मोदी अर्थव्यवस्था की अर्थी ढोएंगे या ढूंढेंगे कोई इलाज?

सरकार ने 31 अगस्त को, जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिए, जिसमें यह नकारात्मक रूप से 23.9 फ़ीसदी यानी माइनस…

‘एक्ट ऑफ गॉड’ नहीं जनाब, ये ‘एक्ट ऑफ सरकार’ है!

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया से वित्तमंत्री ने कहा, “देश की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस के रूप में सामने…

रेल, जहाज, स्कूल अस्पताल के बाद अब जंगलों का भी निजीकरण!

रेल, जहाज, स्कूल, अस्पताल के बाद देश के जंगल भी बिकेंगे। यह सोच है, देश के सबसे बड़े और प्रभावी…

सुप्रीम कोर्ट, माफी का आग्रह और महात्मा गांधी

ट्वीट से ‘न्यायपालिका की चूलें हिल गई हैं,’ ऐसा माननीय न्यायमूर्तियों ने 14 अगस्त को प्रशांत भूषण को अवमानना का…

न्यायपालिका में आयी सड़न का आखिर क्या है निदान?

लोकतंत्र को खतरा, सवाल उठाने से नहीं सवालों पर चुप्पी और मूल मुद्दों को नजरअंदाज करने से है। सुप्रीम कोर्ट…

प्रशांत भूषण एक निडर व्यक्ति हैं: राजमोहन गांधी

प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना का मामला, अब केवल अवमानना का ही मामला नही रह गया है। सच कहें तो…

प्रशांत नहीं, अब कठघरे में खड़ी है अदालत

प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में और जटिलता आ गयी है। कानून को कानूनी तरह से ही लागू किया…

कानून के जानकारों ने कहा- प्रशांत भूषण के अवमानना फैसले में गंभीर कानूनी खामियां

प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में जस्टिस अरुण मिश्र की बेंच ने जो फैसला दिया है, उसकी न्यायिक समीक्षा,…

मौजूदा और आपातकाल के दौर को छोड़ दें तो शेष में गौरवशाली रहा है न्यायपालिका का इतिहास

एक जमाना न्यायिक सक्रियता का हुआ करता था। सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट, जनहित के मुद्दे पर मुखर और आक्रामक थे।…

सुप्रीम कोर्ट के ही हितों के खिलाफ खड़ा हो गया है उसका मौजूदा नेतृत्व

प्रशांत भूषण के ट्वीट को पढ़िए तो उसमें न्यायपालिका से एक शिकायत का भाव है, और वह भाव इसलिए है…