Friday, April 26, 2024

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हिंदी का लेखक-प्रकाशक विवाद: साहित्य और जीवन के भ्रम और यथार्थ

सोशल मीडिया पर हिंदी के लेखकों और प्रकाशकों के बीच संबंध के बारे में अभी जो बहस उठी है, वह जितनी दिलचस्प है, उतनी ही विचारोत्तेजक भी है। इसमें एक प्रकार से हिंदी साहित्य और पाठकों के बीच के...

किताब में छिपी है गांव की पीड़ा और किसानों का दर्द

लेखक चाहते थे कि पुस्तक प्रसारित हो तो देश में रोज़गारविहीन जन विरोधी विकास नीति पर देशव्यापी बहस छिड़ सकती है और हमारे द्वारा प्रस्तुत वैकल्पिक विकास नीति के पक्ष में जनमत बन सकता है। किताब पढ़ते और आज...

मोहन राकेश ने दी हिंदी नाटकों को एक नई पहचान

मोहन राकेश हिंदी साहित्य के उन चुनिंदा साहित्यकारों में हैं जिन्हें ‘नयी कहानी आंदोलन’ का नायक माना जाता है और साहित्य जगत में लोग उन्हें उस दौर का ‘महानायक’ कहते हैं। मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी, 1925 को...

सीपी-कमेंट्री: अफ्रीकी लेखक को साहित्य और एक महिला समेत दो पत्रकारों को शांति का नोबेल पुरस्कार

नोबेल पुरस्कारों के 2021 के विजेताओं का चयन बहुत अप्रत्याशित माना जा रहा है। अधिकतर लोगों ने शायद सोचा भी नहीं होगा कि इस बार नोबेल शांति पुरस्कार लोकतंत्र और टिकाऊ शांति के लिए आवश्यक अभियक्ति की आजादी की...

पुस्तक समीक्षा: एक यायावर की यादों के साथ रोमांचकारी पाठकीय यात्रा

देश के वरिष्ठ पत्रकार और प्रतिबद्ध लेखक-विचारक उर्मिलेश के संस्मरणों की किताब ' ग़ाज़ीपुर में क्रिस्टोफर कॉडवेल' के प्रकाशन की घोषणा हो चुकी है। नवारूण प्रकाशन से आने वाली यह किताब जल्द ही पाठकों के हाथ में होगी। प्रकाशन...

संस्मरण: नहीं रहे हरियाणा के जनबुद्धिजीवी डीआर चौधरी

शिक्षाविद, चिंतक, लेखक और हरियाणा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष रहे दिल्ली विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर और 'पींग' साप्ताहिक के संस्थापक संपादक दौलत राम चौधरी  हमारे बीच नहीं रहे। उनका बीती रात रोहतक में उनके निवास पर निधन हो...

ऐसा आसां नहीं है सागर सरहदी होना

अभी-अभी इलाहाबाद के रंगकर्मी प्रवीण से खबर मिली कि सागर सरहदी नहीं रहे। सागर साहब मुंबई में थे, वहीं आज सुबह किसी लम्हे में उन्होंने  आखिरी सांस ले ली। सागर साहब के बारे में  करने के लिए मेरे पास...

पुण्यतिथिः कथ्य और संवेदना के स्तर पर मंटो के करीब है शानी का लेखन

शानी के मानी यूं तो दुश्मन होता है और गोयाकि ये तखल्लुस का रिवाज ज्यादातर शायरों में होता है, लेकिन शानी न तो किसी के दुश्मन हो सकते थे और न ही वे शायर थे। हां, अलबत्ता उनके लेखन...

डॉ. मुल्कराज आनंदः भारत के चार्ल्स डिकेंस

डॉ. मुल्कराज आनंद, मुल्क की उन बाकमाल शख्सियतों में शामिल हैं, जिन्होंने विदेशियों को यह बतलाया कि एक हिंदुस्तानी भी उन्हीं की जुबान में उन जैसा उत्कृष्ट लेखन कर सकता है। अंग्रेजी जुबान उनके लिए कोई टैबू नहीं है।...

टाटा लिटरेचर फेस्टिवल में दुनिया के मशहूर लेखक नोम चोमस्की का भाषण अचानक स्थगित

सितंबर 2020, में मुंबई (टाटा) लिटरेचर फेस्टिवल में विश्व प्रसिद्ध लेखक और चिंतक नोम चोमस्की और पत्रकार विजय प्रसाद को नोम की नव प्रकाशित और चर्चित पुस्तक 'इंटरनेश्नलिज्म ऑर इक्सटिंक्शन’ (अन्तराष्ट्रीयवाद या विलोपन) पर परिचर्चा के लिए आमंत्रित किया...

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गैर-बराबरी के मुद्दे पर गुमराह करने में जुटे मोदी

इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन के पुनर्वितरण की सोच को निशाने पर लिया है। वे तथ्यों का...