प्रयागराज। कभी इलाहाबाद आईएएस-पीसीएस की फैक्ट्री के तौर पर जाना जाता था। लेकिन आए दिन होने वाली छात्रों की खुदकुशियों ने इसकी पहचान बदल दी है। अब इसे 'मौत के कुएं' के तौर पर जाना जाता है। अखबारों में...
फूलपुर से घंटे भर के सफ़र के बाद बस से इलाहाबाद चुंगी पर उतरा ही था कि बैटरी रिक्शा वाले ‘कचेहरी कचेहरी’ चिल्लाते दिखाई पड़े। मेरा मन सन्न रह गया। ये क्या हो गया। चुंगी से कचहरी की सड़क...
अब कहां? अब कहां? अब कहां? यह सवाल संगम की ओर जाते हर रास्ते पर चादर बिछाये थाल कटोरा लिये बैठे हजारों महिलाओं-पुरुषों की आंखों में गहरी उदासी के साथ बैठा है। दो महीने पहले गंगा किनारे लगा मेला...
प्रयागराज (इलाहाबाद)। जिले की फूलपुर विधानसभा में बाबूगंज बाज़ार के पीछे एक डेरा है- मुसहरा का डेरा। प्रयागराज की चुनावी रिपोर्टिंग के लिये हम इसे डेरे में पहुंचे। दोनों तरफ खेतों के बीच एक छोटे से चकरोट से होकर...
दो दिन पहले ही ममता कालिया जी की किताब ‘जीते जी इलाहाबाद’ प्राप्त हुई, और पूरी किताब लगभग एक साँस में पढ़ गया ।
इलाहाबाद का 370, रानी मंडी का मकान। नीचे प्रेस और ऊपर रवीन्द्र कालिया-ममता कालिया का घर;...
शंकरगढ़ (प्रयागराज)। कभी देश को दिशा देने वाले इलाहाबाद यानि प्रयागराज की मौजूदा तस्वीर बेहद परेशान करने वाली है। उसके एक इलाके शंकरगढ़ में एक पूरे समुदाय को गुजारे के लिए भीख मांगनी पड़ रही है। पेट के अन्न...
1977 में हम इलाहाबाद आए। तब से लेकर आज तक इलाहाबाद में बहुत बदलाव देखे। तब यह शहर फल, फूल और बगीचों का शहर था। अमूमन एक मंजिले, दो मंजिले मकानों का शहर। तिमंजिले मकान थे लेकिन बहुत कम।...
इलाहाबाद/प्रतापगढ़। गांव गाल्हन, विश्वनाथगंज जिला प्रतापगढ़ की एक बूढ़ी मां की सूनी आंखों में बेपनाह पीड़ा है। बेटे का जिक्र सुनते ही आंसू आंखों की हदबंदी तोड़ बाहर आ जाते हैं। वो सुबक सुबककर रोने लगती हैं। वो किसी...
प्रयागराज। पीड़ित छात्रों से मिलने जाते समय कल छोटा बघाड़ा से युवा मंच के संयोजक राजेश सचान को गिरफ्तार करके पुलिस ने कर्नलगंज थाने में रखा है।
राजेश सचान की जीवन साथी सुनीता शाह बताती हैं कि राजेश को कल...
तो क्या यह मान लिया जाए कि उत्तर प्रदेश और इसके आगे-पीछे होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा अपना सफाया होना तय मानकर चल रही है और उसके हाथ पांव फुले हुए हैं। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं...