पटना। पूरी दुनिया में जिन देशों ने प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण का उद्देश्य हासिल किया, उन्होंने समान शिक्षा प्रणाली को अपनाया। फिर भी, भारत में 1968 में कोठारी आयोग और बिहार में 2007 में मुचकुंद दूबे आयोग की सिफारिशों के बावजूद समान शिक्षा प्रणाली लागू नहीं की गई।
सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) ने जन विकास शक्ति संगठन, कोशी नव निर्माण मंच और जन जागरण शक्ति संगठन के साथ मिलकर बिहार में समान शिक्षा प्रणाली लागू करने के लिए 6 जुलाई 2025 से कर्पूरीग्राम, जिला समस्तीपुर से एक पदयात्रा शुरू की है, जो 10 जुलाई 2025 को जे.पी. निवास, कदम कुआं, पटना में समाप्त होगी।
कर्पूरीग्राम में गोखुल, कर्पूरी, फूलेश्वरी डिग्री कॉलेज से पदयात्रा शुरू हुई। कर्पूरी ठाकुर के भतीजे नित्यानंद ने उनके पैतृक निवास पर यात्रा का स्वागत किया। पदयात्रा ताजपुर, बहुआरा, बाजितपुर और इभैच में नुक्कड़ सभाएँ करते हुए आगे बढ़ी। इसमें जन विकास शक्ति संगठन की महिला सदस्यों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
पदयात्रा में उपरोक्त संगठनों के अलावा 6 जुलाई को पटना से धनंजय सिन्हा, आलोक कुमार, शशिकांत प्रसाद, राष्ट्र सेवा दल के शाहिद कमाल, सहरसा से प्रोफेसर अरमान खान और मधुबनी से प्रोफेसर जावेद अब्दुल्लाह शामिल हुए। 8 जुलाई को पटना से उद्यमी नशूर अजमल और सामाजिक कार्यकर्ता सर्फराज भी जुड़े।
पदयात्रा में पर्चे वितरित कर बिहार में समान शिक्षा प्रणाली लागू करने के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है और इसे जनता का व्यापक समर्थन मिल रहा है।
शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है। समाज के सभी वर्गों के बच्चों को समान शिक्षा मिलेगी, तभी समाज का संतुलित विकास हो सकता है। इसलिए, शिक्षा में निजीकरण की प्रक्रिया को रोककर सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए। यह तभी संभव है जब समान शिक्षा प्रणाली लागू हो। यह समाज की आवश्यकता और सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है।
पदयात्रा में आज महेंद्र यादव, भागवत पंडित, इंद्रजीत, दुखीलाल यादव, बबिता, अजय साहनी, पिंकी, फूलकुमारी, सुधा, राजो, गौतम यादव, आरती, रिंकी, अविरल अरमान, पवन, संतराम यादव, अशोक चौरसिया, शंकर सिंह, मीनाक्षी सिंह और संदीप पाण्डेय शामिल रहे।
(संदीप पाण्डेय सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के महासचिव हैं)