Friday, March 29, 2024

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लाल झंडे ने दी है किसान आंदोलन को स्थिरता

वामपंथियों को आँख मूँदकर गाली देने वाले आजकल के कथित सत्ता के चाटुकार पत्रकारों, लेखकों, सम्पादकों, भाँड़ मीडिया के एंकरों और कथित साहित्यकारों को भारत के वर्तमान समय में सत्तासीन पूँजीपतिपरस्त सरकार के दंगाई, फॉसिस्ट, जनविरोधी, कार्पोरेट हितैषी कर्णधारों...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...