Friday, April 19, 2024

मंहगाई और बेरोजगारी के खिलाफ भाकपा-माले छेड़ेगी राष्ट्रव्यापी अभियान

झारखंड की राजधानी रांची में स्थित प्रेस क्लब सभागार में 2 अप्रैल से शुरू हुई भाकपा – माले केन्द्रीय कमेटी की बैठक के अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए माले के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की बेतहाशा मूल्यवृद्धि कर देश की जनता पर थोपे गए युद्ध के खिलाफ भाकपा-माले राष्ट्रव्यापी आन्दोलन तेज़ करेगी। 

केन्द्रीय कमेटी में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय स्थितियों पर विमर्श के सन्दर्भ में मिडिया को संबोधित करते हुए दीपांकर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से हो रही भारी तबाही को देखते हुए इस युद्ध को रोकने के लिए भारत सरकार को जो अपेक्षित कूटनीतिक पहल करनी थी, आज तक नहीं की जा सकी है। इसलिए भारत सरकार ज़ल्द से ज़ल्द कूटनीतिक पहल लेकर अविलम्ब युद्ध रूकवाने की सार्थक कोशिश करे।

पांच राज्यों में संपन्न हुए विधान सभा चुनावों पर हो रही चर्चा का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में राज्य की जनता और किसान आन्दोलनों के प्रभावों ने जहां कांग्रेस और भाजपा सहयोगी अकाली दल को हटाकर आम आदमी पार्टी के पक्ष में जनादेश दिया है, वहीं ज़रूरत इस बात की है कि नयी सरकार ज़ल्द से ज़ल्द जनता के सभी ज़रूरी मुद्दों पर कारगर ढंग से काम करे।

वहीं यूपी और उत्तराखंड में अपनी दुबारा वापसी को लेकर दीपांकर ने कहा कि भाजपा द्वारा इस चुनाव के नतीजों को ‘2024 का परिणाम’ घोषित किया जाना बताकर जनता और राज्यों की गैर भाजपा सरकारों पर सुनियोजित दबाव बनाने की कवायद है। जिसके खिलाफ व्यापक जनता को सतर्क बनाने की आवश्यकता है। साथ ही झारखण्ड समेत सभी गैर भाजपा सरकारों को अस्थिर करने की जारी साज़िशों के खिलाफ भी खड़ा रहना होगा। 

उन्होंने आगे कहा कि चुनावी सफलता की आड़ लेकर हर दिन की जा रही डीजल-पेट्रोल-रसोई गैस के दामों में भारी मूल्यवृद्धि दरअसल मोदी सरकार द्वारा जनता पर थोपा जा रह युद्ध है। जिसके खिलाफ माले राष्ट्रव्यापी आन्दोलन तेज़ करेगी।

इसके अलावा मोदी सरकार की कॉर्पोरेटपरस्त-निजीकरण की नीतियों के खिलाफ फिर से उठ रहे मजदूर और किसानों के नए आन्दोलन को भी हर स्तर पर मजबूत बनाते हुए रोज़गार के मसले पर व्यापक जन अभियान तेज़ करने के कार्यक्रम लिए जाएंगे।                                                                                       

महासचिव के बताया कि आगामी 2023 के मार्च में झारखंड के धनबाद में आयोजित होने वाले भाकपा – माले के 11 वें राष्ट्रीय महाधिवेशन की व्यापक तैयारी की भी रूप रेखा इस बैठक से तय की जायेगी।

इस अवसर पर बिहार से आये इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व माले विधायक मनोज मंजिल ने कहा की आज 19 लाख रोज़गार के सवाल जैसों मुद्दों पर जब सड़क से लेकर सदन तक में भाकपा – माले प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार को घेरने का काम करती है, तो सदन में चर्चा से भागते हुए माले के विधायकों को मार्शल से आउट करा दिया जा रहा है।

वहीं झारखंड के बगोदर विधायक विनोद सिंह ने कहा कि चंद कार्यों को छोड़ वर्तमान सरकार अभी तक जनता की उम्मीदों के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है। पिछली सरकारों में जारी ‘ट्रांसफर – पोस्टिंग’ के धंधा-उद्योग से अलग इस सरकार के भी काम काज नहीं दिख रहा है। पिछली सरकारों में जारी पुलिस दमन और थानों में पिटाई व मौत की घटनाओं में कोई बदलाव नहीं आया है। मुख्यमंत्री सिर्फ ट्विटर संज्ञान लेकर सहानुभूति जताकर कुछ मुआवज़ा तो दे रहें हैं। लेकिन विभिन्न कांडों के दोषी पुलिस के खिलाफ कहीं भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। केंद्र की मौजूदा सरकार द्वारा बैंक-बीमा समेत सारे सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण से सभी क्षेत्रों में सरकारी नौकरियों को ख़त्म किये जाने के कारण राज्यों की सरकारों से युवाओं में नौकरियों की उम्मीदें बढीं हैं। ऐसे में हेमंत सरकार को ज़ल्द से ज़ल्द बंद नियुक्तियों को चालू करना होगा। सही नीतियों के तहत युवाओं के रोज़गार की गारंटी करनी होगी।

प्रेसवार्ता को महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य के अलावे पार्टी पोलित ब्यूरो सदस्य व झारखण्ड सचिव मनोज भक्त, बिहार के चर्चित माले विधायक मनोज मंजिल और विनोद सिंह ने संबोधित किया।

4 अप्रैल तक चलनेवाली इस तीन दिवसीय पार्टी केन्द्रीय कमेटी बैठक में आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, दिल्ली व झारखण्ड समेत कई राज्यों के प्रतिनिधि भाग ले रहें हैं।

केन्द्रीय कमेटी में शामिल विधायकों में झारखण्ड के विनोद सिंह के अलावा बिहार से मनोज मंजिल, वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, अरुण सिंह, गोपाल रविदास एवं रामबली सिंह भी शामिल हैं।

(झारखंड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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