नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना मामले में वरिष्ठ एडवोकेट और सिविल राइट्स एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना लगाया है और इसे उन्हें 15 सितंबर के अंदर जमा करना होगा। अगर वो इसे समय के भीतर नहीं जमा कर पाते तो उन्हें तीन महीने की सजा भुगतनी पड़ेगी। और इसके साथ ही उन्हें तीन साल के लिए कोर्ट में वकालत करने से रोक दिया जाएगा। तीन सदस्यीय बेंच के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट द्वारा किसी मसले पर विचार करने से पहले दिए गए बयान को प्रेस में जारी करना न्यायिक प्रशासन के नियमों का उल्लंघन है। इस मामले में एटॉर्नी जरनल की राय पर भी हम लोगों ने विचार किया।

You May Also Like
Posted in
राजनीति
डिजिटल जेल में कैद लोकतंत्र : हमारी ख़ामोशी पर भी सरकार का पहरा
Posted by
मनोज अभिज्ञान
More From Author
Posted in
ज़रूरी ख़बर
वोटबंदी की साजिश के खिलाफ भाकपा-माले का राज्यव्यापी विरोध-प्रदर्शन
Posted by
Janchowk

‘मन की बात’ के जवाब में राहुल ने की ‘अर्थव्यवस्था की बात’, कहा- आपको गुलाम बनाने की हो रही है कोशिश
