पटना। बिहार में समान शिक्षा प्रणाली की मांग को लेकर सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) द्वारा 6 जुलाई को कर्पूरीग्राम से शुरू की गई पदयात्रा 10 जुलाई को पटना में संपन्न हुई। यह यात्रा कर्पूरी, फुलेश्वरी डिग्री कॉलेज से शुरू होकर ताजपुर, बहुआरा, बाजितपुर, इभैच, सिंदुवारी, जरूआ, गायघाट होते हुए पटना पहुंची। पटना में धेनुकी मोड़ से जन विकास शक्ति संगठन की करीब 300 महिलाएं शामिल हुईं और जे.पी. निवास, कदम कुंआ तक पैदल चलकर समापन कार्यक्रम में भाग लिया। रास्ते में बहादुरपुर गुमटी पर एक जनसभा भी आयोजित की गई।
समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक वसी अहमद ने की, जिसमें अजय साहनी, सुधा, महेन्द्र यादव, सैयद तहसीन अहमद, विजेन्द्र कुमार, नशूर अजमल, धनंजय सिन्हा, मीनाक्षी सिंह ने सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन आशीष रंजन और रूपेश ने किया। शाहिद कमाल, प्रोफेसर जावेद अब्दुल्लाह, आलोक कुमार, और शशिकांत प्रसाद भी मौजूद थे।
पदयात्रा का उद्देश्य समान शिक्षा प्रणाली को लागू कराने की मांग को बल देना था, जिसे 1968 के कोठारी आयोग और 2007 के मुचकुंद दूबे आयोग ने भी अनुशंसित किया था, लेकिन अभी तक लागू नहीं हुआ। वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि शिक्षा के बिना संतुलित विकास संभव नहीं है और निजीकरण को रोककर सभी बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) ने घोषणा की कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में समान शिक्षा प्रणाली को प्रमुख मुद्दा बनाएगी और इसके लिए आम लोगों को उम्मीदवार के रूप में आमंत्रित करेगी। यदि पार्टी विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराती है, तो इस मुद्दे को लागू करने के लिए पूरा प्रयास करेगी।
(प्रेस विज्ञप्ति)