Wednesday, April 24, 2024

अरुण माहेश्वरी

कितनी अहम है चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस?

कल से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस शुरू हो गई है । दुनिया के कम्युनिस्ट आंदोलन के जानकारों के लिए ‘20वीं कांग्रेस’ पद ही खुद में एक रोमांचकारी पद है । सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएसयू)...

‘अनहद’ का गांधी विशेषांक: सत्ता के नैतिक विमर्श में गांधी हमेशा बने रहेंगे

गांधी पर ‘अनहद’ का विशालकाय (650 पृष्ठों का) अंक एक सुखद आश्चर्य की तरह आया है; गांधी के हत्यारों के प्रभुत्व-काल में ही गांधी के पुनरोदय के संकेत की तरह के सुखद आश्चर्य की तरह। दरअसल गांधी का व्यक्तित्व अपनी...

गांधी जी, सत्य और अहिंसा

कल (1 अक्तूबर) के ‘टेलिग्राफ’ में हिलाल अहमद का एक लेख ‘सत्याग्रह’ की बद्धमूल धारणा के संदर्भ में ‘एक संभावनापूर्ण हथियार’ (Potent Weapon) अपने तमाम संकेतों के साथ बहुत महत्वपूर्ण लेख था। उसे पढ़ते हुए ही आज गांधी जयंती...

राजस्थान प्रकरण: कांग्रेस, व्यक्ति और संगठन के प्रश्न

यह कांग्रेस का जगत है । सचमुच, भारत की राजनीति के परम ऐश्वर्य का जगत । राजनेताओें के अच्छे-बुरे, सारे लक्षणों की लीला-भूमि का राजनीतिक जगत । आलाकमान की आत्म रति और क्षत्रपों की स्वतंत्र मति-गति । सब साथ-साथ...

फतेहाबाद में विपक्ष की एकता भी है ‘भारत जोड़ो’ का एक राजनीतिक प्रतिफलन

कल (25 सितंबर) हरियाणा के फतेहाबाद में देवीलाल जी के 109वें जन्मदिवस के ‘सम्मान दिवस समारोह’ के मंच पर विपक्ष की ताक़तों की एकता का अनूठा प्रदर्शन बताता है कि आने वाले दिनों में भारत में सांप्रदायिक फासीवाद के...

सारी दुनिया में फासीवाद के खिलाफ जनसंघर्ष का एक नायाब उदाहरण होगा ‘भारत जोड़ो यात्रा’

आज के दमघोटू, डर और नफ़रत से भरे राजनीतिक वातावरण में कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भारी भीड़ के जोश और उत्साह के जो अभूतपूर्व नज़ारे दिखाई दे रहे हैं वे सारी दुनिया के सामने फासीवाद के खिलाफ...

राजनीति का नया आख्यान रच रही है राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’

तमिलनाडु के कन्याकुमारी से, तीन समुद्रों के मिलन की उच्छल तरंगों की गर्जना के बीच से शुरू हुई भारत की राजनीति के इतिहास की सबसे लंबी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का अभी सिर्फ़ एक सप्ताह पूरा हुआ है। कुल 3750...

सीपीएम नेत्री शैलजा का मैगसेसे को नकारने का फैसला कितना सही?

मार्क्स, एंगेल्स और लेनिन के विचारों में समाजवादी समाज और समाजवादी राज्य के अंगों की जो कटी-छँटी छवियाँ थीं, उन्हें रूस में नवंबर क्रांति और सोवियत संघ के विकास के साथ पहली बार एक समग्र, एकजुट छवि की पहचान...

क्या कोरा मतिभ्रम का शिकार है आरएसएस?

कल की पुण्य प्रसून वाजपेयी की वार्ता का विषय दिलचस्प था-संघ का मोदी-विहीन एनडीए ! जो संघ एकचालिकानुवर्तित्व के केंद्रीय कमांड के अपने सिद्धांत पर खुद टिका हुआ है और उसे पूरे देश के संचालन का आदर्श सिद्धांत मानता है,...

देखने वाले की एकांगी दृष्टि का दोष है सावरकर का महिमामंडन

यह एक बहुत दिलचस्प प्रसंग है । हमारे मित्र अजय तिवारी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लगाई वीर सावरकर के बारे में । शायद उन्हें लगा कि आज के सावरकर की स्तुति के काल में भी उनके प्रति ‘न्याय’...

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स्मृति शेष: सत्यजीत राय- वह जीनियस फ़िल्मकार जिसने पहली फिल्म से इतिहास रचा

सत्यजित राय देश के ऐसे फ़िल्मकार हैं, जिनकी पहली ही फ़िल्म से उन्हें एक दुनियावी शिनाख़्त और बेशुमार शोहरत...