प्रयागराज। शंकरगढ़ में कोल आदिवासी और दलित मुहल्लों व गांवों में पेयजल की पूर्ति से लोग वंचित हैं। यह बात 9 जून 2025 को बिरसा मुंडा शहादत दिवस पर आयोजित समता भागीदारी सम्मेलन में झल्लर आदिवासी, उपाध्यक्ष, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), प्रयागराज ने कही।
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि विकास के ढांचे के निर्माण के लिए जरूरी सामग्री जैसे मोरम, कांच, बोल्डर, पत्थर और चौका शंकरगढ़ की खदानों से प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसके बावजूद, यहां से भारत के बड़े शहरों जैसे सूरत, दिल्ली, पूना, मुंबई, लुधियाना और पंजाब में दलित, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के लोग पलायन करने को मजबूर हैं।
स्थानीय स्तर पर समाज के वर्चस्वशाली लोग अपने कारखाने स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने आश्चर्य जताया कि कुछ प्रभावशाली लोग, जिनके बैंक डिफॉल्टर होने और सामाजिक अन्याय के कई मामले समय-समय पर अखबारों में उजागर हुए हैं, अपने शहरों में वर्चस्व बनाए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में विकास का मुलम्मा साफ है। यह असामाजिक वर्चस्व की ताकतों और कॉरपोरेट साजिशों को बढ़ावा देने की प्रशासनिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है। यही स्थिति बुनियादी जरूरतों जैसे पेयजल की आपूर्ति, रोजगार के अवसर और नई पीढ़ी की प्रगति व सुरक्षा जैसे मुद्दों पर अक्षमता को उजागर करती है। यह समता और भागीदारी की चुनौती है, जो इस विकास मॉडल ने पेश की है। यह भारत में प्रकृति के साथ सीधे सांस्कृतिक रिश्ते में खड़े आदिवासी, दलित और पिछड़े समुदायों के कारोबार पर अलोकतांत्रिक हमला है। इसके खिलाफ न्याय, बराबरी और स्वाधीनता के व्यापक दृष्टिकोण पर पहल ही एकमात्र रास्ता है।
सम्मेलन की अध्यक्षता ननकाई आदिवासी, अध्यक्ष, नगर पंचायत शंकरगढ़, जेडीयू ने की। उन्होंने कहा कि आज महिलाओं के लिए कोई काम नहीं है। सरकारी निर्माण और सेवा कार्यों में नगर पंचायत में 40 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को ही अवसर मिलता है, वह भी महीने में केवल कुछ दिन, दस दिन से भी कम। महंगाई बहुत है, जिसके कारण लोगों को मुंह छिपाना पड़ता है। सुबह-शाम यही चर्चा होती है कि किसी तरह समय कट जाए।
संचालन छेदीलाल आदिवासी, प्रधान ने किया। उन्होंने बिरसा मुंडा के बलिदान और प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर व सम्मान की आवश्यकता पर चर्चा की। प्रमुख वक्ताओं में हंसराज कोल, सुशीला आदिवासी, मुनीराज कोल, विसपत कोल, ब्रजेश कोल, प्रेमा कोल बरगढ़िया, उमाशंकर पासी, हनुमान बली प्रधान, संजय नेता और पिंटू सिंह शामिल थे।
(प्रेस विज्ञप्ति)