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बीच बहस
हे परमात्मा बनारस को बुरी नजर से दूर रखना: गालिब
पहले मिर्जा गालिब की लिखी यह पंक्तियां पढ़ें, तआलल्लाह बनारस चश्म ए बद'दूर बहिश्त ए खुर्रम ओ फिरदौस ए मामूर, इबादतख़ान ए नाकूसियाँ अस्त ए हमाना काबा ए हिन्दोस्तां अस्त !
अब इसका हिंदी अनुवाद, हे परमात्मा, बनारस को बुरी...
संस्कृति-समाज
‘गुलाबो सिताबो’ पर क्षण भर : अंधेरे खंडहरों में बिलबिलाती जिंदगियां
आदमी की भौतिक दरिद्रता उसकी मानसिक दरिद्रता का भी कारण बनती है। वह अपने अस्तित्व के लिये ही हर प्रकार की लूट-खसोट, कमीनेपन की मानसिकता का शिकार होता है, छोटी-छोटी चालाकियों में ही पूरा जीवन व्यतीत कर देता है...
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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर
धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...
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