क्या Rape –Axe,(बलात्कार विरोधी कंडोम) स्त्रियों के साथ होने वाले यौन हिंसा को रोक पाएगा.?

बलात्कार या स्त्रियों के साथ यौन हिंसा किसी भी समाज का वो काला सच है जो देश की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक ढांचे को दर्शाता है। कानूनन या सामाजिक नैतिकता के आधार पर बलात्कार या यौन हिंसा किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसके विरुद्ध किया जाने वाला कृत्य है। जिसमें शारीरिक बल, जबरदस्ती, अधिकारों के दुरुपयोग या जो वैध सहमति देने में असमर्थ है, जैसे कि कोई व्यक्ति जो बेहोश है, अक्षम है, बौद्धिक अक्षमता है या सहमति की कानूनी उम्र से कम है। ये सब बलात्कार या स्त्रियों के साथ होने वाले यौन हिंसा में आते हैं।

बलात्कार की घटनाओं को कई श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। जिसमें पीड़ित के साथ अपराधी के रिश्ते और यौन उत्पीड़न के संदर्भ का वर्णन किया गया है। इसमें डेट रेप, गैंग रेप, वैवाहिक रेप, बाल यौन शोषण, जेल बलात्कार, युद्ध बलात्कार और कुछ अन्य यौन हिंसा भी शामिल है।

डिजिटल रेप को भी 2012 के निर्भया केस के बाद रेप की श्रेणी में शामिल किया गया है। इसके पहले ये छेड़छाड़ के दायरे में आता था। (डिजिटल रेप में रिप्रोडक्शन ऑर्गन के अलावा किसी अंग या ऑब्जेक्ट जैसे- उंगलियां, अंगूठा या किसी वस्तु का इस्तेमाल किया जाता है) इस यौन हिंसा के शिकार ज्यादातर बच्चे होते हैं। बलात्कार के 70% मामलों में आरोपी पीड़िता के करीबी या रिश्तेदार होते हैं,29% मामलों में सामाजिक जान–पहचान के मामले दर्ज किए गए हैं,1% ही ऐसे लोग होते है जिसमें बलात्कारी पीड़िता को नहीं जानता है।

अक्सर बलात्कार या यौन हिंसा को स्त्रियों के कपड़ों के साथ जोड़ा जाता है और बलात्कार की सारी जवाबदेही स्त्रियों पर डाल दी जाती है। कपड़ा किसी भी समाज की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा है जो स्त्रियों के लिए अलग और पुरुषों के लिए अलग तय किए गए हैं। सभ्यता के विकास के साथ ग्लोबलाइजेशन और आधुनिकता के युग में स्त्रियों और पुरुषों के पहनावे में भी काफी बदलाव आया है। इस बदलाव में बाजार और व्यापार की मुख्य भूमिका रही है। फिर ये कैसे तय होता है या तय किया जाता है कि स्त्रियों के कपड़े स्त्रियों के बलात्कार का कारण है.? “नग्नता तो हमारे जन्म में है, इज्जत तो उसकी तब उतरी जब एक–एक करके उसके कपड़े उतारे गए”।

बलात्कार वो टूल है जिसका इस्तेमाल दो समुदायों के बीच होने वाले संघर्षों में वर्चस्व को प्रदर्शित करने और सम्मान को क्षति पहुंचने के लिए किया जाता है। सामुदायिक संघर्षों में बलात्कार, यौन हिंसा बड़े पैमाने पर किया जाता है। गुजरात के दंगे,1984 के दंगे, देशों के बंटवारे या अन्य देशों के सामुदायिक हिंसा में स्त्रियों के साथ यौन हिंसा की घटनाएं आम है। बलात्कार का राजनीति रूप तब और भयावह और दर्दनाक होता है जब यह दो देशों के बीच होने वाले युद्धों में किया जाता है। यह जीत का राजनीतिक हथकंडा और दुश्मन देश के सम्मान पर आघात के साथ जोड़कर इस्तेमाल किया जाने लगता है। आधुनिक इतिहास में बांग्लादेश युद्ध, प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्धों में स्त्रियों के साथ बलात्कार की घटना सामूहिक बलात्कार के रूप में इतिहास में दर्ज है। आज भी विश्व के किसी भी कोने में हो रहे युद्धों में स्त्रियों की अस्मिता दाव पर लगी होती है।

बलात्कार का स्वरूप राष्ट्रीय हो या अंतरराष्ट्रीय, स्त्रियां ही बड़े पैमाने पर इसका शिकार होती हैं। एक दक्षिण अफ्रीकी डॉक्टर, डॉ सोनेट एहलर्स ने महिलाओं के लिए बलात्कार विरोधी कंडोम बनाया है जो बलात्कार की लड़ाई में सहायक होगा, ऐसा उनका मानना हैं।

इसका नाम Rape –Axe, (बलात्कार विरोधी कंडोम) रखा गया है। Rape –Axe में दांतेदार हुक की पंक्तियां होती है। जब कोई पुरुष किसी महिला के जननांगों में अपना लिंग प्रवेश करता है तो यह दांतेदार हुक उसके लिंग में फंस जाता है, फिर अपराधी कितनी भी कोशिश करे वह कंडोम को नहीं निकाल सकता है। उसे निकालने के लिए उसे डॉक्टर की मदद लेनी पड़ती है।

डॉ सोनेट एहलर्स ने 2010 में CNN को एक इंटरव्यू देते हुए कहा था कि ,“इससे दर्द होता है, बलात्कार के दौरान जब यह पुरुष के लिंग से जुड़ जाता है तब इसे डॉक्टर ही निकाल सकता है फिर उसके पकड़े जाने की संभावना बढ़ जाती है और अधिकारी उसे गिरफ्तार कर सकते हैं।” उन्होंने अपने इंटरव्यू में यह भी कहा कि,“जब अपराधी यह पहना होता है तब वह पेशाब नहीं कर सकता और न ही चल सकता है। अगर वह खुद इस कंडोम को हटाने की कोशिश करता है तब यह और भी कस जाएगा। हालांकि यह त्वचा को नहीं तोड़ता है और तरल पदार्थ के संपर्क में आने का भी कोई खतरा नहीं है।”

एहलर्स ने बलात्कार के कैदियों पर परीक्षण करने के बाद इस उपकरण की परियोजना पर काम किया है। एहलर्स ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में बलात्कार को रोकने के लिए महिलाएं कठोर कदम उठाती हैं। कुछ तो स्पंज में लिपटे रेजर ब्लेड को अपने गुप्तांगों में डालती हैं। अधिकांश अफ्रीकी देशों में बलात्कार के मामलों में सजा मिलना बहुत मुश्किल है। पीड़िता को जल्द चिकित्सा सुविधा भी नहीं मिल पाती है और सबूत देने के लिए DNA टेस्ट बहुत महंगे होते है।

आलोचक Rape –Axe को एक संवेदनशील उपकरण नहीं मानते हैं। उनका मानना है कि यह भी एक प्रकार की ‘दासता’ है।डर की आशंका के कारण कंडोम पहनना भी गुलामी का प्रतिनिधित्व करना है। ये उनको कमजोर होने का एहसास कराता है और सुरक्षा का झूठा एहसास होता है। इस उपकरण से मनोवैज्ञानिक आघात पहुंचता है। यह हमले के बाद मनोवैज्ञानिक समस्याओं में मदद भी नहीं कर पाता है। आलोचकों का कहना है कि यह कंडोम मध्ययुग की किसी चीज जैसा है।

एहलर्स ने आलोचकों के मध्ययुगीन की बात का जवाब देते हुए कहा कि “ मेरा यंत्र मध्ययुगीन हो सकता है, जो दशकों से चला आ रहा है”।

बलात्कार में वर्चस्व की इच्छा काम करती है। मानव मन मुख्य रूप से पैतृक वातावरण में संचालित विकासवादी शक्तियों द्वारा आकर लेता है। कृषि–पशुपालन और शिकार एवं संग्रह करने वाले समाजों में जबरन संभोग करने की रणनीति देखने को मिलती है। पारस्परिक हिंसा चाहे वह यौन हो या गैर यौन दुनिया के बड़े हिस्से में एक बड़ी समस्या बनी हुई है। बच्चों और महिलाओं के साथ यौन हिंसा अपने साथ मानसिक और सामाजिक दोनों तरह के दीर्घकालिक परिणाम लेकर आती है। जो सांस्कृतिक मूल्यों, दृष्टिकोण और व्यवहार में बदलाव को लाता है।

Rape–Axe या इस तरह का कोई भी उपकरण बलात्कार या स्त्रियों के साथ हो रहे यौन हिंसा का हल नहीं हो सकता। यह भी एक प्रकार की दासता है। जो डर को कम नहीं करता बल्कि यह गुलामी का ही प्रतिनिधित्व करता है और सुरक्षा का झूठा एहसास करता है। स्त्री और पुरुष संबंध गुलामी और दासता का संबंध नहीं बल्कि यह साथ–सहयोग और सम्मान पर टीका हैं।

 (मंजुला शिक्षा, कला और बाल मनोविज्ञान के क्षेत्र से जुड़ी हैं)

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