दिल्ली पुलिस का बैड टच!

इंडियन एक्सप्रेस अखबार में रविवार 21 मई को दिल्ली पुलिस का ‘बैड टच’ विज्ञापन प्रमुखता से प्रकाशित हुआ है। इसमें…

कमजोर कांग्रेस एक राजनीतिक सच्चाई है, ठीकरा नेतृत्व के सिर पर

2014 के लोकसभा चुनाव से कांग्रेस की चुनावी हार का रोलर-कोस्टर सिलसिला थमने का नाम नहीं लेता दिख रहा। पारिवारिक…

मोदी की सुरक्षा नहीं, महाबली की छवि खतरे में थी

2001 में गुजरात भुज भूकंप के तीसरे दिन ही तत्कालीन प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी वहां के दौरे पर गए| सब…

योगेन्द्र यादव को खेद प्रकट करना चाहिए

मुझे स्वयं को योगेन्द्र यादव का प्रशंसक स्वीकारने में तनिक भी हिचक नहीं है। भारत की संसदीय राजनीति में वे…

केवल एक ही पक्ष ने ही किया था लखीमपुर में सोचा समझा नरसंहार

लखीमपुर खीरी हिंसा दो पक्षों ने की थी। लेकिन, उनमें से एक ही, मोदी सरकार के गृह राज्य मंत्री अजय…

लोकतंत्र में ‘शासक’ नहीं कानून का चलता है राज

गत दिनों गोरखपुर में मनीष गुप्ता की पुलिस द्वारा नृशंस हत्या की तरह आज लखीमपुर खीरी में भी किसानों के…

निर्णय और नेतृत्व से अनुपस्थित स्त्री ही है असुरक्षित!

स्त्री सुरक्षा के मुद्दे को एक सामान्य समीकरण के रूप में देखा जा सकता है- जहाँ स्त्री नेतृत्व और निर्णय…

यूपी चुनाव पर जिन्ना का साया

उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार में ओवैसी के मुस्लिम मतदाताओं में धुआंधार प्रचार के सन्दर्भ में भाजपा/आरएसएस की रणनीतिक समझ को…

इस्लामोफोबिया से पुलिस को छुटकारा दिलाइये मी लार्ड!

सीजेआई यानी देश के सर्वोच्च पदस्थ न्यायाधीश की घोर न्यायिक हताशा को समझना होगा। इस्लामोफोबिया यानी ‘राष्ट्र/हिन्दू को इस्लाम/मुसलमान से…

राखी बांधती बहनें और उनकी ’सुरक्षा’ में तालिबानी भाई

रक्षाबंधन के दिन, जब भारत में भाई अपनी बहनों की रक्षा के प्रति बेहद सजग होते हैं, पुलिस को भी…