Friday, April 19, 2024

Kamal

कमल खिलाने के लिए कीचड़ बनने की पहली शर्त पूरा कर रही है बीजेपी

कमल कीचड़ में ही खिलता है बीजेपी ने न केवल इसको सैद्धांतिक बल्कि व्यवहारिक तौर पर भी करके दिखा दिया है। पतित से पतित लोगों और भ्रष्टाचार के नाले में गोते लगा रहे नेताओं को जिस तरह से उसने...

जन्मदिन पर विशेष: अपनी बहू मीना कुमारी से कई यादें जुड़ी हैं अमरोहा की

मुम्बई में मास्टर अलीबख़्श के घर जन्मी बॉलीवुड की ट्रेजडी क्वीन 'मीना कुमारी' को कौन नहीं जानता। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री मीना कुमारी उन बॉलीवुड हस्तियों में शुमार हैं जिन्होंने साठ-सत्तर के दौर में अपनी असाधारण प्रतिभा के बल-बूते पर...

गंगा-जमनी तहजीब का एक पत्रकार चला गया

लोकप्रिय टीवी पत्रकार कमाल खान का आज सुबह दिल का दौरा पड़ने से  निधन होने की जैसे ही खबर मिली, दिल को बहुत गहरा धक्का लगा। कुछ उसी तरह जब विनोद दुआ नहीं रहे। दोनों की पत्रकारिता का शुरू...

नहीं रहे पत्रकारिता के कमाल

वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान का शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरी पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार कमाल खान की हृदयगति...

मोदी को इस बार की अमेरिका यात्रा कड़वे अनुभवों के लिए याद रहेगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस बार की अमेरिका यात्रा बेहद कटु अनुभव वाली रही है। तीन दिन की इस यात्रा के दौरान विभिन्न मौकों पर अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ जिस तरह का रुखा व्यवहार किया,...

सारण में एक बटन दबाने पर 5 वोट कमल को! लोगों ने किया हंगामा

पटना। बिहार विधान सभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान के दौरान आज कई स्थानों पर ईवीएम में खराबी व अव्यवस्था के चलते मतदान का कार्य प्रभावित हुआ। उधर सड़क की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। दूसरे चरण...

कमल शुक्ला हमला: बादल सरोज ने भूपेश बघेल से पूछा- राज किसका है, माफिया का या आपका?

"आज कांकेर में देश के जाने-माने पत्रकार कमल शुक्ला पर हुआ हमला स्तब्ध और बहुत विचलित करने वाली खबर है। यह इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में आज भी राज काज भ्रष्ट नौकरशाह, अपराधी नेता और गुंडों के...

अर्थव्यवस्था के पतन की स्क्रिप्ट और कमल हासन का प्रधानमंत्री को पत्र

अर्थव्यवस्था के पतन की स्क्रिप्ट तो 2016 के 8 नवंबर को ही लिख दी गयी थी। वर्तमान दयनीय आर्थिक स्थिति है वह कोरोना आपदा के समय दिख ज़रूर रही है पर उसका कारण कोरोना आपदा से उतना नहीं है,...

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लोकतंत्र का संकट राज्य व्यवस्था और लोकतंत्र का मर्दवादी रुझान

आम चुनावों की शुरुआत हो चुकी है, और सुप्रीम कोर्ट में मतगणना से सम्बंधित विधियों की सुनवाई जारी है, जबकि 'परिवारवाद' राजनीतिक चर्चाओं में छाया हुआ है। परिवार और समाज में महिलाओं की स्थिति, व्यवस्था और लोकतंत्र पर पितृसत्ता के प्रभाव, और देश में मदर्दवादी रुझानों की समीक्षा की गई है। लेखक का आह्वान है कि सभ्यता का सही मूल्यांकन करने के लिए संवेदनशीलता से समस्याओं को हल करना जरूरी है।