कार्ल मार्क्स: जिसने दुनिया बदलना और समझना सिखाया 

[मार्क्सवाद के अंदर बहुत से सिद्धांत हैं, लेकिन अंतिम रूप से उन सबको सिर्फ एक पंक्ति में समेटा जा सकता…

चीन की ‘सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति’: ‘क्रांति भीतर क्रांति’

मई 1966 को शुरू हुई चीन की ‘महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रांति’ को 57 वर्ष पूरे हो रहे हैं। लेकिन अभी…

बस्तर पर बमबारी का ‘राजनीतिक अर्थशास्त्र’

इसी साल 11 जनवरी को सुबह 11 बजे दक्षिण बस्तर में बीजापुर जिले के मडकनगुडा, मेतुगुडा बोटेथांग, सकलीर, मडीनागुडा, कन्नेमर्का,…

जब तक सरकारें अडानी-अंबानी की जेब में हैं,  तब तक असमानता कोई खत्म नहीं कर सकता 

भारत में सबसे तेज़ गति से बढ़ता हुआ सेक्टर ‘आईटी सेक्टर’ नहीं है, यह असमानता का सेक्टर है।                                                                                                                          -पी. साईनाथ…

‘हिस्टीरिया’: जीवन से बतियाती कहानियां!

बचपन में मैंने कुएं में गिरी बाल्टियों को ‘झग्गड़’ से निकालते देखा है। इसे कुछ कुशल लोग ही निकाल पाते…

दलित सवाल, हिन्दू धर्म और डॉ अम्बेडकर

1939 में डॉ अम्बेडकर ने कहा था- ‘‘जब भी अछूत जातियों और देश के हितों के बीच किसी भी तरह…

फिल्मकारों के फिल्मकार थे गोदार

गोदार की मृत्यु पर उनकी पार्टनर ने कहा कि वे बीमार नहीं थे, बस थक चुके थे। इसलिए उन्होंने इच्छा…