Friday, April 19, 2024

आरएसएस-भाजपा के झूठ का मुकाबला मजबूत संगठन व प्रचार तंत्र से ही संभव: दीपंकर भट्टाचार्य

पटना। भूमिहीन गरीब किसानों के ऐतिहासिक नक्सलबाड़ी उभार के दौर के और लंबे समय तक पार्टी की केंद्रीय कमेटी के सदस्य रहे तथा पार्टी के मुखपत्र समकालीन लोकयुद्ध के प्रधान संपादक व केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के चेयरमैन कॉ. बृजबिहारी पांडेय की याद में आज 12 सितंबर को भारतीय नृत्य कला मंदिर, पटना में स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इस आयोजन में माले महासचिव कॉ. दीपंकर भट्टाचार्य सहित पार्टी नेता स्वदेश भट्टाचार्य, रामजी राय, केंद्रीय कमेटी के सदस्य एन मूर्ति, आंध्र प्रदेश से बांगर राव सहित पश्चिम बंगाल, झारखंड, दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान, असम तथा जसम, लोकयुद्ध व लिबरेशन से जुड़े लोग तथा महागठबंधन व अन्य वाम दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

अध्यक्ष मंडल में लिबरेशन के प्रबंध संपादक प्रभात कुमार चौधरी, लोकयुद्ध के प्रबंध संपादक संतलाल, जसम के महासचिव मनोज सिंह, समकालीन जनमत के प्रबंध संपादक मीना राय व भाकपा-माले की केंद्रीय कंट्रोल कमीशन की सदस्य सुशीला टिग्गा शामिल थे। आज के कार्यक्रम का संचालन लोकयुद्ध के कार्यकारी संपादक संतोष सहर ने किया।


कॉ. बृजबिहारी पांडेय के जीवन संघर्ष को याद करते हुए माले महासचिव ने कहा कि भूमिहीन गरीब किसानों के ऐतिहासिक नक्सलबाड़ी आंदोलन से प्रेरित होकर छात्र-नौजवानों की एक पूरी पीढ़ी ने हंसते-हंसते खुद को सामाजिक बदलाव व इंकलाब के लिए कुर्बान कर दिया। उस वक्त दुर्गापुर के रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज में भारी हल-चल हुई। और वहीं से हमारी पार्टी के पूर्व महासचिव विनोद मिश्रा, डीपी बख्शी और बृजबिहारी पांडेय की तिकड़ी गरीबों का राज स्थापित करने के मकसद से निकली और भाकपा-माले के संगठन को खड़ा किया। दुर्गापुर का ऐतिहासिक छात्र आंदोलन हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है। आज एक बार फिर पूरे देश में भाजपा के फासीवादी अभियान व शिक्षण संस्थानों पर हो रहे हमले के खिलाफ लगातार छात्र आंदोलन चल रहे है। हमें इन आंदोलनों को सामाजिक बदलाव के बड़े लक्ष्य के साथ जोड़ना होगा।

उन्होंने कहा कि बृजबिहारी पांडेय को जिस किसी भी काम की जिम्मेदारी दी गई, उसमें वे रम गए। पार्टी संगठन के साथ-साथ उन्होंने पार्टी के वैचारिक मोर्चे पर बड़ी जवाबदेहियां निभाईं। आज जब पूरे देश में आरएसएस-भाजपा के झूठ का प्रचार तंत्र खूब तेजी से फैल रहा है, हमें भी अपने संगठन व प्रचार तंत्र को मजबूत करना होगा। इसी के जरिए हम उनकी साजिशों का भंडाफोड़ कर सकेंगे। लोकयुद्ध को मजबूत करने के साथ-साथ सोशल मीडया, रिपोर्टिंग आदि के कार्य को बेहतर बनाने की आवश्यकता है।


उन्होंने आज की परिस्थितियों की चर्चा करते हुए कहा कि जिस प्रकार से हमारी सरकारें देश की राष्ट्रीय संपत्ति को बेचने का काम रही है, उसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन व एक बड़ी एकता चाहिए। इसकी जरूरत हम सब महसूस कर रहे हैं।
समकालीन जनमत के प्रधान संपादक रामजी राय ने कहा कि दुनिया के इतिहास ने यह साबित किया है कि जब भी समाज में बहुत गहरा अंधकार आया है, विचार के गर्भ से आंधी उठती है। नक्सलबाड़ी का दौर एक ऐसा ही दौर था, जिसकी उपज बृजबिहारी पांडेय जैसे लोग थे। आज का भी दौर वैसा है और हमें इस चुनौती को कबूल करना होगा।


जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय महासचिव मनोज सिंह ने जनसंस्कृति मंच के निर्माण में बीबी पांडे की महत्वपूर्ण भूमिका को याद करते हुए कहा कि आज के इस दौर में उनकी हमें ज्यादा जरूरत है। इस कमी को हम लोगों को पूरा करना होगा।
केडी यादव ने 79-80 के उस दौर को याद करते हुए बीबी पांडेय को याद किया। जब वे छात्रों को क्रांतिकारी उद्देश्यों से संगठित करने छात्रों के हॉस्टलों पर पहुंच जाते थे।

 
स्मृति सभा में सीपीआईएम के राज्य सचिव मंडल के सदस्य अरूण कुमार मिश्रा, फारवर्ड ब्लॉक के अमरीका महतो, एसयूसीाआईसी के सूर्यंकर जितेन्द्र के साथ-साथ दुर्गापुर मजदूर आंदोलन से आए नेता कॉ. मोहन दत्ता, कॉ. बृज बिहारी पांडेय की बेटी अदिति, मधुरिमा बख्शी, केंद्रीय कंट्रोल कमीशन की सदस्य सुशीला तिग्गा, झारखंड से आए अरूप चटर्जी, पटना के ख्याति प्राप्त चिकित्सक पीएनपीपाल, एन मूर्ति, प्रभात कुमार चैधरी, प्रशांत शुक्ला, केडी यादव आदि ने भी अपनी बातें रखीं।
इसके पहले कॉ. बृजबिहारी पांडेय के चित्र पर माल्यार्पण किया गया और हिरावल के संतोष झा, अनिल अंशुमन आदि ने शहीद गीत का गायन किया।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।

Related Articles

ग्राउंड रिपोर्ट: बढ़ने लगी है सरकारी योजनाओं तक वंचित समुदाय की पहुंच

राजस्थान के लोयरा गांव में शिक्षा के प्रसार से सामाजिक, शैक्षिक जागरूकता बढ़ी है। अधिक नागरिक अब सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और अनुसूचित जनजाति के बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह प्रगति ग्रामीण आर्थिक कमजोरी के बावजूद हुई है, कुछ परिवार अभी भी सहायता से वंचित हैं।