लोकतंत्र को सशक्त बनाने के प्रयास और संवैधानिक मूल्य

वी-डेम इंस्टिट्यूट की भारत के संबंध में रपट, जो द हिंदू में प्रकाशित की गई है, में कहा गया है…

पंच-पतियों को आने दो!

ये लो कर लो बात। भगवा भाइयों के राज में भी ऐसा अत्याचार हो रहा है। छत्तीसगढ़ में पारसबाड़ा गांव…

हे भागवत जी, कुछ ऐसी भागवत-कथा कहो कि आपका श्रोता सुनते-सुनते सो जाए !

खबर है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा की अगले महीने बंगलूरू में होने वाली बैठक में ‘हिंदू जागरण’…

हिंदू त्यौहार और साम्प्रदायिक राष्ट्रवादी राजनीति

संघ परिवार का हिंदू राष्ट्र का एजेंडा तरह-तरह के नैरेटिव्स को अलग-अलग तरह से बुनने और उन्हें अलग-अलग मंचों से…

विशेष विवाह अधिनियम की संवैधानिकता पर सवाल 

भारत के लोगों के लिए शादी जीवन का एक अहम भाग है जहां समाज के लोग महिला और पुरुष को…

लखनऊ शहर की एक नई कालोनी में RWA चुनाव का अनुभव

हाल ही में लखनऊ शहर की एक नई आबाद होती कालोनी में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA ) का चुनाव सम्पन्न हुआ।…

पर्यावरण बचाने के नाम पर जंगलों को कॉरपोरेट को सौंपने की तैयारी

सारे देश में निजीकरण की आँधी चल रही है, उससे अब जंगल भी अछूते नहीं हैं। अनेक देसी-विदेशी कॉरपोरेट घरानों…

बदलने थे गांव, बदल रहे हैं नाम

बात 1966 के नवम्बर की है। हिसार जिले के एक गांव में हुक्का गुड़गुड़ाते हुए एक ताऊ बोले कि पंजाब…

मोदीराज का विवेचन पार्ट-3 : नेहरूकालीन धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र की जड़ पर प्रहार

15 अगस्त,’ 47 से लेकर राजीव गांधी के शासन काल (1989) तक नेहरू काल की वैचारिक व शासन विरासत का…

मोदीराज का विवेचन पार्ट-2: मोदी-शाह की हीनता ग्रन्थि

मोदी-शाह ब्रांड शासन शैली की विशेषता यह भी है कि इसमें सामंती-महाजनी पूंजीवादी शैली की अंतर्धारा बहती रहती है।दोनों नेता…