सरकार की पीआर एजेंसी के रूप में कुछ टीवी चैनलों का बदलना अब हैरान नहीं करता है, बल्कि हैरान करता…
कारगिल युद्ध की खुफिया विफलता से सबक लिया गया होता तो मौजूदा चीन प्रकरण से बचा जा सकता था!
अगर युद्ध की बात करें तो कारगिल 1962, 65 और 71 की तरह का युद्ध नहीं था। यह युद्ध घोषित…
कानपुर हत्याकांड: फिरौती की रकम मिलने से पहले ही दोस्तों ने कर दी थी संजीत की हत्या
कानपुर के बिकरु में 8 पुलिसजन की जघन्य हत्या और फिर उस हत्या में शामिल विकास दुबे की पुलिस मुठभेड़…
जनता की जेब पर डाके का खुला ऐलान है बैंकों और बीमा कंपनियों का निजीकरण
19 जुलाई 1969 को बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था और उसके ठीक पचास साल बाद आज 21 जुलाई 2020…
विशेष लेख: राजनीतिक एजेंडा पूर्ति का उपकरण नहीं है पुलिस
गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने के बाद, पुलिस के राजनीतिकरण और माफियाओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर लगातार सवाल…
भारत-नेपाल संबंधों को बिगाड़ने की नीयत से किया गया था बनारस में मुंडन की घटना को प्रायोजित
बनारस में नेपाली व्यक्ति के विश्व हिंदू सेना द्वारा जबरिया मुंडन की घटना के बारे में अब कुछ नयी बातें…
वाराणसी: नेपाली नागरिक का पहले मुंडन फिर जय श्रीराम लिखकर कट्टरपंथियों ने रची धर्मांधता की नई परिभाषा
धर्मांधता या धार्मिक कट्टरता, एक निरपेक्ष ज़हर की तरह होती है। वह भले ही अपने विपरीत धर्म के विरुद्ध जन्म…
तेलतुंबडे के जन्मदिन पर एक बार फिर याद आया उनका सवाल- क्या अपनी बारी आने से पहले आप कुछ बोलेंगे?
खबर आ रही है कि, मुंबई की जेल में बंद, भीमा कोरेगांव कांड के आरोपी, तेलुगु कवि, वरवर राव की…
क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम: आखिर इस मर्ज की दवा क्या है?
विकास दुबे कानपुर के पास एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। यह मुठभेड़ फ़र्ज़ी है या सही, इस पर एक…
कानपुर हत्याकांड: खाकी को ही खाकी पर भरोसा नहीं, एसआई केके शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में लगायी सीबीआई जांच के लिए गुहार
यूपी के कानपुर में, बिकरु गांव में, 2/3 जुलाई को हुई 8 पुलिस अफसरों की शहादत और विकास दुबे एनकाउंटर मामले…