लोकतंत्र को सशक्त बनाने के प्रयास और संवैधानिक मूल्य

वी-डेम इंस्टीट्यूट की भारत के संबंध में रपट, जो द हिंदू में प्रकाशित की गई है, में कहा गया है कि “यह रेखांकित…

लोकतंत्र को सशक्त बनाने के प्रयास और संवैधानिक मूल्य

वी-डेम इंस्टिट्यूट की भारत के संबंध में रपट, जो द हिंदू में प्रकाशित की गई है, में कहा गया है…

औरंगजेब, छावा और इकतरफा इतिहास

इतिहास का इस्तेमाल राजनीति में करने से साम्प्रायिक नफरत बढ़ रही है और पिछले कुछ सालों में इसमें कई नए…

हिंदू त्यौहार और साम्प्रदायिक राष्ट्रवादी राजनीति

संघ परिवार का हिंदू राष्ट्र का एजेंडा तरह-तरह के नैरेटिव्स को अलग-अलग तरह से बुनने और उन्हें अलग-अलग मंचों से…

आरक्षण या सकारात्मक कार्यवाही: धार्मिक अल्पसंख्यकों की माली हालत में सुधार कैसे हो?

जो लोग न्याय और बराबरी के आदर्शों में यकीन रखते हैं उनके लिए अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों, की माली हालत गंभीर…

क्या भारत को केवल हिन्दू संभाले हुए हैं ?

दि इंडियन एक्सप्रेस (मुंबई संस्करण) के 17 फरवरी 2025 के अंक में “हिंदू समुदाय देश का ज़िम्मेदार तबका” शीर्षक से…

रैदास : मध्यकालीन सामंती दमन और धार्मिक पाखंड के विरुद्ध सबसे मजबूत आवाज

भारत में संत परंपरा की बहुत समृद्ध परंपरा है। मध्यकालीन संत हिंदू और इस्लामी दोनों परंपराओं से आए थे। इन…

पुरातत्वविदों का दावा-‘लौह युग सबसे पहले तमिलनाडु में शुरू हुआ था’

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टॉलिन ने पूर्व-आधुनिक इतिहास पर नए शोध के आधार पर कहा है कि पुरातत्वविदों के अनुसार…

स्वाधीनता संग्राम में बापू के योगदान की अनदेखी करने की कवायद

एरिक हॉब्सबॉम का प्रसिद्ध कथन है कि (सांप्रदायिक) राष्ट्रवाद के लिए इतिहास उतना ही महत्वपूर्ण है जितनी अफ़ीमची के लिए…

उम्मीद और मायूसी : भारतीय गणतंत्र के 75 साल

छब्बीस जनवरी 1950 का दिन हमारे देश की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसने हमें आजादी, बराबरी,…