लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को ब्राह्मण ही श्रेष्ठ क्यों लगते हैं?

मौजूदा वक्त में जब देश की तमाम संवैधानिक संस्थान और उनमें बैठे लोग अपने पतन की नित नई इबारतें लिखते…