अरुण माहेश्वरी
बीच बहस
मोदी महज एक झुनझुना रह गये हैं
कर्नाटक में एग्जिट पोल के परिणामों से साफ है कि मोदी बहुत तेजी से आर्थिक गतिरोध में फंसी कंपनियों पर लागू होने वाले ‘लॉ आफ डिमिनिसिंग रिटर्न’ के चक्र में फंस कर अब पूरी तरह से दिवालिया हो जाने...
बीच बहस
कर्नाटक, महिला कुश्तीगीरों और शांति निकेतन में खुल गयी संघी मानसिकता की कलई
मोदी और संघियों ने जिस नंगई के साथ कर्नाटक चुनाव में बजरंगबली के नारों से धर्म का खुला प्रयोग किया, वह संसदीय जनतंत्र के प्रति इनके अंदर खुले तिरस्कार के भाव का, जनतांत्रिक और धर्म-निरपेक्ष समाज के नैतिक मानदंडों...
बीच बहस
करवट ले रहा है कर्नाटक!
कर्नाटक में सभी सूत्र अब कांग्रेस की भारी जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं। सी वोटर के यशवंत देशमुख, जो मोदी-शाह के तमाम नैतिक-अनैतिक चुनावी दांव-पेंचों के पंचमुख प्रशंसक रहे हैं, और राजनीति की अपनी खास समझ के अनुसार...
बीच बहस
संयुक्त मोर्चा की कठमुल्लावादी समझ
कल के ‘टेलिग्राफ़’ में प्रभात पटनायक की एक टिप्पणी है — सीमित रणनीति (Limited Strategy) । दिमित्राफ और फासीवाद के ख़िलाफ़ उनकी संयुक्त मोर्चा की कार्यनीति पर एक टिप्पणी।
टिप्पणी का पूर्वपक्ष है कि यदि फासिस्टों के प्रतिरोध के लिए...
बीच बहस
प्रतिवाद को क्या शब्दों का अभाव !
एक युग हुआ। सन् 2010 के बसंत का महीना था। तब अरब देशों में ‘सदियों’ की तानाशाहियों की घुटन में बसंत की एक नई बहार आई थी । ‘अरब स्प्रिंग’ । कहते हैं कि वह इस अरब जगत के...
बीच बहस
रवीश में संभावनाओं का कोई अंत नहीं!
मोदी-अडानी, अर्थात् सरकार-कारपोरेट की धुरी का एनडीटीवी पर झपट्टा भारत के मीडिया जगत में एक घटना के तौर पर दर्ज हुआ है। एक ऐसी घटना के तौर पर जो अपने वक्त के सत्य को सारे आवरणों को चीर कर...
बीच बहस
अपने उद्देश्य की सही दिशा में सफलता से आगे बढ़ रही है ‘भारत जोड़ो यात्रा’
इसमें कोई शक नहीं है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा‘ कांग्रेस नामक राजनीतिक दल से जुड़ी उस सांकेतिकता को सींच रही है, जिससे भारतीय राजनीति में स्वतंत्रता, धर्म-निरपेक्षता, जनतंत्र और राज्य के संघीय...
बीच बहस
गालियों का मोदीशास्त्र!
मोदी जी अक्सर हर थोड़े दिनों के अंतराल पर गालियों और कुत्साओं की गलियों में भटकते हुए पाए जाते हैं । या तो वे खुद अन्य लोगों को नाना प्रकार की गालियों से नवाजते हुए देखे जाते हैं, या...
बीच बहस
विमर्श के लिए शब्द ज़रूरी नहीं होते हैं
अभी चंद रोज़ पहले कोलकाता में गीतांजलि श्री जी आई थीं। प्रश्नोत्तर के एक उथले से सत्र के उस कार्यक्रम में घुमा-फिरा कर वे यही कहती रहीं कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं हैं कि कोई उनके उपन्यास...
ज़रूरी ख़बर
दक्षिण रुपये पैदा करता है और उत्तर बच्चे: इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट
‘इकोनॉमिस्ट’ पत्रिका के 29 अक्तूबर के ताज़ा अंक में भारत के आर्थिक यथार्थ के बारे में आँख खोल देने वाली एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसका शीर्षक है - भारत का आर्थिक भूगोल: जहां देशांतर ही सब कुछ...
About Me
Latest News
स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा
सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...