चंदौली। चंदौली ज़िले के ताहिरपुर और मिल्कीपुर गांव एक बार फिर सत्ता बनाम जनता की लड़ाई के मूक गवाह बन…
बनारस की रूह दालमंडी को उजड़ने से मिली राहत, हाईकोर्ट के स्टे ने बचाई तहज़ीब की सांसें!
वाराणसी की दालमंडी, ये नाम सिर्फ एक जगह भर नहीं है, बल्कि सदियों से चलती आ रही रूहानी रौनक, कारोबार…
बनारस में दशाश्वमेध घाट पर कलंकित हुआ इंसाफ जब लहूलुहान किशोर रेहान से जवाब-तलब करने लगी व्यवस्था, फर्जी ढंग से बना दिया मुल्जिम !
बनारस। 28 अप्रैल की शाम वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर जो हुआ, वह केवल एक किशोर की पिटाई नहीं, बल्कि…
धुआं, धूल और दर्द : गाजीपुर के लहुवार गांव में ईंट-भट्ठों की चौतरफा घेराबंदी, प्रदूषण उगलती चिमनियां और कराह रहे किसान-ग्राउंड रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले जिले के जमानिया तहसील का लहुवार गांव कभी हरियाली से लहलहाता था, लेकिन आज वही गांव, ईंट-भट्ठों…
“हेमंत अब कभी स्कूल नहीं जाएगा…” बनारस के ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल में मासूम की हत्या और न्याय के लिए बिलखते माता-पिता-ग्राउंड रिपोर्ट
वाराणसी। दोपहर की धूप धीरे-धीरे तप रही थी। स्कूल की घंटी बज चुकी थी। लेकिन उसी समय एक फोन कॉल…
बनारस के संकट मोचन में गूंजते हैं इंसानियत के राग-जहां सुरों की हर लहर बहा ले जाती है मज़हब के फ़ासले!
बनारस। देश की सांस्कृतिक राजधानी बनारस में संकट मोचन मंदिर केवल आस्था का केंद्र नहीं है, बल्कि वह स्थल है जहां…
‘मिश्राजी प्रकरण’: बनारस की सियासत में घुला ज़हर, जब विरोध करना अपराध और लोकतंत्र चुपचाप सज़ा बन गया !
वाराणसी। बनारस, एक ओर ज्ञान, शांति और सहिष्णुता की नगरी; दूसरी ओर आज की राजनीति में आरोप, प्रत्यारोप और हिंसा…
सच बोलने की सजा: बनारस में खून बहा-चुप है सरकार, हरीश मिश्रा पर हमला लोकतंत्र पर वार!
वाराणसी, जिसे ‘गंगा-जमुनी तहज़ीब’ और आध्यात्मिक चेतना की नगरी कहा जाता है, एक बार फिर एक राजनीतिक हिंसा की खबर से सुलग उठा है।…
दालमंडी में बनारस की रूह बेचैन : बीजेपी सरकार के लिए आंख की किरकिरी क्यों बनी यह ऐतिहासिक गली और उसका बाजार-ग्राउंड रिपोर्ट
वाराणसी। काशी की गलियां… इन्हें सिर्फ रास्तों की तरह देखना, जैसे सदियों की आत्मा को दीवार समझ लेना है। ये…
ट्रंप के टैरिफ़ की चोट: बनारसी बुनकरों के भविष्य पर छाई आर्थिक मंदी की धुंध-करघों पर संकट, उलझते जा रहे रेशमी धागे!
वाराणसी। कभी बनारस की तंग गलियों में खटखटाते करघों की आवाज़ें हवा में रचती थीं एक संगीत-रेशमी, स्वदेशी और आत्मीय।…