Thursday, April 18, 2024

विधायकों की खरीद बिक्री का हथकंडा संवैधानिक गणतंत्र के खिलाफ मोदी सरकार की बड़ी साजिश है: दीपंकर

रांची। पेगासस जासूसी से लेकर झारखंड में हेमंत सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद बिक्री का हथकंडा तक भारत के संवैधानिक गणतंत्र के खिलाफ मोदी सरकार की बड़ी साजिश के संकेत हैं। इस कन्वेंशन के माध्यम से हम तमाम विपक्षी ताकतों को मानव अधिकार संगठनों, आंदोलनकारी ताकतों और नागरिकों से इसके खिलाफ एकजुट प्रतिवाद की अपील करते हैं। दीपंकर ने कहा कि 5 अगस्त को संविधान के खिलाफ साजिश के प्रतिवाद में और पेगासस कांड की न्यायिक जांच की मांग को लेकर हम राज्यव्यापी एक दिवसीय उपवास करेंगे।

कोरोना काल में ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों के मरने की घटना से इंकार कर मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना जनसंहार और उसके भुक्तभोगियों के प्रति वह किस हद तक असंवेदनशील हैं। कोरोना और मोदी सरकारी की दोहरी मार से स्थिति भयावह है। महंगाई बेरोजगारी देश में भारी तबाही मचा रही है। गरीबों के सामने भुखमरी और कुपोषण की समस्या है। अतः राशन को लेकर हमें गरीबों के आंदोलन को तेज करना होगा। हमें जनता को जागरूक करना होगा कि भोजन और स्वास्थ्य उनका अधिकार है। ये बातें सीपीआई एमएल के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहीं। वह कल यानि 28 जुलाई को सीपीआई एमएल के संस्थापक महासचिव चारू मजूमदार की शहादत दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बोल रहे थे।

28 जुलाई को भाकपा माले एवं मासस के संयुक्त तत्वावधान में लोयला स्कूल सभागार, पुरुलिया रोड, रांची में आयोजित इस संकल्प सप्ताह के समापन समारोह की अध्यक्षता मासस केंद्रीय सचिव मिथलेश सिंह ने की एवं संचालन माले के बगोदर विधायक विनोद सिंह ने किया।

माले महासचिव इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे।

दीपंकर भट्टाचार्य ने अह्वान किया कि इसे लेकर हम पंचायत स्तर पर अगस्त माह से जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित करें। हम कोरोना काल में मारे गए परिजनों के लिए मुआवजे को लेकर आंदोलन तेज करें। प्रत्येक रविवार को अपनों की याद कार्यक्रम के जरिए व्यापक लोगों तक सरकार की संवेदनहीनता का पर्दाफाश करें।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने रोजगार के नाम पर युवाओं के साथ बड़ी ठगी की है। रघुवर दास सरकार ने झारखंड विरोधी स्थानीयता नीति के जरिए झारखंड के युवाओं को नौकरी के अधिकार को भी छीन सा लिया है। चिंताजनक बात यह है कि हेमंत सरकार भी इस मामले में गंभीर नहीं है। हेमंत सरकार की रोजगार संबंधी घोषणा भी अखबारों और टीवी चैनलों तक ही सीमित है और सरकार इन घोषणाओं को जमीन पर उतारने के प्रति गंभीर नहीं है। दीपंकर ने कहा कि रोजगार और नियोजन के सवाल को लेकर 15 अगस्त से 30 अगस्त तक छात्र युवाओं को गोलबंद कर कार्यक्रम करें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मासस के महासचिव हलधर महतो ने कहा कि हम किसान आंदोलन को पुरजोर समर्थन करते हैं और मांग करते हैं कि नई कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए एवं बिजली बिल वापस लिया जाए। अभी हाल ही में संसद में आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 मोदी सरकार ने पेश किया है, तत्काल यह आयुध कारखानों के निजीकरण का विरोध कर रहे मजदूरों के हड़ताल को प्रतिबंधित करने पर लक्षित है। लेकिन इसका इस्तेमाल समग्र तौर पर मजदूरों के हड़ताल के अधिकार पर हमला है। इसमें दिए गए प्रावधान सरकार को किसी भी उद्योग क्षेत्र को आवश्यक सेवा में लाने का अधिकार देता है। हम मांग करते हैं कि सरकार अविलंब इस विधेयक को वापस ले। सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण का हम पुरजोर विरोध करते हैं और इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे मजदूर- कर्मचारी आंदोलनों को हम समर्थन करते हैं। हम रसोइया, सहिया, आंगनबाड़ी सेविकाओं, पारा शिक्षकों के आंदोलन के साथ हैं और हेमंत सरकार से मांग करते हैं कि अविलंब इनकी मांगों को पूरा करें।

माले के बगोदर विधायक विनोद सिंह ने कहा कि मानवधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक आंदोलनकारियों का दमन, उनकी जासूसी और उन पर यूएपीए देशद्रोह के मुकदमे और इन झूठे मुकदमों के तहत जेल, भारत के आजादी की बुनियाद पर हमले का हिस्सा है। हम फादर स्टेन स्वामी के लिए न्याय के आंदोलन को जनता के बुनियादी मुद्दों और लोकतंत्र के आंदोलन से जोड़ेंगे। मासस के संस्थापक मार्क्सवादी चिंतक कॉमरेड ए के राय के स्मृति दिवस 21 जुलाई से लेकर भाकपा माले के संस्थापक महासचिव क्रांतिकारी कामरेड चारू मजूमदार की शहादत दिवस 28 जुलाई तक चले संकल्प सप्ताह के इस समापन कन्वेंशन में हम 9 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक कारपोरेट लूट से झारखंड बचाओ, जल, जंगल, जमीन बचाओ मुहिम के बतौर भारत बचाओ, मोदी शाह हटाओ अभियान संचालित करने का निर्णय लेते हैं। 15 अगस्त को तिरंगा झंडा फहराते हुए संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की हम शपथ लेते हैं।

संकल्प सप्ताह समापन समारोह को मुख्य रूप से माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद, आगम राम, आर डी मांझी, पवन महतो, राजेंद्र गोप, दिलीप तिवारी आदि ने संबोधित किया।

(झारखण्ड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट।)

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