Friday, April 26, 2024

बादल सरोज

सूरत चुनाव: मोदी राज में लोकतंत्र की सीरत और वन नेशन वन इलेक्शन के पीछे की नीयत

   सूरत में जो हादसा हुआ है वह किसी भी सभी समाज और परिपक्व लोकतंत्र पर एक बदसूरत धब्बा है – इसलिए यह सिर्फ सूरत का हादसा नहीं है। जैसा कि अब तक लगभग अब जान चुके हैं कि इस...

मोदी की गारंटी: भाजपा की जगह मोदी, लोकतंत्र की जगह तानाशाही

मतदान की शुरुआत होने में जब महज पांच दिन बचे थे तब कहीं जाकर मौजूदा सत्ता पार्टी भाजपा ने अपना “चुनाव घोषणापत्र” जारी किया। उपभोक्ताओं को लुभाने वाली मार्केटिंग की शैली में लिखे चुस्त खोखले संवादों, अनुपलब्धियों और विफलताओं...

मोदी जी सही पकड़े हैं; वाम एक आईना है, उन्हें बेपर्दा कर देता है !!

जैसे-जैसे मतदान की तारीखें करीब आ रही हैं, जैसे-जैसे पांव के नीचे की जमीन खिसकने का अहसास बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे सत्ता पार्टी की घबराहट बौखलाहट से सन्निपात में बदलती जाती दिखने लगी है। अब तो यह इसके एकमात्र प्रचारक नरेंद्र...

चालीस चोरों के खजाने के चौकीदारों की दरोगाईन के गरीबी के नखरे

इधर 400 पार का गुब्बारा फुलाने में खुद मोदी जी की सांसें फूली जा रही हैं उधर उनकी वित्तमंत्राणी ने लोकसभा चुनाव लड़ने से ही पल्ला झाड़ लिया। वे प्याज पहले ही नहीं खाती थीं, अब चुनाव भी नहीं...

अरे, इन्हें तो अभी से नानी याद आने लगी !

अभी अभियान ढंग से रफ़्तार भी नहीं पकड़ पाया है मगर लगता है मुंहबली की सांसें अभी से फूलने लगी है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक पल्टीमारों की उल्टापल्टी के लिए सारी थैलियां खोलने और पूरी ताकत झोंकने के बाद...

इलेक्टोरल बॉन्ड: हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे सहारे 

कहते हैं कि कोई अगर गिरने के लिए अपनी पर भी आ ही जाये तब भी उसकी कोई न कोई सीमा होती ही है। मगर भारतीय जनता पार्टी एक अलग तरह की पार्टी है- इसकी किसी मामले, किसी प्रसंग...

सत्तारूढ़ दल के आत्मविश्वास का दिखावा मोदी के भय को दिखा रहा है

लगने को तो अनेक को लग सकता है कि हमारे प्रधानमंत्री जी बड़े विनोदी हैं, मजाकिए भी हैं। हालांकि अगर ऐसा लगता है तो कोई अजीब बात भी नहीं। ऐसा लगना सिर्फ अनुमान नहीं है, इसमें भरीपूरी सच्चाई है।...

गांधी मैदान ने नानी याद दिलाई; परिवार की ढूंढ तलाश में निकले मोदी  

जैसे जैसे चुनाव की तारीखें करीब आ रही हैं मोदी और उनकी पार्टी, जिसका नाम अभी तक भाजपा है, की बेचैनी और घबराह्ट बढ़ती ही जा रही हैं। स्वाभाविक भी है, एक झूठ को बार बार बोलकर, हजार बार...

जामनगर में वैभव की अश्लीलता और सेठ जी के चिड़ियाघर में बदलता भारत

1 से 3 मार्च तक भारत ने जो देखा वह एक धनकुबेर द्वारा अपने वैभव का अश्लील मुजाहिरा ही नहीं था बल्कि अपनी सम्पन्नता की विपुलता का सहारा लेकर देश की सभ्यता और उसमे बसी मनुष्यता के प्रति हिकारत...

युवाओं को मोदी का अनूठा टास्क; सेल्फी खेंचो-एप्प में डाल तमाशा देखो

भाजपा के सुप्रीमो युगपुरुष नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि देश की जनता जब उनसे प्रधानमंत्री- जिस रूप में वे शायद ही कभी रहे हों- के नाते खेत के बारे में कुछ जानना चाहती है तब...

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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान

मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...