Saturday, April 20, 2024

विकास नारायण राय

वंचितों की हकमारी न साबित हो नया आरक्षण संशोधन विधेयक

आरक्षण के मुद्दे पर चुनावी राजनीति से प्रेरित मोदी सरकार ने दो सोचे समझे कुटिल कदम उठाये हैं। एक, जाति-आधारित जनगणना न कर, घोर जातिवादी सवर्ण मानसिकता को भुनाने के लिए। और दूसरा, 127वें संविधान संशोधन के माध्यम से,...

खोरी बाशिंदों के सपनों को कब्र में बदलने के कई हैं गुनहगार

‘वन भूमि से समझौता नहीं किया जा सकता।’ सुप्रीम कोर्ट के इस घोषित निश्चय के चलते, दो महीने से अरावली वन क्षेत्र में शक्ल ले रही विस्थापन त्रासदी का लब्बोलुवाब रहा कि खोरी नामक श्रमिक बस्ती का अंत हो...

मी लॉर्ड! खोरी में ‘कानून का शासन’ है या ‘कानून द्वारा शासन’?

15 जुलाई की प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की अपने निर्वाचन क्षेत्र बनारस की भव्य यात्रा में शहर के लिए 1500 करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं की सौगात शामिल थी। देश के एलीट और सुविधा प्राप्त वर्गों के लिए इससे...

स्टेन स्वामी और उनके दस सिर वाले रावणी हत्यारे

एक ओर दशकों से झारखंड में आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष को समर्पित, पार्किन्सन समेत बढ़ती उम्र से जुड़ी अशक्तता के मारे स्टेन स्वामी और दूसरी ओर उनकी मौत के लिए उत्तरदायी राजनीति, पुलिस, जेल और अदालत की भूमिका!...

लाट साहबी सुरक्षा में एक और बलि

एक और लाट साहब, एक और मौत? अंग्रेज लाट साहब बेशक देश से चले गए हों लेकिन लाट साहबी की भरी-पूरी विरासत पीछे छोड़ गए हैं। कानपुर में गये हफ्ते भारत के महामहिम राष्ट्रपति के आगमन पर स्थानीय उद्यमी...

व्यापारी रामदेव महामारी नहीं, स्वास्थ्य के लिए चुनौती

स्वयं को स्वामी कहलाने वाले रामदेव के अनुसार एलोपैथी बकवास है और देश में होने वाली लाखों कोरोना मौतों के लिए जिम्मेदार भी! उसकी मानें तो कोरोना से लड़ाई एलोपैथी दवाओं और ऑक्सीजन से नहीं, उसकी पतंजलि नामक कंपनी...

कानून से बेपरवाह मुंबई के ‘कमाऊ पूत’ और उनके आका

पुलिस और राजनीति में ‘कमाऊ पूत’ एक जमी-जमायी परंपरा है। हालांकि यह विरल ही मिलेगा कि मुंबई पुलिस के असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वाझे जैसा कोई कमाऊ पूत कानून के हाथों पकड़ा जाए। इन कमाऊ पूतों की प्रजाति में सबसे...

मोदी विरोध और मोदी समर्थन की एक जैसी दुत्कार!

कॉर्पोरेट खेमे के प्रखर पब्लिक इंटेलेक्चुअल प्रताप भानु मेहता की अशोका यूनिवर्सिटी से मोदी के इशारे पर हुई छुट्टी को मशहूर स्तंभकार तवलीन सिंह के अपमानित होकर मोदी कैंप से बाहर किये जाने के प्रसंग से भी समझा जा...

‘इंकलाब जिन्दाबाद’ बन गया व्यवस्था परिवर्तन और साम्राज्यवाद विरोध का नारा

भगत सिंह की देश भक्ति की तरह उनकी नास्तिकता भी निर्विवाद है। उन्होंने फांसी से कुछ समय पहले लिखा, मैं नास्तिक क्यों हूं। मानो यह भी बताने को कि देश प्रेम और धार्मिकता पृथक स्पेस हैं। इसी सहजता से...

योगी जी! तख्ती पर ‘सुरक्षा’ नहीं, ‘अराजकता’ लिखा है

यह देखना खासा दिलचस्प है कि इस बार के बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी शासन की तथाकथित ‘अराजकता’ को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने के लिए भाजपा ने उत्तर प्रदेश (यूपी) के बड़बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आगे कर...

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भारी संख्या में मतदान बहिष्कार ने खोल दी विकास के दावों की पोल

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का चुनाव अभियान राजनीतिक दलों और मतदाताओं की खामोशी के चलते अभूतपूर्व ढंग...