Friday, April 19, 2024

धनबाद जज मौत मामले में एसआईटी जांच में आयी तेजी, ऑटो के पीछे जा रहे बाइक सवार को तलाश रही है पुलिस

धनबाद सिविल कोर्ट के जज उत्तम आनंद की मौत की गुत्थी सुलझाने में एसआईटी लगी हुई है। इस मामले में एक बात सामने आयी है कि 28 जुलाई की सुबह मॉर्निंग वाक के दौरान न्यायाधीश को ऑटो ने जिस वक्त टक्कर मारी थी, ठीक उसी समय बाइक से एक शख्स हेलमेट पहने जा रहा है।

जांच के तमाम पहलुओं के बाद भी ऑटो के पीछे चल रही बाइक को लेकर पुलिस की जांच का एंगल अभी तक इस ओर नहीं आया था।

सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि जज को धक्का मार कर जब ऑटो पुन: सड़क पर आकर सीधा आगे बढ़ जाता है, तभी पीछे से एक बाइक आती है और ऑटो से घायल जज उत्तम आनंद को तड़पता देखते हुए भी आगे बढ़ती चली जाती है। जबकि हालात यह बताते हैं कि ऐसी स्थिति में या तो उस बाइक चालक को पुलिस को फोन करना चाहिए था, या शोर मचाकर लोगों को इकट्ठा करना चाहिए था, या तीसरा काम उसे यह करना चाहिए था कि जब ऑटो धक्का मारकर आगे बढ़ जाता है, तो उसे उसका पीछा कर ऑटो चालक को धर दबोचना चाहिए था या शोर मचाकर उसे पब्लिक से पकड़वाना चाहिए था। लेकिन उसने इस तीन आप्शन में से किसी का भी उपयोग नहीं किया जो इस बात को संदिग्ध बनाता है कि कहीं वह जज को ऑटो के धक्का को कन्फर्म करने लिए तो ऑटो के पीछे तो नहीं था ?

बता दें अब जब पुलिस इस एंगल से उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत को देखने कोशिश कर रही है, तो बाइक चालक का चेहरा और मोटरसाइकिल नंबर सीसीटीवी में पता नहीं चल पा रहा है, लेकिन यह शख्स घटना के बाद एक पल के लिए भी मौका-ए-वारदात पर नहीं रुका, न हीं एक बार भी पलट कर सड़क किनारे पड़े न्यायाधीश को देखा। यह ऑटो के पीछे-पीछे चला जा रहा था। बाइक सवार युवक की गतिविधि प्रथम दृष्टया संदेहास्पद लग रही है। अब पुलिस इसकी तलाश कर रही है।

उल्लेखनीय है कि झारखंड में सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद के लिए गुड सेमेरिटन पॉलिसी लागू है। इसके तहत घायलों को गोल्डन आवर यानी एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाने वालों को सम्मान स्वरूप राशि देने का प्रावधान है। मदद करने वाले को पुलिस परेशान नहीं कर सकती है, इसका भी प्रावधान है। बावजूद इसके मोटरसाइकिल सवार का नहीं रुकना पुलिस के लिए संदेह पैदा करता है।

बता दें कि हर दिन की तरह 28 जुलाई को भी धनबाद के एडीजे उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक पर निकले थे। वे सड़क की बाएँ ओर के किनारे चल रहे थे, तभी रणधीर वर्मा चौक के पास पीछे से आकर एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी। इससे वह सड़क पर गिर पड़े थे।

वे घायल अवस्था लगभग डेढ़ घंटा तक पड़े रहे। लगभग डेढ़ घंटे बाद वहां से गुजर रहे लोगों ने उन्हें आनन-फानन में शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद इस मामले में एसआईटी गठित की गयी।

एसआईटी ने ऑटो मालिक को दबोचा, नए खुलासे की उम्मीद, सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस

पाथरडीह भोरिक खटाल निवासी ऑटो मालकिन सुगनी देवी के पति रामदेव लोहार को 31 जुलाई की रात करीब साढ़े 10 बजे एसआईटी ने नाटकीय ढंग से अपने कब्जे में ले लिया। सुदामडीह पुलिस उसके घर पर छापामारी कर उसे ले गई। रामदेव लोहार को पकड़ने के लिए पुलिस पिछले दो दिनों से लगातार छापेमारी कर रही थी। उससे एसआईटी पूछताछ कर रही है।

ऑटो के पुराने चालक बुढ़वा उर्फ गोपाल स्वर्णकार ने खुलासा किया था कि रामदेव लोहार ने ऑटो चालक लखन वर्मा और राहुल वर्मा के साथ मिल कर ऑटो का इंश्योरेंस लेने की साजिश रची थी। रामदेव के कहने पर ही दोनों ऑटो को ठिकाने लगाने गिरिडीह जा रहे थे। हालांकि एसआईटी मान रही है कि रामदेव जज की मौत मामले में कुछ नया खुलासा कर सकता है। यदि साजिशन जज की हत्या हुई है तो रामदेव इस मामले की अहम कड़ी हो सकता है।

बताते हैं कि पुलिस दबिश के कारण वह अपने घर पर आ गया था। इसकी जानकारी होते ही पुलिस पहुंच गई और उसे पकड़ कर सुदामडीह थाना ले गई। इसके बाद जोड़ापोखर थाना लाया गया, लेकिन पुलिस इस संबंध में कुछ भी कहने से इनकार कर रही है। बताते हैं कि रामदेव लोहार पर 90 के दशक में लूट और चोरी के कई मामले दर्ज हुए थे। उस पर शराब का गोरखधंधा करने का भी आरोप लग चुका है। वह पहले भी जेल जा चुका है।

घटना स्थल पर जाँच करते एसआईटी अधिकारी

अस्पताल में आठ घंटे का सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस

एडीजे 8 उत्तम आनंद की मौत प्रकरण में पुलिस ने शनिवार को SNMMCH का सीटीसीटी फुटेज खंगाला। एडीजे को अज्ञात के रूप में सुबह 5.30 बजे इलाज के लिए SNMMCH के इमरजेंसी में लाया गया था। शनिवार को पुलिस की टीम SNMMCH पहुंची और यहां एडीजे को लाए जाने से लेकर उन्हें यहां से ले जाए जाने तक का फुटेज लिया है।

साथ ही पुलिस ने उनके इलाज के जुड़े कागजात भी लिए। घटना के दिन की सुबह 5.29 बजे से दोपहर लगभग एक बजे तक के फुटेज की जांच हो रही है। एडीजे सुबह 5.29 बजे ऑटो से इमरजेंसी लाए गए थे। उनके साथ आए लोगों ने अंदर जाकर सूचना दी। इसके बाद वार्डब्यॉय स्ट्रेचर में उन्हें माइनर ओटी में ले गए। इसी दौरान ऑटो वहां से चला गया। माइनर ओटी में लगभग एक घंटे तक उनका इलाज किया गया। इसके बाद सर्जिकल आईसीयू में शिफ्ट किया गया था।

इलाज की भी हो रही जांच

सूत्रों के अनुसार SNMMCH में एडीजे को घायलावस्था में लाए जाने के बाद उनके इलाज की भी जांच विभिन्न स्तर पर शुरू कर दी गई है। जरूरत पड़ने पर SNMMCH में उनका इलाज करने वाले डॉक्टरों और वहां मौजूद कर्मचारियों से भी पूछताछ हो सकती है। इस जांच के क्रम में एडीजे को SNMMCH में लाने के दौरान सबसे पहले किस कर्मचारी ने उन्हें अटेंड किया, किस डॉक्टर ने देखा और क्या इलाज किया गया इसकी भी जांच होगी। इमरजेंसी में भेजने वाले नर्स और लैब टेक्नीशियन (एलटी) से पुलिस ने 30 जुलाई की रात लगभग छः घंटे पूछताछ की।

बता दें नर्स और एलटी की कोविड ड्यूटी धनबाद स्टेशन पर लगी थी। ड्यूटी खत्म कर दोनों कोर्ट मोड़ के रास्ते वापस अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान गंगा मेडिकल के पास उन्होंने एडीजे को सड़क किनारे गिरा देखा था। इसके बाद वहां मौजूद अन्य लोगों से सहयोग से दोनों ने उन्हें ऑटो में चढ़ाया और SNMMCH के इमरजेंसी भेजा था।

फॉर्मेट बना कर सीबीआई को हैंडओवर किया जाएगा मामला

यदि सीबीआई केस का चार्ज लेती है तो एसआईटी अभी तक की जांच को फार्मेट बना कर केस का फाइल एसआईटी सीबीआई को हैंडओवर करेगी। जब तक सीबीआई के चार्ज लेने की आधिकारिक घोषणा नहीं होती तब तक एसआईटी की जांच जारी रहेगी। सीएम की सीबीआई जांच की अनुशंसा के बाद भी एडीजी संजय आनंद लाटकर सहित एसआईटी के अधिकारी धनबाद में जमे हुए हैं।

पाथरडीह थाना प्रभारी निलंबित, इसी थाना क्षेत्र से जज को टक्कर मारने वाले ऑटो की हुई थी चोरी

धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत मामले को लेकर रविवार को पाथरडीह थाना प्रभारी उमेश मांझी को निलंबित कर दिया गया। 28 जुलाई को जज को टक्कर मारने वाले ऑटो की चोरी पाथरडीह थाना क्षेत्र से हुई थी। पाथरडीह थाना प्रभारी पर ऑटो चोरी को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप है।

वहीं, 31 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने धनबाद के एडीजे उत्तम आनंद की मौत की सीबीआई जांच कराने की अनुशंसा की है। 28 जुलाई की सुबह मॉर्निंग वॉक के दौरान जज उत्तम आनंद को एक ऑटो ने टक्कर मार दी थी।

बता दें कि एक तरफ जहां एसआइटी टीम ऑटो मालिक को गिरफ्तार करने का दावा किया तो वहीं ऑटो मालिक रामदेव ने एक स्थानीय अखबार के पत्रकार को बताया कि वह सरेंडर करने जा रहा है। उसने कहा कि वह जज को जानता भी नहीं है।

सरेंडर करने से पूर्व उसने खुद को निर्दोष बताया। उसने कहा कि ऑटो चोरी हो गया था। बाद में पता चला कि ऑटो से जज की जान चली गई तो डर कर भाग गया। इस दौरान घर के आसपास ही जंगलों में छिपा रहा। यह पूछने पर कि क्या बीमा की राशि के लिए उसने खुद ऑटो चोरी करवाया, उसने कहा कि तीन माह पूर्व ही सेकेंड हैंड ऑटो खरीदा था। पेपर भी ट्रांसफर नहीं हुआ है तो इंश्योरेंस कैसे ले पाता। रामदेव ने यह भी कहा कि वह पूर्व में डकैती, चोरी समेत अन्य मामलों में जेल जा चुका है। अभी वह महुआ शराब बेचता है। उसके बाद रामदेव लोहार ने 31 जुलाई की रात सुदामडीह थाना में सरेंडर कर दिया।

पाथरडीह थाना प्रभारी उमेश मांझी

गैंगस्टर समेत 15 अपराधियों का केस देख रहे थे उत्तम आनंद

उत्तम आनंद रांची के होटवार जेल में बंद गैंगस्टर समेत 15 बड़े अपराधियों के मामलों की सुनवाई कर रहे थे। उनके पास लंबित केसों में कई हाई प्रोफाइल मर्डर और आदतन अपराधियों के मुकदमे भी शामिल थे। उन्होंने दो मामलों में दो सगे भाइयों समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

बता दें कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, जज उत्तम आनंद के सिर पर भारी चीज से चोट के निशान मिले हैं।

कब क्या हुआ

• 28 जुलाई की सुबह ऑटो ने धनबाद कोर्ट के ADJ-8 को रणधीर वर्मा चौक पर धक्का मारा। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

• 29 जुलाई को गिरिडीह और धनबाद से राहुल और लखन की गिरफ्तारी हुई।

• 29 जुलाई को मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट में सरकार ने बताया कि मामले की जांच के लिए ADG रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है।

• 30 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और राज्य के DGP और CS से मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी

• 30 जुलाई को जज के परिजन CM हेमंत सोरेन से मिले

• 31 जुलाई को CM ने CBI जांच की अनुशंसा की

(झारखण्ड से वरिष्ठ पत्रकार विशद कुमार की रिपोर्ट)

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