Saadat Hasan Manto
संस्कृति-समाज
जन्मदिन पर विशेष: मंटो होने का दर्द और जोखिम
अमरीक -
यह मुकाम बहुत कम कलमकारों को हासिल है कि उनके जिक्र के बगैर साहित्य के इतिहास के कुछ पन्ने कोरे-से रह जाएं। बेशक उर्दू के महान अफसानानिगार सआदत हसन मंटो को यह मुकाम बखूबी हासिल है। वह उपमहाद्वीप की...
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पुण्यतिथि: रूह पर चले बंटवारे के नश्तर का नतीजा था मंटो का ‘टोबा टेकसिंह’
सआदत हसन मंटो, हिंद उपमहाद्वीप के बेमिसाल अफसानानिगार थे। प्रेमचंद के बाद मंटो ही ऐसे दूसरे रचनाकार हैं, जिनकी रचनाएं आज भी पाठकों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं। क्या आम, क्या खास वे सबके हर दिल अजीज हैं।...
संस्कृति-समाज
पुण्यतिथि पर विशेषः इस्मत चुग़ताई को कुर्रतुल ऐन हैदर ने कहा था, ‘लेडी चंगेज़ खां’
उर्दू मॉडर्न कहानी के चार स्तंभ रहे हैं। कृश्न चन्दर, राजिंदर सिंह बेदी और सआदत हसन मंटो। चौथा कंधा जनाना था। इस अकेले स्तंभ में इतनी ताक़त रही कि उन्हें मदर ऑफ़ मॉडर्न स्टोरी कहा गया। वह चंगेज़ खां...
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मणिपुर: धर्म की ऐतिहासिक प्रयोगशाला
पिछले दस महीनों से मणिपुर में भयावह हिंसा जारी है। मैतेई और कुकी समुदाय आमने-सामने हैं। यह 3 मई,...
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