Friday, April 19, 2024

बम की तरह फटने लगे हैं पीएम केयर्स फंड की सौगात धमन-वन वेंटिलेटर, वडोदरा के आईसीयू में लगे वेंटिलेटर में विस्फोट

पीएम केयर्स फंड की सौगात धमन वन वेंटिलेटर्स लगातार खराब निकल रहे हैं। पहले खबर आई थी कि वेंटिलेटर के नाम पर गुब्बारे सप्लाई किए गए हैं तो अब वडोदरा से खबर आई है कि वहां के एसएसजी अस्पताल में मौजूद वेंटिलेटर ने अचानक आग पकड़ ली। जिस वेंटिलेटर ने आग पकड़ी, वह धमन वन वेंटिलेटर ही था। सबसे गंभीर बात यह है कि लखटकिया सूट की पैदाइश यह वेंटिलेटर अस्पताल के आईसीयू में लगाया गया था।

वेंटिलेटर में आग आईसीयू में ही लगी और उस वक्त आईसीयू में कई गंभीर मरीजों का उपचार हो रहा था। इतना ही नहीं, जिस धमन वन वेंटिलेटर में आग लगी, उससे उसी वक्त एक मरीज का उपचार किया जा रहा था। इसी हफ्ते यानि कि सितंबर 2020 के पहले हफ्ते हुई यह पूरी घटना एक सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड भी हो गई है।

सीसीटीवी में धमन वन वेंटिलेटर में आग पकड़ने का जो मामला दिखाई देता है, उसमें एक मरीज को हैंडल करते तीन डॉक्टर दिखाई देते हैं और तीनों ने पीपीई किट पहन रखी है। उनमें से एक डॉक्टर जैसे ही वेंटिलेटर का प्लग सॉकेट में लगाता है, वेंटिलेटर आग पकड़ लेता है। इसी वीडियो में यह भी दिखाई देता है कि जिस वेंटिलेटर में विस्फोट हुआ, उससे एक मरीज को सांसें दी जा रही थी। जब वेंटिलेटर में विस्फोट हुआ तो दो फीमेल डॉक्टरों ने किसी तरह से उस मरीज को आग से बचाते हुए उठाकर आईसीयू के बाहर निकाला। सीसीटीवी फुटेज में यह भी दिख रहा है कि उस वक्त आईसीयू में मौजूद मरीज अपने पैरों तक पर खड़े होने के काबिल नहीं थे।

वदोदरा के एसएसजी अस्पताल में लगे सीसीटीवी ने यह सब रिकॉर्ड किया है। सीसीटीवी में यह भी दिखाई देता है कि पहले धमन वन वेंटिलेटर में छोटे विस्फोट से आग लगी और उसके बाद एक और बड़ा विस्फोट हुआ। उस वेंटिलेटर से एक महिला मरीज को जोड़ा गया था और धमाका होते ही पीपीई किट पहने हुए एक डॉक्टर भागकर उस महिला मरीज के पास पहुंचा। फटाफट उसके सारे इक्विपमेंट उतारे और उसे बाहर लेकर गया।

एसएसजी अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. रंजन अय्यर ने बताया कि इसी दौरान एक सर्जन ने किसी तरह से आग बुझाने वाले सिलेंडर से आग बुझाई और एक बड़ी दुर्घटना होने से बच गई। उन्होंने बताया कि आईसीयू में मौजूद मरीजों को स्टाफ की मदद से किसी तरह से नीचे उतारा गया और इस काम में मरीजों के साथ आए उनके परिजनों में भी बखूबी साथ दिया और जल्दी से उस फ्लोर की बिजली काटी।

अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि वेंटिलेटर में आग किस तरह से लगी। वदोदरा की जिलाधिकारी शालिनी अग्रवाल ने मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है। इंडियन एक्सप्रेस अखबार में खबर छपी है कि इस कमेटी का चीफ डिप्युटी म्युनिसिपल कमिश्नर एसके पटेल को बनाया गया है। इसके अलावा इसमें गोत्री मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. वर्षा गोडबोले, वहीं पर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नीता बोस और मध्य गुजरात विज कॉरपोरेशन में सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के पद पर तैनात बीजे देसाई भी हैं। इस टीम ने उस आईसीयू वार्ड का दौरा किया, जहां पर कि धमन वन वेंटिलेटर में विस्फोट हुआ था।

एसके पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह धमन वन वेंटिलेटर था। उन्होंने कहा कि हमें बताया गया है कि यह धमन वन वेंटिलेटर था, लेकिन हम अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। हमने अस्पताल में आईसीयू के डॉक्टर से रिपोर्ट मांगी है, जिससे काफी कुछ साफ होगा। उन्होंने कहा कि इतना तो साफ है कि एक बहुत बड़ी आपदा टल गई।

आपको बता दें कि धमन वन वेंटिलेटरों को ज्योति सीएनसी ऑटोमेशन ने बनाया है। इससे पहले एक आरटीआई के जरिए पता चला था कि पीएम केयर्स फंड और देशी कंपनियों से खरीदे गए वेंटिलेटर स्वास्थ्य मंत्रालय की टेक्निकल कमेटी के क्लिनिकल मूल्यांकन में नाकाम हो गए हैं। कंपनी ज्योति सीएनसी आटोमेशन और आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन (एएमटीजेड)- को पहले उसी समय 22.50 करोड़ रुपये एडवांस पेमेंट के तौर पर हासिल हो चुके हैं, जब पीएम केयर्स की ओर से आवंटन किया गया था। हालांकि मंत्रालय की ओर से आए आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि जुलाई में उन्हें लिस्ट से हटा दिया गया। आरटीआई एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज ने यह आरटीआई डाली थी।

ज्योति सीएनसी एक गुजरात आधारित फर्म है, जिसके वेंटिलेटरों के कोविड मरीजों के लिए अपर्याप्त होने के चलते अहमदाबाद सिविल अस्पताल में जमकर आलोचना हुई थी। जबकि एएमटीजेड को आंध्र प्रदेश की सरकार चलाती है। हालांकि क्लिनिकल मूल्यांकन के बाद इसके वेंटिलेटरों को सप्लायर लिस्ट में शामिल करने की संस्तुति नहीं दी गई थी।  अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुपरिटेंडेंट ने 15 मई को राज्य सरकार की मेडिकल सेवाओं को पत्र लिखकर कहा कि ज्योति सीएनसी द्वारा बनाए जा रहे धमन वन वेंटिलेटर अपेक्षित नतीजे लाने योग्य नहीं हैं। ऐसा वहां के एनेस्थीसिया विभाग के हेड ने बताया। उन्होंने राज्य को तत्काल उच्च क्षमता वाले वेंटिलेटरों को मुहैया कराने की मांग की। इस मामले में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने जांच की मांग की थी।

  • राइजिंग राहुल

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)

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