Thursday, March 28, 2024

depression

डिप्रेशन में देश: समझ कम, इलाज नाकाफी  

यह एक विडम्बना है कि जिस देश की जड़ें तथाकथित आध्यात्मिकता में रहीं हैं, उसके धर्म और आध्यात्मिक ज्ञान उसे नैराश्य और अवसाद का सामना करने में मदद नहीं कर पाए हैं! गीता को विश्व की महानतम धार्मिक और...

पूर्वांचल में बढ़ता आत्महत्याओं का ग्राफ

भूख, गरीबी, कर्ज और अपराध की गिरफ्त में पूर्वांचल का समाज, अवसाद की अंधेरी कोठरी में समाने लगा है। स्थिति नियंत्रण से बाहर दिख रही है और जागरुक लोग चिंतित हैं कि आखिर इसका समाधान क्या है? किसान और...

सरकार की जिद की भेंट चढ़े दो और किसान

कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर जारी आंदोलन के बीच दो किसानों ने खुदकुशी कर ली है। फिरोजपुर के ममदोट इलाके के गांव महिमा के गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी नसीब सिंह मान ने खुदकुशी कर ली। उन्होंने...

विशेष आलेख: अनिश्चितता के बीहड़ में खुलता आत्महत्या का प्रवेशद्वार

जीवन के मोह से मनुष्य का बुनियादी लगाव रहा है, पर लगता है, जैसे जीवन से ऊब भी एक ऐतिहासिक तथ्य से कम नहीं। प्राचीन काल में जिंदगी से मुंह मोड़ लेने वाले मनुष्यों का इतिहास कहीं पढ़ने-देखने को...

सुशांत राजपूत की आत्म हत्या के प्रसंग में : अवसाद, अहम् और आदर्श के सवाल

किसी भी अवसादग्रस्त आदमी के साथ एक चरण में जा कर ऐसा होता है कि उसे अपने चारों ओर की अन्य सारी आवाजें सुनाई देना बंद हो जाती हैं। वह जैसे खुद में ही कैद हो जाता है। किसी...

रघुराज राजन के सुझावों पर क्यों नहीं गौर कर रही है सरकार?

पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री रघुराम जी राजन ने कोरोना वायरस के कारण उपस्थित चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए देश की आर्थिक दुर्दशा से सम्बंधित कई बेहद अहम बयान और सुझाव दिया था...

गंभीर आर्थिक मंदी से उबरने के लिये सरकार के पास क्या उपाय हैं ?

शेयर मार्केट में अफरातफरी भरी गिरावट 8 नवंबर 2016 को लागू किये गए मूर्खतापूर्ण कदम नोट बंदी के परिणाम हैं। तब कहा गया था कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे। मित्रों हम उसी दूरगामी परिणाम की मंज़िल तक पहुंच गए...

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आइये, मोदी सरकार संग बेरोज़गारी दूर करें: तीन पोस्ट, तीनों हैरतअंगेज़ भरी!

फेसबुक पर मोदी-नेतृत्व के भाजपा सत्ता प्रतिष्ठान के चरित्र से जुड़ी तीन पोस्टों पर नज़र पड़ी। तीनों ही बेहद...