Thursday, April 25, 2024

किसान आंदोलनः पंजाब-हरियाणा में घटे जियो मोबाइल के ग्राहक

भारतीय दूरसंचार नियामक (TRAI) के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में रिलायंस जियो के सब्सक्राइबर की संख्या पांच लाख घटी है। नवंबर महीने में यह संख्या 94.48 लाख थी जो कि दिसंबर में घटकर 89.07 लाख रह गई। वहीं राज्य में एयरटेल के नवंबर में 49.56 लाख सब्सक्राइबर थे जो दिसंबर में बढ़कर 50.79 लाख हो गए, जबकि वोडाफोन-आइडिया के सब्सक्राइबर की संख्या में मामूली बढ़ोत्तरी हुई और ये 80.23 लाख से बढ़कर 80.42 लाख हो गई।

वहीं पंजाब में भी जियो के सब्सक्राइबर की संख्या में कमी दर्ज की गई है। नवंबर में पंजाब में जियो कंपनी के 1.40 करोड़ सब्सक्राइबर थे जोकि दिसंबर में घटकर 1.24 करोड़ रह गए। वहीं वोडाफोन-आइडिया के सब्सक्राइबर की संख्या नवंबर में 86.42 लाख थी, जो दिसंबर में बढ़कर 87.11 लाख हो गई। एयरटेल के सब्सक्राइबर भी राज्य में बढ़े हैं। नवंबर में इनकी संख्या 1.05 करोड़ थी जो दिसंबर में 1.06 करोड़ हो गई।

वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी BSNL को भी दोनों राज्यों में किसान आंदोलन का फायदा मिला है। दोनों राज्यों में कंपनी के सब्सक्राइबर की संख्या बढ़ी है। सिर्फ रिलायंस जियो ही ऐसी कंपनी रही है, जिसके सब्सक्राइबर इन दो राज्य में घटे हैं।

हालांकि जियो को सिर्फ इन दो राज्यों में ही सब्सक्राइबर का नुकसान हुआ। इसके अलावा अन्य सभी दूरसंचार सर्किल में उसके सब्सक्राइबर की संख्या बढ़ी है। वहीं वोडाफोन-आइडिया को सिर्फ़ इन दो राज्यों में सब्सक्राइबर बढ़ने का लाभ मिला है, अन्यथा अन्य सभी सर्किलों में उसके सब्सक्राइबर कम हुए हैं। एयरटेल इकलौती कंपनी है, जिसके सब्सक्राइबर हर जगह बढ़े हैं।

बता दें कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ़ दिल्ली सीमा पर पिछले 87 दिन से जारी किसान आंदोलन के चलते भारत की दो दिग्गज कॉरपोरेट कंपनियां अडानी और अंबानी किसानों के टारगेट पर हैं। दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने जियो सिम तोड़ने और पोर्ट कराने की अपील की थी, जिसके बाद रिलायंस जियो ट्राई और कोर्ट की शरण में गए थे।

पंजाब में तो डेढ़ हजार से अधिक मोबाइल टॉवर्स को क्षतिग्रस्त किया गया। वहीं अडानी के पेट्रोल पंप, जनरल स्टोर, शॉपिंग मॉल आदि के बाहर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसके अलावा इन दो कंपनियों के सामानों के बहिष्कार करने का भी संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आह्वान किया गया था।

नये कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी के रिलायंस समूह और गौतम अडाणी के अडानी एग्रो लॉजिस्टिक्स समूह को लाभ पहुंचने की आशंकाओं के चलते किसान कृषि कानूनों के साथ-साथ इन दोनों कंपनियों का भी बहिष्कार कर रहे हैं। अपना विरोध दर्ज कराने के लिए किसान संगठनों ने जियो कनेक्शन छोड़ने का आह्वान किया है, जिसके बाद इन दोनों राज्यों में बड़े पैमाने पर लोगों ने जियो का नंबर अन्य कंपनियों पर पोर्ट कराया है।

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