भगा दिया।
ट्रेड यूनियन क्यों कर रहे हैं हड़ताल
ट्रेड यूनियन की हड़ताल का अहम कारण सरकार के चार नई श्रम संहिताओं को लागू करना है। ट्रेड यूनियन का मानना है कि नई श्रम संहिताओं की वजह से काम के घंटे बढ़ेंगे और ऐसे में कंपनी के मालिकों को ज्यादा फायदा मिलेगा। वहीं कर्मचारियों की दिक्कत बढ़ेगी। नई संहिता की वजह से हड़ताल करना भी मुश्किल होगा। उनका यह भी मानना है कि इसके कारण नौकरी और सैलरी खतरे में आ सकती है।
देशव्यापी आम हड़ताल के समर्थन में मजदूर संगठनों ने की सभा
भागलपुर। देशव्यापी आम हड़ताल के समर्थन में मजदूर संगठनों-ऐक्टू, सीटू, इंटक, सेवा व एटक ने मंगलवार को स्थानीय स्टेशन चौक पर सभा की। इसके पहले पूरे शहर और आस-पास के इलाकों, मजदूर बस्तियों व मजदूरों के जमावड़े वाले चौक -चौराहों पर माइक प्रचार किया। माइक प्रचार की शुरुआत चम्पानगर के मेदनी चौक पर सभा कर की गयी।

सभा को मुख्य रुप ऐक्टू के राज्य सह जिला सचिव मुकेश मुक्त, सीटू के जिला सचिव दशरथ प्रसाद, इंटक के जिला अध्यक्ष रवि कुमार, सेवा की मौसम देवी, एटक के मनोहर शर्मा, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के अमित गुप्ता, BSSRU के सुभोजितसेन गुप्ता, घरेलू कामगार संघ की अनीता शर्मा व विश्वविद्यालय कर्मचार संघ के रामा मंडल ने सम्बोधित किया।

सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने हड़ताल के मुद्दों की विस्तृत चर्चा की। गरीबों – मजदूरों के वोटबंदी की भाजपाई साजिश का पुरजोर विरोध करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भारत में ऐसा पहली बार हो रहा है सरकार मतदाता चुनने की कोशिश कर रही है, यह देश के लोगों के नागरिक अधिकार पर हमला है, इस संविधान विरोधी प्रक्रिया को पूरी तरह बंद किया जाए और पुराने मतदाता सूची के आधार पर आगामी विधानसभा चुनाव कराया जाए।

वक्ताओं ने आरोप लगाया कि केंद्र और कई राज्य सरकारों के सहयोग से कॉरपोरेटों / नियोक्ताओं के वर्ग ने मजदूरों पर हमले जारी रखे हैं। कार्य के घंटे एकतरफा बढ़ाए जा रहें हैं। वैधानिक न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा का उल्लंघन किया जा रहा है। मजदूरों की छंटनी बेरोकटोक किए जा रहें हैं। बिना वजह मजदूर संगठनों का निबंधन तक खारिज किया जा रहा है। यह सब बदनाम लेबर कोड्स को चुपके से लागू करने का प्रयास है।

देश का मजदूर वर्ग इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। बार-बार कहने के बावजूद सरकार ने, न तो मजदूर संगठनों से मिलने की जहमत उठाई और न ही अब तक भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) बुलाया। इसके खिलाफ बुधवार को मजदूर हड़ताल के पक्ष में सड़कों पर उतरेंगे और अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करेंगे। वक्ताओं ने आम नागरिकों से हड़ताल का समर्थन करने और इसे शानदार रुप से सफल बनाने की की अपील की।
(सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स, भागलपुर की प्रेस विज्ञप्ति)