धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) में संशोधन को उच्चतम न्यायालय ने संवैधानिक घोषित कर दिया है ! संशोधन के पहले तक धन शोधन एक स्वतंत्र अपराध की श्रेणी में नहीं आता था अपितु यह किसी अन्य अपराध पर निर्भर करता है...
विगत दिनों सुप्रीम कोर्ट के अनेक फैसले नकारात्मक कारणों से चर्चा में रहे। इनमें कुछ फैसले जरा पुराने थे और कुछ एकदम हाल के। इन फैसलों के चर्चा में आने का कारण सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस खानविलकर की...
उच्चतम न्यायालय से अंबानी और अडानी को राहत मिली है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक शेयर अधिग्रहण मामले में अपनी जांच में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा उपयोग किए गए कुछ दस्तावेजों के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज...
जस्टिस एएम खानविलकर रिटायर हो गए हैं। पर रिटायर होने के पहले उन्होंने जिन कुछ मुकदमों का निस्तारण किया है, उनके फैसलों में आए कुछ निष्कर्ष ऐसे हैं, जिन्होंने, कानूनी जानकारों को न केवल हैरान किया है, बल्कि न्याय...
उच्चतम न्यायालय की अवकाश पीठ द्वारा महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट में तत्काल निर्णय न देकर सुनवाई के लिए 11 जुलाई निर्धारित करने के बाद उत्पन्न स्थितियों से न केवल राजनीतिक संकट गहरा गया है बल्कि कानूनी संकट भी जटिल...
पीएमएलए संशोधनों को बरकरार रखने के फैसले पर विपक्ष उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करेगा। यह जानकारी माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने दी है। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के...
उच्चतम न्यायालय के जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी.टी. रविकुमार की पीठ द्वारा पीएमएलए की धारा 5, 8(4), 15, 17 और 19 के प्रावधानों की संवैधानिक घोषित करने और ईडी को गिरफ्तारी, कुर्की, तलाशी और जब्ती...
सर्वोच्च न्यायालय भारतीय लोकतंत्र का अंतिम स्तंभ है लेकिन उसे पता था कि एक प्रधान मंत्री के खिलाफ प्रतिकूल परिणाम पूरे प्रासाद के पतन को तेज कर देगी।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल के वर्षों में कई संदिग्ध निर्णय...
उच्चतम न्यायालय ने इस सवाल को खुला छोड़ दिया है कि क्या पीएमएलए में 2018 के संशोधन वित्त अधिनियम के माध्यम से लाए जा सकते हैं और इन मुद्दों को 7- जजों की पीठ द्वारा तय किया जाना है...
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा है कि वर्तमान समय की न्यायपालिका के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक निर्णय के लिए मामलों को प्राथमिकता देना है। न्यायाधीश सामाजिक वास्तविकताओं से आंखें नहीं मूंद सकते। सिस्टम को टालने...