Rajpath
बीच बहस
कागज़ी आजादी और गुलामी की जड़ें
राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक जाती सड़क का नाम था -'राजपथ'। इसको बदलकर अब इसका नाम 'कर्तव्य पथ' रख दिया गया है। बात इतनी सी है कि प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर जो परेड...
पहला पन्ना
श्रीनारायण गुरु की झांकी गणतंत्र दिवस समारोह से बाहर रखने के पीछे उद्देश्य है ब्राह्मणवादी व्यवस्था को कायम रखना
हर गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर एक शानदार और रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसमें एक ओर देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन होता है तो दूसरी ओर विभिन्न राज्यों और केन्द्रीय मंत्रालयों की झांकियों के...
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बहुसंख्यकवादी नैरेटिव को टेका लगाती फिल्में: स्वातंत्र्यवीर सावरकर
फिल्म जनसंचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो सामाजिक समझ को कई तरह से प्रभावित करता है। कई दशकों...
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