भारतीय लोकतंत्र की समस्याओं के जड़ में है वर्ण आधारित समाज और अज्ञान आधारित संकीर्ण धार्मिकता

देश की राजनीति गरमाई हुई है। पर लोगों पर इसका कितना प्रभाव पड़ा है, इस बारे में फिलहाल कोई दावा…

यह इमर्जेंसी का नहीं, पाकिस्तानी सियासत का ‘रिपीट’ नजर आता है

बहुत सारे लोग आज के राजनीतिक दौर की तुलना सन् 1975-77 के दौर की ‘इमर्जेंसी’ से कर रहे हैं। संयोगवश,…

‘करगिल के खलनायक’ ने क्या सचमुच भारत-पाक शत्रुता को खत्म करना चाहा था?

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और अपने दौर के ‘सर्व-शक्तिमान’ परवेज मुशर्रफ का इंतकाल पाकिस्तान से बहुत दूर दुबई के एक…

कबीर और कबीरपंथः ब्रिटिश शोधकर्ता एफ ई केइ की मशहूर किताब का पहला हिंदी अनुवाद

कबीर और कबीरपंथ ब्रिटिश शोधकर्ता और लेखक एफ ई केइ (फ्रैंक अर्नेस्ट केइ) की मशहूर और ऐतिहासिक महत्व की किताब-कबीर…

शरद यादव: जिनका होना अभी जरूरी था

शरद यादव नहीं रहे। उनका आकस्मिक निधन बहुत दुखद और स्तब्धकारी है। अपनी लंबी अस्वस्थता से उबरकर वह धीरे-धीरे स्वस्थ…

जनगणना में जाति को शामिल करना क्यों समाज और विकास के हक में है?

वर्ग और वर्ण आधारित भीषण गैरबराबरी, जटिल और असहज वर्गीय रिश्तों में पिचकते भारतीय समाज में जब कभी वर्गीय और…

राहुल गांधी की भटकती भारत जोड़ो यात्रा

अपनी भारत जोड़ो यात्रा में मध्य प्रदेश पहुंचते ही राहुल गांधी का अचानक ‘व्यक्तित्वांतरण’ हो गया! अपनी पदयात्रा में अब…

आर्थिक आधार पर आरक्षण को जायज ठहराना क्यों संविधान-सम्मत नहीं है?

भारत में सामाजिक न्याय से जुड़े मसलों पर जब भी कोई वृत्तांत या इतिहास लिखा जायेगा, 7 नवम्बर, 2022 के…

आस्ट्रेलिया का वह बैनर और हमारा अदृश्य नवजागरण-सोया आत्मबोध

इन दिनों हमारे एक मित्र आस्ट्रेलिया गये हुए हैं। उनका बेटा वहीं रहता है। हाल ही में उन्होंने मुझे वहां…

मुलायम सिंह यादव: अलग-अलग दौर में अलग-अलग मुलायम

चौधरी चरण सिंह के बाद उत्तर प्रदेश के किसानों और पिछड़ों के बीच जिस नेता ने सर्वाधिक लोकप्रियता हासिल की,…