Thursday, April 25, 2024

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‘अबकी बार, 400 पार’ के पीछे का आखिर असली एजेंडा क्या है? 

इस बारे में क्या पक्ष और क्या विपक्ष सभी माथापच्ची कर चुके हैं। 10 साल के शासन से बेहाल युवा और किसान तो सड़कों पर पहले से ही मौजूद हैं। दक्षिण भारत संघीय ढांचे की कमजोर हो चुकी बुनियाद...

ग्राउंड रिपोर्टः गंगा क्षेत्र को कछुआ सैंक्चुरी घोषित कर मोदी सरकार ने छीन ली निषादों की रोजी-रोटी

भदोही। लोकसभा चुनाव से बेखबर भदोही के डीह इलाके में गंगा के किनारे 65 साल के साधुराम निषाद नदी में मछली फंसाने लिए जाल फेंककर उसे खींचने की कोशिश में जुटे थे। वह चुपके से कई घंटों से पानी...

पश्चिमी दुनिया को संदेह सता रहा है कि मोदी किस करवट बैठेंगे

अचानक, हर कोई भारत से प्यार जता रहा है। लेकिन यह रोमांस है, शादी नहीं। यह टिकेगा या नहीं यह इस सप्ताह के महत्वपूर्ण चुनाव के परिणामों पर निर्भर करेगा। इन चुनावों में भारतीय लोकतंत्र की विश्वसनीयता, और संभवतः...

नरेंद्र मोदी के लिए जो कुछ अमृत है, आंबेडकर के लिए वह सब कुछ ज़हर था 

“अगर हिन्दू राज हकीकत बनता है, तब वह इस मुल्क के लिए सबसे बड़ा अभिशाप होगा। हिन्दू कुछ भी कहें, हिन्दू धर्म स्वतन्त्रता, समता और बन्धुता के लिए खतरा है। इन पैमानों पर वह लोकतन्त्र के साथ मेल नहीं...

आसमान में उड़ने वाले रामदेव को सुप्रीम कोर्ट ने दिखायी जमीन

पिछले कुछ दशकों में भारत में कई बाबाओं का उदय हुआ है। इसके पहले भी बाबा हुआ करते थे मगर इन दिनों बाबाओं का जितना राजनैतिक और सामाजिक दबदबा है, उतना पहले शायद कभी नहीं रहा। कई बाबा अनेक तरह...

तरह-तरह से सामने आ रही है मोदी की बौखलाहट

अब आम चुनाव 2024 के शुभारंभ की तिथि बिल्कुल सामने है। चार-पांच दिन में प्रथम चरण के चुनाव में प्रचार का दौर समाप्त हो जायेगा। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री हैं कि सावन, नवरात्रा में मछली-मटन...

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी: ज्ञान अर्जन का पुंज या ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’, अब क्या नाम देंगे वो लोग? 

देश के आम चुनाव के समर में जेएनयू ने विश्व के अकादमिक या ज्ञान के आकाश में एक बार फिर से अपनी सकारात्मक भूमिका का परचम लहराया है। लंदन स्थित उच्च शिक्षा विश्लेषण फर्म ‘क्वैकारेल्ली सिमोंड्स (QS) के विश्व...

सरकने लगी है नकाब

आगामी लोकसभा चुनावों की सुगबुगाहट मीडिया में जोर शोर से है लेकिन हवा में अजीब सी ठंडक है। थोड़ा सा कुरेदना पड़ता है मिट्टी की एक दो परतों के नीचे के ताप का एहसास लेने को। पूरे देश की हवा...

क्या बाबा रामदेव का अरबों डॉलर का साम्राज्य मलबे में तब्दील होने जा रहा है?

इसे 2024 लोकसभा चुनावों का बुखार ही कह सकते हैं, जब बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के संयुक्त उपक्रम पतंजलि आयुर्वेद पर सुप्रीम कोर्ट एक के बाद एक सख्त टिप्पणियां और फैसला लेने जा रहा है। लेकिन...

मोदी जी सही पकड़े हैं; वाम एक आईना है, उन्हें बेपर्दा कर देता है !!

जैसे-जैसे मतदान की तारीखें करीब आ रही हैं, जैसे-जैसे पांव के नीचे की जमीन खिसकने का अहसास बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे सत्ता पार्टी की घबराहट बौखलाहट से सन्निपात में बदलती जाती दिखने लगी है। अब तो यह इसके एकमात्र प्रचारक नरेंद्र...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...