आहत धार्मिक भावनाओं की बात करने का असली हकदार कौन है?

क्या किसी दूसरे धर्म के प्रार्थना स्थल में बेवक्त जाकर हंगामा करना या अपने पूजनीय/वरणीय के नारे लगाना, ऐसा काम…